शिशु जब बड़े होने लगते हैं, तो माता-पिता के मन में सबसे बड़ी चिंता उनके खाने को लेकर होती है. शुरुआत से मां के दूध पर निर्भर रहने वाले शिशु को 6 माह के बाद जरूरी पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थ खिलाने की जरूरत होती है. ऐसे में डेयरी प्रोडक्ट और खासकर दही का नाम जरूर आता है. फिर भी माता-पिता इस असमंजस में रहते हैं कि शिशु के लिए दही फायदेमंद है या नहीं. अगर है, तो शिशु को कौन सी उम्र से दही देना चाहिए.

आज हम ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब इस विशेष लेख में दे रहे हैं -

(और पढ़ें - बच्चों को शहद खिलाने के फायदे)

  1. क्या बच्चे के लिए दही सुरक्षित है?
  2. शिशु को किस उम्र से दही देना शुरू करें?
  3. शिशु के लिए दही के फायदे
  4. दही देते वक्त बरतें सावधानी
  5. शिशु के लिए दही से बनी रेसिपीज
  6. सारांश
बच्चे को दही खिलाने के फायदे के डॉक्टर

हां, शिशु के लिए दही को सुरक्षित खाद्य पदार्थ माना गया है. ऐसे में पेरेंट्स अपने बढ़ते शिशु के आहार में दही को शामिल कर सकते हैं. 

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शिशु के 6 महीने का होने के बाद उन्हें हल्का ठोस आहार का सेवन कराना शुरू किया जाता है. ऐसे में शिशु के 7 या 8 महीने का होने के बाद उसकी डाइट में दही को शामिल करना लाभकारी हो सकता हो सकता है. अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों के साथ आप कभी-कभी शिशु को दही दे सकते हैं.

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शिशु को दही खिलाने के कई फायदे हैं. ऐसे कुछ लाभों के बारे में हम यहां बता रहे हैं -

स्वस्थ हड्डियों के लिए

शिशु की हड्डियों के स्वस्थ विकास और मजबूती के लिए कैल्शियम जरूरी होता है. यह पोषक तत्व न सिर्फ हड्डियों, बल्कि स्वस्थ दांत के लिए भी आवश्यक है. ऐसे में कैल्शियम के लिए शिशु को डेयरी प्रोडक्ट देना लाभकारी हो सकता है. इसलिए, बच्चों की हड्डियों व दांतों की मजबूती के लिए उन्हें दही जरूर दें.

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बेहतर इम्यूनिटी के लिए

बड़ों की तुलना में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. यही कारण है कि बच्चे जल्दी बीमार हो जाते हैं, ऐसे में शिशु की बेहतर इम्यून पावर के लिए दही का सेवन कराना लाभकारी हो सकता है. इतना ही नहीं दही का नाम बेहतर इम्यून पावर वाले खाद्य पदार्थों के लिस्ट में भी शामिल किया गया है.

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स्वस्थ हृदय के लिए

बढ़ता वजन कई बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकता है. ऐसे में रीसर्च में यह बात सामने आई है कि दही का सेवन वजन को संतुलित कर हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है. इतना ही नहीं अन्य शोध में यह बात सामने आई है कि दही का सेवन हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करके हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है.

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वजन संतुलित रखने के लिए

शिशुओं को मोटापे का जोखिम हो सकता है. ऐसे में एक शोध से यह बात सामने आई है कि दही का सेवन बच्चों में बढ़ते वजन को संतुलित करने में सहायक पाया गया है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए पेरेंट्स अपने शिशु के हेल्दी वेट के लिए उन्हें दही का सेवन करा सकते हैं और मोटापे के कारण होने वाली बीमारियों से उनका बचाव कर सकते हैं.

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कोलिक के लिए

कोलिक की परेशानी होने पर शिशु को दही देना लाभकारी हो सकता है. दरअसल, दही में प्रोबायोटिक्स मौजूद होता है, जिस कारण इसे कोलिक में फायदेमंद माना गया है. बता दें कि कोलिक होने पर शिशु बिना किसी वजह से घंटों तक रोता रहता है या चिड़चिड़ा महसूस करता है. यह परेशानी खासकर रात के वक्त होती है. वहीं, शोध के अनुसार लगभग 20 प्रतिशत शिशु कोलिक की स्थिति से प्रभावित होते हैं. अगर शिशु एक दिन में 3 घंटे से ज्यादा रोता है, तो माना जा सकता है कि शिशु को कोलिक की समस्या है.

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ऊपर आपने पढ़ा कि दही शिशु के लिए कितना फायदेमंद है, लेकिन शिशु को दही खिलाते वक्त कुछ बातों को ध्यान में रखना भी आवश्यक है.

  • शिशु को शुरुआत में कम मात्रा में दही दें और कुछ दिन के लिए इंतजार करें, ताकि शिशु को दही सूट कर रहा है या नहीं इस बारे में आप जान सकें.
  • दही देने के कुछ दिनों तक शिशु के स्वास्थ्य पर ध्यान रखें. अगर शिशु के स्वास्थ्य में किसी प्रकार का नकारात्मक बदलाव दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इस बीच दही न दें.
  • अगर शिशु को दही सूट करे, तो उसे घर में बना ही दही दें. उन्हें फलेवर्ड या बाहर का दही बिल्कुल न दें.
  • जब तक शिशु एक साल का न हो जाए, तब तक शिशु को दही में चीनी या शहद मिलाकर न दें.
  • बच्चों को ठंडी दही न दें.
  • शिशु को दिन में ही दही दें, उन्हें रात में दही बिल्कुल न दें.

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शिशु के लिए दही से बनने वाली आसान व स्वादिष्ट रेसिपीज कुछ इस प्रकार हैं -

फ्रूट दही

सामग्री -

  • आधा सेब (छोटे टुकड़े में कटा हुआ)
  • एक कीवी (छोटे टुकड़े में कटा हुआ)

बनाने का तरीका -

  • एक कटोरी में दही और उसमें फलों के छोटे-छोटे टुकड़े मिला दें.
  • आप चाहें तो फलों को कद्दूकस करके भी डाल सकते हैं.
  • ध्यान रहे फलों के टुकड़े ऐसे हों, जो बच्चे के गले में न अटकें.
  • आप मौसम के अनुसार या शिशु की पसंद के अनुसार फल उसमें डाल सकते हैं.

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दही का रायता

सामग्री -

  • आधा खीरा कद्दूकस किया हुआ
  • एक कटोरी दही

बनाने का तरीका -

  • एक छोटी कटोरी दही लें.
  • अब उसमें कद्दूकस किया हुआ खीरा मिला दें.
  • तैयार है दही का रायता.
  • अगर शिशु एक साल से बड़ा है, तो आप इसमें स्वादानुसार नमक मिला सकते हैं.

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दही और चावल

सामग्री -

  • एक छोटा कप पके हुए चावल
  • एक छोटा कप दही

बनाने का तरीका -

  • सबसे पहले एक कटोरी में दही को अच्छी तरह से फेंट लें.
  • फिर उसमें पके हुए चावल मिला दें.
  • तैयार है शिशु के लिए दही चावल.
  • ध्यान रहे जब आप शिशु के लिए चावल पकाएं, तो उससे पहले चावल को अच्छी तरह से धो लें.

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ये थे शिशु के लिए दही से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां. उम्मीद है कि अब माता-पिता के मन में शिशु को दही देने से जुड़े जो सवाल हैं, उनके जवाब उन्हें मिल चुके होंगे. शिशु के लिए दही एक पौष्टिक आहार है, लेकिन दही देते वक्त इस लेख में बताई गई सावधानियों का भी पूरा ध्यान रखना आवश्यक है. इसलिए, सभी सावधानियों का ध्यान रखते हुए शिशु को बेझिझक दही दें और उनके स्वस्थ विकास में मदद करें.

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