कन्वर्शन डिसऑर्डर - Conversion Disorder in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

October 07, 2020

November 05, 2020

कन्वर्शन डिसऑर्डर
कन्वर्शन डिसऑर्डर

कन्वर्शन डिसऑर्डर, एक ऐसा विकार है जिसमें मानसिक या भावनात्मक परेशानियों के कारण व्यक्ति को शारीरिक समस्याओं का अनुभव होता है। यहां रोचक यह है कि भले ही आपको स्वास्थ्य समस्याओं के शारीरिक लक्षणों का अनुभव होता हो, लेकिन इसमें कोई भी अंतनिर्हित बीमारी या चोट स्पष्ट नहीं होता है। दूसरे शब्दों में इसे ऐसे समझा जा सकता है- कन्वर्शन डिसऑर्डर में व्यक्ति में तंत्रिका तंत्र संबंधी लक्षण (न्यूरोलॉजिकल) नजर आ सकते हैं, लेकिन इसके पीछे की कोई भी न्यूरोलॉजिकल बीमारी या अन्य चिकित्सा स्थिति स्प्ष्ट नहीं होती है। हालांकि, इसके लक्षण वास्तविक होते हैं जो कई प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप बाइक से बुरी तरह से गिरते हैं, इसके बाद अनुभव होता है कि जैसे आप हाथों को उठा नहीं पा रहे हैं। जबकि न तो हाथ में कोई चोट लगी है न ही शरीर के किसी अन्य हिस्से में।

कन्वर्शन डिसऑर्डर क्यों होता है, अभी इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि भावनात्मक तनावों से निपटने के लिए मस्तिष्क जिस प्रकार के प्रयास करता है, उसके कारण यह समस्या हो सकती है। कई प्रकार की थेरपी इस विकार के लक्षणों को कम करने में सहायक होती हैं। कन्वर्शन डिसऑर्डर में व्यक्ति अपनी शारीरिक प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होता है। विशेषज्ञों ने इसे फंक्शनल न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के व्यापक श्रेणी में शामिल किया है। 

इस लेख में हम कन्वर्शन डिसऑर्डर के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

कन्वर्शन डिसऑर्डर के लक्षण - Conversion Disorder symptoms in Hindi

कन्वर्शन डिसऑर्डर के लक्षण आमतौर पर अचानक ही विकसित होते हैं। ये लक्षण तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, या अन्य नसों) की समस्याओं की तरह से दिखते हैं। कन्वर्शन डिसऑर्डर के लक्षण और उसकी गंभीरता एक व्यक्ति से दूसरे में भिन्न हो सकती है। कुछ लोगों में इसके लक्षण सिर्फ एक या दो बार दिखाई देते हैं या फिर किसी तनाव की स्थिति में इन लक्षणों का अनुभव हो सकता है। रोगी को निम्न प्रकार की समस्याओं का अनुभव हो सकता है।

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कन्वर्शन डिसऑर्डर के कारण - Conversion Disorder causes in Hindi

कन्वर्शन डिसऑर्डर किन कारणों से होता है, इस बारे में स्पष्ट जाानकारी नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अत्यधिक तनाव लेने, इमोशनल स्ट्रेस या अवसाद के कारण इसके लक्षण नजर आ सकते हैं। यह किसी भी खतरे को लेकर शरीर की प्रति​क्रिया का भी परिणाम हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कन्वर्शन डिसऑर्डर होने का खतरा अधिक रहता है। इसके अलावा जिन लोगों को पहले भी इमोशनल स्ट्रेस की समस्या रह चुकी हो या जो आसानी से अपनी भावनाओं को व्यक्त न कर पाते हों, ऐसे लोगों को भी इस विकार का खतरा अधिक रहता है।

कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि मस्तिष्क के कुछ हिस्से जो आपकी मांसपेशियों और इंद्रियों के कामकाज को नियंत्रित करते हैं वह भी इसका कारण हो सकते हैं। विकार के लक्षण किस कारण से बढ़ रहे हैं इसे हर बार आसानी से पहचाना भी नहीं जा सकता है।

कन्वर्शन डिसऑर्डर के जोखिम कारक - Risk factors of Conversion Disorder in Hindi

निम्न स्थितियों में कन्वर्शन डिसऑर्डर का खतरा बढ़ जाता है।

  • यदि आपको पहले से ही मिर्गी या माइग्रेन जैसी समस्या हो, तो उस स्थिति में भी कन्वर्शन डिसऑर्डर होने का डर रहता है
  • हाल ही में यदि आपको किसी प्रकार का तनाव, भावनात्मक या शारीरिक आघात हुआ हो
  • यदि आपको मूड या एंग्जाइटी डिसऑर्डर या फिर डिएसोसिएटिव डिसऑर्डर की समस्या रही हो
  • परिवार के किसी सदस्य को कन्वर्शन डिसऑर्डर की समस्या हो
  • जो लोग बचपन में शारीरिक या यौन शोषण का शिकार रहे हों

उपरोक्त स्थितियां भी कन्वर्शन डिसऑर्डर की समस्या को जन्म दे सकती हैं। अगर आपको या परिवार के किसी सदस्य को उपरोक्त समस्याएं हों तो इस बारे में किसी मनोचिकित्सक से संपर्क करें।

कन्वर्शन डिसऑर्डर का निदान - Diagnosis of Conversion Disorder in Hindi

कन्वर्शन डिसऑर्डर का पता लगाने के लिए कोई भी विशेष परीक्षण उपलब्ध नहीं है। परीक्षणों के द्वारा विकार के शारीरिक, मानसिक या न्यूरोलॉजिकल कारणों का पता लगाने का प्रयास किया जाता है। डॉक्टर आपसे हाल की उन घटनाओं के बारे में भी पूछ सकते हैं जिसके करण आपको तनाव हुआ हो।

इसके अलावा निदान के लिए रोगी के लक्षणों के आधार पर कुछ परीक्षण किए जा सकते हैं।

  • सीटी स्कैन, एक्स-रे या अन्य इमेजिंग टेस्ट। इससे संभवित चोट और न्यूरोलॉजिकल स्थितियों का पता लगाया जाता है।
  • दौरे पड़ने के लक्षणों में इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम टेस्ट किया जाता है। इससे संबंधित न्यूरोलॉजिकल स्थितियां भी स्पष्ट हो जाती हैं।
  • इसके अलावा नियमित परीक्षण के रूप में रोगी के ब्लड प्रेशर को चेक किया जाता है।
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कन्वर्शन डिसऑर्डर का इलाज - Treatment of Conversion Disorder in Hindi

कन्वर्शन डिसऑर्डर का इलाज, रोगी की स्थिति और विकार के लक्षणों के आधार पर किया जाता है। परीक्षणों के माध्यम से यदि स्पष्ट होता है कि रोगी को कोई गंभीर शारीरिक समस्या नहीं है तो उसके लक्षणों को प्रतिबंधित करना अपेक्षाकृत आसान होता है।

यदि रोगी में किसी भी चिकित्सकीय या न्यूरोलॉजिकल रोग के कारण लक्षण बढ़ रहे हैं तो उनपर निम्न उपचार माध्यमों को प्रयोग में लाया जाता है।

  • कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी): इस मनोचिकित्सा के माध्यम से रोगी की नकारात्मक सोच को बदलकर उसमें सकारात्मक सोच का अनुभव कराया जाता है
  • फिजिकल या ऑक्यूपेशनल थेरपी
  • स्पीच थेरपी
  • तनाव को कम करने में मदद करने वाले अन्य उपाय और थेरपी

इस विकार के इलाज के लिए अब तक किसी भी दवा को मान्यता नहीं दी गई है। हालांकि, यदि रोगी को अवसाद या अन्य मनोदशा संबंधी विकार अथवा दर्द या अनिद्रा है, तो एंटीडिप्रेसेंट दवाएं दी जा सकती हैं। ध्यान रहे, ऐसी स्थिति में किसी भी दवा के प्रयोग से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य कर लें।