पैरालिसिस (लकवा, पक्षाघात) क्या होता है?
लकवा से ग्रस्त व्यक्ति अपनी एक या ज्यादा मांसपेशियों को हिलाने में असमर्थ हो जाता है।
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मांसपेशियों में किसी प्रकार की समस्या या अन्य बाधा कभी लकवा का कारण नहीं बनती, बल्कि मस्तिष्क से अंगों में संदेश पहुंचाने वाली तंत्रिकाओं और रीढ़ की हड्डी प्रभावित होने कि स्थिति में लकवा हो जाता है।
लकवा किसी एक मांसपेशी या समूह को प्रभावित कर सकता है या शरीर के बड़े क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है, यह सब उसके कारण पर निर्भर करता है।
स्ट्रोक, सिर या मस्तिष्क में चोट, रीढ़ की हड्डी में चोट और मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis) आदि, लकवा के मुख्य कारणों में से एक होते हैं।
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जब शरीर का कोई एक लिंब (भुजा और टाँगे) प्रभावित होता है तो उसको मोनोप्लेजिया (Monoplegia) कहा जाता है, जब शरीर के एक तरफ की एक भुजा और एक टांग प्रभावित हो जाए तो उस स्थिति को हेमिप्लेजिया (Hemiplegia) कहते हैं। जब शरीर के निचले हिस्सों के लिंब प्रभावित हो जाएं तो उसे पैराप्लेजिया (Paraplegia) कहा जाता है और चारों भुजा और टाँग प्रभावित होने पर इसे टेट्राप्लेजिया (Tetraplegia) या क्वॉड्रीप्लेजिया (Quadriplegia) कहा जाता है। कई बार जब शरीर के किसी अंग की मांसपेशियां अपना काम करना बंद या कम कर देती हैं तो उस स्थिति को पल्सी (Palsy) के नाम से जाना जाता है। जैसे बेल्स पल्सी (Bell's palsy), यह चेहरे की मांसपेशियों को प्रभावित करती है।
लकवा का निदान मरीज के लक्षण, शारीरिक परीक्षण और अन्य टेस्ट जैसे नसों का टेस्ट व स्कैन आदि के आधार पर किया जाता है।
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अगर किसी व्यक्ति में लकवा स्थायी हो चुका है तो उसका ईलाज नहीं किया जा सकता, मगर कुछ मशीनी अपकरणों की मदद से मरीज के जीवन को जितना हो सके आसान बनाने की कोशिश की जाती है।
कुछ मामलों में, जब लकवा टाँग और भुजाओं को प्रभावित कर देता है, तब न्यूरोप्रोस्थेसिस उपकरण (Neuroprosthesis Devices) का इस्तेमाल किया जाता है। यह विद्युत धाराओं की मदद से मांसपेशियों को उत्तेजित करता है, जिससे मरीज लकवाग्रस्त अंगों से कुछ गतिविधि कर पाता है। हालांकि, ये उपकरण काफी महंगा है और हर लकवा ग्रस्त मामलों के लिए उपयुक्त भी नहीं होता।
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