आयुर्वेद की मानें तो नाभि ही वह जगह है, जहां से जिंदगी की शुरुआत होती है. इससे ही मां और बच्चा जुड़ता है और यही वह जगह है, जहां से अलग-अलग अंगों की नसें जुड़ी रहती हैं. इसलिए आयुर्वेद में माना जाता है कि नाभि में तेल लगाने से कई बीमारियां दूर रहती हैं और जब नाभि में नारियल तेल लगाया जाता है, तो इसके अनगिनत फायदे होते हैं. इसे पेचोती विधि भी कहा जाता है. नाभि पर नारियल तेल को लगाने से स्किन ड्राइनेस और इंफेक्शन से बची रहती है, साथ ही यह पेट को अपच, डायरिया और फूड पॉइजनिंग से बचाकर दुरुस्त रखता है.

आज इस लेख में जानते हैं नाभि में नारियल तेल लगाने के फायदे के बारे में -

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  1. नाभि में नारियल तेल लगाने के फायदे
  2. सारांश
नाभि में नारियल तेल लगाने के फायदे के डॉक्टर

नाभि में नारियल तेल लगाने के कई फायदे हैं, जो स्किन को चमकाने के साथ ही फर्टिलिटी को बढ़ाने में भी योगदान देते हैं. आइए, विस्तार से नाभि में नारियल तेल लगाने के फायदों के बारे में जानते हैं -

स्किन को बचाता है इंफेक्शन से

नारियल तेल में मौजूद एंटी बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण स्किन को ड्राइनेस और इंफेक्शन से बचाते हैं. ऐसे में रोजाना नाभि में नारियल तेल लगाने से बैक्टीरिया को पनपने का मौका नहीं मिलता है. इस इंफेक्शन को खत्म करने में नारियल तेल शानदार तरीके से काम करता है. इसलिए, दिन में दो बार नाभि में नारियल तेल लगाने की सलाह दी जाती है, खासकर सर्दियों में.

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चमकाता है चेहरे को

घर में स्किन क्लींंजर और टोनर बनाया जा सकता है, जिससे चेहरे को प्राकृतिक रौनक और रंगत मिलती है. इसके लिए नारियल तेल में नीम के तेल को मिलाकर मिश्रण तैयार करना होता है. यह मिश्रण स्किन को कोमल करता है और चेहरे को चमकाता है. इसके लिए नाभि में इस मिक्स्चर ऑयल की कुछ बूंदें 10 मिनट के लिए डालने की जरूरत होती है. इस तरह से तेल के नाभि में लगातार इस्तेमाल से स्किन के दाग-धब्बे गायब हो जाते हैं और चेहरा चमक उठता है.

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होंठ, हाथ व पैर रहते हैं मुलायम

नारियल तेल को नाभि में लगाने से ड्राई होते हाथ और पैर भी सॉफ्ट हो जाते हैं. नाभि पर इसका लगातार इस्तेमाल होंठ को भी मुलायम और खूबसूरत बनाने में अहम भूमिका निभाता है. यही नहीं, इससे फटने वाली एड़ी भी धीरे-धीरे सॉफ्ट होने लगती है और वहां की ड्राइनेस गायब हो जाती है. नारियल तेल में उपस्थित मीडियम चेन ट्राइग्लाइसराइड एक तरह का सैचुरेटेड फैट है, जो अपने एंटीमाइक्रोबियल और एंटीफंगल गुण के कारण शानदार तरीके से काम करता है.

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पेट को रखता है दुरुस्त

अपच, डायरिया और फूड पॉइजनिंग जैसे लक्षण की स्थिति होने पर नारियल तेल का इस्तेमाल नाभि पर जरूरी असर दिखाता है. इसके गुणों को बढ़ाने के लिए पुदीन के तेल में नारियल तेल को मिलाने के बाद नाभि में लगाने की सलाह दी जाती है. यह आश्चर्यजनक तौर पर ब्लॉटिंग और कब्ज को भी दूर करने में मददगार है. आप नारियल तेल को पुदीन के तेल के अलावा अदरक के तेल के साथ भी मिलाकर लगा सकते हैं.

बढ़ती है फर्टिलिटी

नाभि को मां और बच्चे के बीच की कड़ी माना जाता है. इसलिए, नाभि को फर्टिलिटी से भी जोड़कर देखा जाता है. नारियल तेल में ऐसे गुण होते हैं, जो फर्टिलिटी को बूस्ट करने में सहायक हो सकते हैं. प्रेगनेंसी के लिए एग्स की क्वालिटी को बढ़ाने और यूट्रस को पोषण प्रदान करने के लिए ऑर्गेनिक जैतून के तेल के साथ नारियल तेल को मिलाकर नाभि पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश की सलाह दी जाती है.

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नारियल तेल में मौजूद मीडियम चेन ट्राइग्लाइसराइड के साथ मौजूद एंटी माइक्रोबियल और एंटीफंगल गुण की वजह से यह तेल बड़े काम का है. इसे नाभि में लगाने से यह स्किन को ड्राइनेस और इंफेक्शन से बचाता है. इसके साथ ही यह अपच, डायरिया और फूड पॉइजनिंग जैसे लक्षणों को दूर करके पेट को दुरुस्त रखता है.

Dr Prashant Kumar

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