डिप्रेशन (अवसाद) - Depression in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

March 28, 2017

January 30, 2024

डिप्रेशन
डिप्रेशन

अवसाद क्या है? - Depression meaning in Hindi

दुःख, बुरा महसूस करना, दैनिक गतिविधियों में रुचि या खुशी ना रखना हम इन सभी बातों से परिचित हैं। लेकिन जब यही सारे लक्षण हमारे जीवन में अधिक समय तक रहते हैं और हमें बहुत अधिक प्रभावित करते हैं, तो इसे अवसाद यानि डिप्रेशन कहते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दुनिया भर में अवसाद सबसे आम बीमारी है - दुनिया भर में लगभग 35 करोड़ लोग अवसाद से प्रभावित हैं।

अवसाद एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है। विशेष रूप से यह एक मूड विकार है। डिप्रेशन से पीड़ित लोगों के अनुभव अलग-अलग होते हैं। यह आपके दैनिक कार्य में बाधा उत्पन्न कर सकता है, रिश्तों और कुछ पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं पर भी बुरा असर डाल सकता है।

यह समझना ज़रूरी है कि मूड का उतार-चढ़ाव अवसाद से अलग है। मूड का उतार-चढ़ाव तो हम अपने सामान्य और स्वस्थ जीवन में भी अनुभव करते हैं। हमारे दैनिक जीवन की चुनौतियों के प्रति हमारी अस्थायी भावुक प्रतिक्रियाएं अवसाद को जन्म नहीं देती हैं। हाँ अगर हम लम्बे समय तक दुखी और आशाहीन रहते हैं तो आपको अवसाद की समस्या हो सकती है।

अवसाद को एक गंभीर चिकित्सा स्थिति माना जाता है जो उचित उपचार के बिना बदतर हो सकती है। जो लोग उपचार करवाते हैं, उनमें अक्सर कुछ हफ्तों में लक्षणों में सुधार दिखने लगता है।

(और पढ़ें - मानसिक रोग दूर करने के उपाय)

डिप्रेशन (अवसाद) के प्रकार - Types of Depression in Hindi

डिप्रेशन कितने प्रकार के होते हैं?

अवसाद के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं - 

1. मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर

मेजर डिप्रेशन में व्यक्ति गहरी निराशा और आशाहीन में चला जाता है। मेजर डिप्रेशन का मुख्य चिन्ह है लक्षणों का संयोजन - काम करने, पढ़ने, सोने, खाने में बाधा उत्पन होना। मेजर डिप्रेशन में व्यक्ति गहरी निराशा और आशाहीन्ता में चला जाता है। मेजर डिप्रेशन केवल एक बार हो सकता है, लेकिन अकसर यह जीवन भर में कई बार होता है।

2. सायकोटिक डिप्रेशन

जो लोग मानसिक अवसाद के लिए अस्पताल में भर्ती होते हैं, उनमें से लगभग 25% लोग सायकोटिक डिप्रेशन से पीड़ित होते हैं। अवसाद के लक्षणों के अतिरिक्त सायकोटिक डिप्रेशन वाले लोगों में मतिभ्रम, तर्कहीन विचार और भय के लक्षण भी दिखते हैं।

3. डिस्थीमिया और क्रोनिक डिप्रेशन

डिस्थीमिया को लंबे समय से चल रहे अवसाद के रूप में संदर्भित किया जाता है। डिस्थीमिया की पहचान करने के लिए वयस्कों में यह कम से कम दो साल और बच्चों या किशोरों में एक वर्ष तक यह रहना चाहिए।

यह अवसाद का गंभीर रूप नहीं है, लेकिन इसके लक्षण कई वर्षों तक रह सकते हैं। जो लोग डिस्थीमिया से पीड़ित होते हैं, वे आमतौर पर सामान्य रूप से कार्य करने में सक्षम होते हैं पर हमेशा नाखुश लगते हैं। डिस्थीमिया और मेजर डिप्रेशन भिन्न हैं। डिस्थीमिया के लक्षण मेजर डिप्रेशन से कम होते हैं।

4. सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर

सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर हर साल एक ही समय में आता है। आम तौर पर यह सर्दियों में शुरू होता है और वसंत या गर्मियों की शुरुआत में समाप्त होता है। सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का एक दुर्लभ रूप "समर डिप्रेशन" (गर्मी के अवसाद) है। यह वसंत या गर्मियों की शुरुआत में शुरू होता है और वसंत के अंत में समाप्त होता है।

जो लोग सीजनल इफेक्टिव डिप्रेशन से पीड़ित हैं, उनमें प्रमुख अवसाद के लक्षण होते हैं जैसे उदासी, चिड़चिड़ापन सामान्य गतिविधियों में रूचि ना होता, सामाजिक गतिविधियों से भागना और ध्यान केंद्रित करने में कमी आदि।

5. बाइपोलर डिप्रेशन

इस डिप्रेशन में मन लगातार कई हफ़्तो तक या महिनों तक बहुत उदास या फिर बहुत अत्यधिक खुश रहता है। उदासी में नकारात्मक विचार तथा मैनिक डिप्रेशन में ऊंचे-ऊंचे विचार आते हैं। इसमें पीड़ित व्यक्ति का मन बारी-बारी से दो अलग और विपरीत अवस्थाओं में जाता रहता है। इस बीमारी में इंसान के व्यवहार में अचानक बदलाव देखने को मिलता है। कभी मरीज बहुत खुश तो कभी बहुत उदास रहता है। यह बाइपोलर डिसऑर्डर से फरक है।

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डिप्रेशन (अवसाद) के लक्षण - Depression Symptoms in Hindi

डिप्रेशन के लक्षण क्या है?

डिप्रेशन किस प्रकार का है, उसके अनुसार डिप्रेशन के लक्षण भिन्न हो सकते हैं। डिप्रेशन न केवल आपके विचारों और भावनाओं को प्रभावित करता है, यह आपके कार्य और दूसरों के साथ आपके संबंधों पर भी प्रभाव डाल सकता है। तो चलिए जानते हैं अवसाद के लक्षणों के बारे में -

  • उदासी
  • थकान
  • ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
  • दुख
  • गुस्सा आना
  • चिड़चिड़ापन
  • हताशा
  • आनंददायक या मजेदार गतिविधियों में भाग न लेना
  • बहुत अधिक नींद या बहुत कम नींद आना
  • एनर्जी में कमी, अस्वस्थ भोजन की लालसा करना
  • चिंतित रहना
  • दूसरों से अलग रहना
  • बेचैनी
  • स्पष्ट रूप से सोचने या निर्णय लेने में परेशानी
  • काम या स्कूल में खराब प्रदर्शन
  • अपराधबोध होना
  • मन में आत्मघाती विचार लाना
  • सिर या मांसपेशियों में दर्द रहना
  • शराब या ड्रग्स की लत

डिप्रेशन (अवसाद) के कारण - Depression Causes in Hindi

अवसाद क्यों होता है?

अवसाद के कई संभावित कारण हैं। आम कारणों में शामिल हैं -

  • परिवार में डिप्रेशन का इतिहास - यदि आपके परिवार में अवसाद या किसी अन्य मानसिक विकार का इतिहास है, तो आपको अवसाद होने का अधिक जोखिम है।
  • बचपन में ट्रामा (मानसिक चोट) - कई बार में बचपन में हुई कुछ घटनाओं से आपके शरीर का डर और तनावपूर्ण स्थितियों के प्रति प्रतिक्रिया करने का तरीका प्रभावित हो जाता है।
  • मस्तिष्क की संरचना - यदि आपके मस्तिष्क का "फ्रंटल लोब" (आगे का हिस्सा) कम सक्रिय है तो अवसाद का जोखिम अधिक होता है। हालांकि, वैज्ञानिकों को यह पता नहीं है कि अवसाद के लक्षणों की शुरुआत से पहले या बाद में ऐसा होता है।
  • अन्य बीमारियां - कुछ बीमारियां आपको डिप्रेशन होना का जोखिम बढ़ा सकती हैं जैसे कि क्रोनिक बीमारियां, अनिद्रा, क्रोनिक दर्द, या एडीएचडी
  • ड्रग्स लेना - शराब या ड्रग्स के दुरुपयोग का इतिहास आपको डिप्रेशन होने का जोखिम बढ़ा सकता है। जिन लोगों को कभी नशीले पदार्थ की लत रही हो, उनमें से लगभग 20% को अवसाद भी हो जाता है।

इन कारणों के अलावा, अवसाद के अन्य जोखिम कारकों में शामिल हैं -

  • आत्म-सम्मान कम होना या आत्म-आलोचनात्मक होना
  • मानसिक बीमारी का व्यक्तिगत इतिहास
  • कुछ दवाएं
  • तनावपूर्ण घटनाएं, जैसे कि किसी प्रियजन की मृत्यु, आर्थिक समस्याएं या तलाक

अवसाद होने के कारण अक्सर आपके स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं से जुड़े होते हैं।

हालांकि, कई मामलों में डॉक्टर यह निर्धारित करने में असमर्थ रहते हैं कि अवसाद का कारण क्या है।

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डिप्रेशन (अवसाद) से बचाव - Prevention of Depression in Hindi

डिप्रेशन से कैसे बचा जा सकता है?

डिप्रेशन की समस्या शुरू होने या बार-बार डिप्रेशन होने से रोकने के लिए कई असरदार तरीके मौजूद हैं। इन उपायों में शामिल हैं -

  • अपना ध्यान रखें - अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अनदेखा न करें
  • नियमित दिनचर्या का पालन करें
  • अपने खान-पान पर ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि यह स्वस्थ और संतुलित आहार है
  • अपने आत्मसम्मान और आत्मविश्वास पर काम करें। यह आपको कठिनाइयों से निपटने में अधिक सक्षम बना देगा
  • दोस्तों और परिवार की सहायता लें - उनसे दूरी न बनायें
  • तनाव से निपटने के तरीके अपनाएं। उदाहरण के तौर पर एक हॉबी शुरू कर सकते हैं, प्रेरणादायक किताबें पढ़ सकते हैं, प्रेरक फिल्म या वीडियो देख सकते हैं, संगीत सुन सकते हैं, ध्यान कर सकते हैं, नृत्य कर सकते हैं या व्यायाम कर सकते हैं
  • मदद मांगने में शर्माएं नहीं। सही समय पर मदद मिलने से डिप्रेशन होने से रोका जा सकता है
  • उदासी महसूस होने पर खुद दवा लेना शुरू न करें
  • जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास करें

डिप्रेशन (अवसाद) का परीक्षण - Diagnosis of Depression in Hindi

अवसाद का निदान कैसे लिया जाता है?

डॉक्टर अवसाद का निदान निम्नलिखित परीक्षणों द्वारा कर सकते हैं -

  1. शारीरिक परिक्षण - डॉक्टर आपका शारीरिक परिक्षण कर सकते हैं, और आपसे आपके स्वास्थय से सम्बंधित सवाल भी पूछ सकतें हैं। कुछ मामलों में, अवसाद शारीरिक समस्याओं के कारण होता है।
  2. प्रयोगशाला परीक्षण - डॉक्टर रक्त परीक्षण कर सकतें हैं। जिसे पूर्ण रक्त गणना कहा जाता है, या थायरॉयड का परीक्षण कर सकतें हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह ठीक से काम कर रहा है।
  3. मनो-चिकित्‍सा संबंधी परिक्षण - डॉक्टर आपके लक्षण, विचार, भावनाओं और व्यवहार के पैटर्नों के बारे में पूछतें है, इन सवालों के जवाब देने के लिए आपको एक प्रश्नावली भरने के लिए कहा जा सकता है।
 

डिप्रेशन (अवसाद) का इलाज - Depression Treatment in Hindi

अवसाद का इलाज कैसे किया जाता है?

विषाद एक चिकित्सा योग्य मानसिक रोग है। अवसाद को निम्नलिखित तरीकों से ठीक किया जा सकता हैं -

  1. समर्थन 
  2. साइकोथेरपी - इसे टॉकिंग थेरेपी भी कहा जाता है, जैसे कि कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT)।
  3. दवाइयों द्वारा इलाज - एंटीडेप्रेसेंट्स का उपयोग होता होता है। 

साइकोथेरपी  

  1. अवसाद के लिए की जाने वाली साइकोलॉजिकल या टॉकिंग थेरेपी में कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT), इंटरपर्सनल साइकोथेरपी और समस्या निवारण उपचार शामिल है।
  2. CBT और इंटरपर्सनल थेरेपी दो मुख्य प्रकार की साइकोथेरपी हैं, जिनका इस्तेमाल अवसाद को ठीक करने के लिए किया जाता है। CBT को आमने-सामने, समूह में या टेलीफोन द्वारा व्यक्तिगत सत्रों में वितरित किया जा सकता है।

एंटी-डेप्रेसेंट्स दवाइयां

इन दवाइयों  का डॉक्टर द्वारा सुझाव दिया जाता है। इन दवाइयों का मध्यम से लेकर तीव्र अवसाद को ठीक करने में इस्तेमाल होता है। यह दवाइयां छोटें बच्चों को नहीं दी जाती हैं। किशोरों को भी बहुत सावधानी से इसका इस्तेमाल करना चाहिए। उदहारण के लिए ट्राईसाइक्लिक एंटी-डेप्रेसेंट्स (tricyclic anti-depressants)।

व्यायाम और अन्य इलाज

  1. एरोबिक व्यायाम - एरोबिक व्यायाम हल्के अवसाद को ठीक कर सकता है क्योंकि यह न्यूरोट्रांसमीटर नोरेपिनेफ्रिन को उत्तेजित करता है, जो मूड से संबंधित है।
  2. मस्तिष्क उत्तेजना उपचार - इलेक्ट्रोकंवल्सिव थेरेपी सहित यह अवसाद में भी उपयोग किया जाता है।
  3. इलेक्ट्रोकंवल्सिव थेरेपी (Electroconvulsive therapy) - अवसाद के गंभीर मामले जिनसे दवाओं द्वारा इलाज में फर्क नहीं पड़ा है, उन्हें इलेक्ट्रोकंवल्सिव थेरेपी (ईसीटी) से फायदा हो सकता है; यह मनोवैज्ञानिक अवसाद के लिए विशेष रूप से प्रभावी है।
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डिप्रेशन कब तक रहता है? - How long does it take to treat depression in Hindi?

डिप्रेशन कितने दिन तक रहता है?

डिप्रेशन कितने समय तक रहता है, यह जीवनशैली से सम्बंधित कारकों पर निर्भर करता है और इस पर भी कि आपको शीघ्र उपचार प्राप्त होता है या नहीं। यह कई हफ्तों, महीनों या वर्षों तक रह सकता है।

डिप्रेशन एक गंभीर बीमारी है, और डिप्रेशन के कई मरीजों को डिप्रेशन के एपिसोड बार-बार होते रहते हैं।

इसका मतलब यह नहीं है कि कोई आशा की किरण नहीं है - बल्कि सच्चाई इससे बहुत दूर है।

ऐसी कई ट्रीटमेंट और टूल्स हैं जिनका उपयोग उपचार में मदद करने और लक्षणों को कम करने के साथ-साथ डिप्रेशन के एपिसोड के होने और उनकी गंभीरता को कम कर सकती हैं।

डिप्रेशन क्रोनिक हो सकता है लेकिन इसको मैनेज करना बिलकुल संभव है।

डिप्रेशन (अवसाद) के नुकसान - Depression Complications in Hindi

अवसाद से क्या नुकसान और अन्य परेशानियां हो सकती हैं?

अवसाद एक गंभीर विकार है जिसके कारण आपको और आपके परिवार को बहुत मुश्किल का सामना कर पद सकता है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाये, तो अवसाद अक्सर अधिक खराब हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप भावनात्मक, व्यवहारिक और स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं जो आपके जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करता हैं।

अवसाद के साथ जुड़े जटिलताओं के उदाहरणों में शामिल हैं -

  1. अत्यधिक वजन या मोटापा, जिससे हृदय रोग और शुगर हो सकता है
  2. दर्द या शारीरिक बीमारी
  3. शराब या नशीली दवाओं के दुरुपयोग
  4. चिंता, आतंक विकार या सामाजिक भय
  5. पारिवारिक संघर्ष, रिश्ते संबंधी कठिनाइयों और काम या स्कूल की समस्याएं
  6. सामाजिक अलगाव
  7. आत्मघाती भावनाएं, आत्महत्या के प्रयास या आत्महत्या
  8. आत्म-विकृति, जैसे खुद को काटना
  9. बीमारी से समयपूर्व मृत्यु

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संदर्भ

  1. American Psychiatric Association [Internet] Washington, DC; Depression
  2. National Institute of Mental Health [Internet] Bethesda, MD; Depression. National Institutes of Health; Bethesda, Maryland, United States
  3. National Institute of Mental Health [Internet] Bethesda, MD; Depression. National Institutes of Health; Bethesda, Maryland, United States
  4. National Health Service [Internet]. UK; Depression

डिप्रेशन (अवसाद) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Depression in Hindi

डिप्रेशन (अवसाद) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

डिप्रेशन (अवसाद) पर आम सवालों के जवाब

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मुझे डिप्रेशन है। मैं कैसे इससे बाहर निकल सकता हूं? डिप्रेशन की वजह से मुझे कई तरह की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है? मुझे पुरानी बातें बहुत याद आती हैं जिसकी वजह से मुझे बार-बार डिप्रेशन होने लगता है। मैं इससे बचने के लिए क्या करूं?

Dr. Kumawat Vijay Kumar MBBS , सामान्य चिकित्सा

डिप्रेशन बहुत ही मुश्किल स्थिति है। आप खुद ही कल्पना मत कीजिए कि आपको डिप्रेशन है। इसके लिए आप साइकेट्रिस्ट या साइकोलोजिस्ट से अपना चेकअप करवा लें। इसके बाद अगर डिप्रेशन की पुष्टि होती है तो आप डिप्रेशन की दवा और साइकोथेरेपी की मदद से इसे ठीक कर सकते हैं, लेकिन अगर आपके परीक्षण में डिप्रेशन नहीं पाया जाता है और आप फिर भी दुखी या मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस करते हैं तो मेन्टल हैल्थ प्रोफेशनल से मिलें, वह इस समस्या से बाहर निकलने में आपकी मदद कर सकते हैं।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मेरी दोस्त बहुत ज्यादा डिप्रेशन में है। डॉक्टर ने उसे Zapir 25 एमजी प्रिस्क्राइब की है लेकिन वह इसका ओवरडोज लेना चाहती है, वह इस मेडिसिन की 20 गोलियां एक साथ लेना चाहती है। मैं उसके लिए बहुत परेशान हूं, हम उससे दवा छुपाते रहते हैं। मुझे जानना है कि अगर वह इस दवा के इतने डोज लेती है तो इसका क्या प्रभाव हो सकता है? इसके दुष्प्रभाव क्या होंगे?

Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्सा

दवा का ओवरडोज उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। इसके लिए आप उन्हें साइकोथेरेपिस्ट के पास ले जाएं। इस मामलें में साइकेट्रिस्ट आपके दोस्त की मदद कर सकते हैं। काउन्सलिंग से डिप्रेशन को दूर करने में काफी मदद मिलती है।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

डिप्रेशन का इलाज बिना दवा के कैसे किया जा सकता है?

Dr. Kuldeep Meena MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पीडियाट्रिक, डर्माटोलॉजी, श्वास रोग विज्ञान, गुर्दे की कार्यवाही और रोगों का विज्ञान, सामान्य चिकित्सा, अन्य, संक्रामक रोग, आकस्मिक चिकित्सा, प्रतिरक्षा विज्ञान, आंतरिक चिकित्सा, मल्टीस्पेशलिटी

अध्ययन बताते हैं कि कम डिप्रेशन को बिना दवा के साइकोथेरेपी की मदद से ठीक किया जा सकता है लेकिन मध्यम और गंभीर डिप्रेशन के लिए साइकोथेरेपी के साथ दवा की भी जरूरत होती है। कोई भी इलाज शुरू करने से पहले साइकेट्रिस्ट से सलाह जरूर लें।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मैं पिछले 2 साल से डिप्रेशन में हूं। डिप्रेशन से जल्दी कैसे बाहर आ सकते हैं और किस तरह से मैं टेंशन फ्री एक बेहतर लाइफ जी सकता हूं?

ravi udawat MBBS , General Physician

डिप्रेशन से बाहर निकलने में काउन्सलिंग की मदद ले सकते हैं। इससे आप बिना दवा के भी ठीक हो सकते हैं। इसके लिए आप साइकेट्रिस्ट से मिलें। योग और मेडिटेशन करें, इससे स्ट्रेस भी दूर होता है और डिप्रेशन को भी कम किया जा सकता है।