बच्चे के मस्तिष्क में अगर असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित तरीके से वृद्धि होने लगे तो इसकी वजह से उसके मस्तिष्क में ब्रेन ट्यूमर बनने लगता है जिसे पीडियाट्रिक ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। चूंकि खोपड़ी (skull) के अंदर सीमित जगह होती है लिहाजा ट्यूमर की वजह से मस्तिष्क के अलग-अलग हिस्सों पर दबाव बनने लगता है। इस दबाव की वजह से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली प्रभावित होने लगती है और इसका सीधा असर शरीर पर नजर आता है। बच्चों में होने वाला यह ब्रेन ट्यूमर कैंसरयुक्त (malignant) और बिना कैंसर वाला (benign) दोनों हो सकता है।

अगर शुरुआती स्टेज में ही ट्यूमर का पता चल जाए तो आमतौर पर इसका इलाज पूरी तरह से हो सकता है। अगर ट्यूमर धीमी-गति से बढ़ने वाला हो तो सर्जरी करके उसका इलाज किया जा सकता है लेकिन अगर ट्यूमर बेहद तेज गति से बढ़ने वाला हो तो सर्जरी के अतिरिक्त कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी की भी जरूरत पड़ती है। आज 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे के मौके पर हम आपको बता रहे हैं उन शुरुआती संकेतों के बारे में जो बच्चे में ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं।

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1. सिरदर्द और जी मिचलाना
सिर में दर्द और जी मिचलाना बच्चों में बेहद कॉमन है और यह कई बीमारियों का संकेत हो सकता है। हालांकि असामान्य मामलों में ट्यूमर के कारण ब्रेन पर बढ़ने वाले दबाव की वजह से भी बच्चे को सिर में दर्द और उल्टी या जी मिचलाने जैसा महसूस हो सकता है। अगर ये लक्षण लगातार बने रहें तो आपको तुरंत चिकित्सीय मदद लेनी चाहिए। वैसे बच्चे जिन्हें ब्रेन ट्यूमर होता है उन्हें सुबह के समय बहुत तेज सिरदर्द महसूस होता है क्योंकि जब व्यक्ति लेटा रहता है तब उसके ब्रेन पर दबाव अधिक होता है और ट्यूमर इस दबाव को और ज्यादा गंभीर बना देता है।

2. व्यक्तित्व में बदलाव
वैसे तो बच्चे के बड़े और मैच्योर होने के दौरान व्यक्तित्व में बदलाव नजर आना सामान्य सी बात है। लेकिन अगर आपको अपने बच्चे के व्यवहार और व्यक्तित्व में अचानक बहुत ज्यादा गंभीर बदलाव या मूड स्विंग्स नजर आए तो यह बच्चे के मस्तिष्क में मौजूद ब्रेन ट्यूमर की वजह से भी हो सकता है जो मस्तिष्क में मौजूद सेरेब्रल कॉर्टेक्स को प्रभावित करता है। इस मामले में आपको अपने बच्चे के पीडियाट्रिशन से चर्चा जरूर करनी चाहिए।

3. हर वक्त नींद में रहना, ऊंघाई आना
ब्रेन ट्यूमर का एक और सामान्य लक्षण है थकान। अगर आपका बच्चा हर वक्त बिना कारण के आलसी बना रहे, नींद में रहे और थकान महसूस करे तो आपको बच्चे के पीडियाट्रिशन से संपर्क करना चाहिए ताकि पता चल सके कि इसके पीछे कोई बड़ी बीमारी तो जिम्मेदार नहीं है।

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4. संतुलन बनाने में मुश्किल हो
अगर आपके बच्चे को अपने शरीर का संतुलन बनाए रखने में दिक्कत हो रही है तो यह मस्तिष्क में मौजूद स्टेम सेल्स के पास ट्यूमर के विकास की वजह से भी हो सकता है। अगर यह समस्या लगातार और लंबे समय तक बनी रहे तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

5. बोलने, देखने या सुनने में बदलाव
अगर आपके बच्चे को अचानक देखने, सुनने या बोलने में दिक्कत महसूस हो या किसी तरह का बदलाव नजर आए तो बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें। ब्रेन के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद ब्रेन ट्यूमर के प्रभाव की वजह से भी ये सभी लक्षण बच्चे में नजर आ सकते हैं।

6. सिर का आकार बढ़ना
छोटे बच्चों के सिर की खोपड़ी की हड्डी नरम और मुलायम होती है और इस वजह से वह ब्रेन ट्यूमर को बढ़ने के लिए जगह दे सकती है और ट्यूमर के बढ़ने की वजह से सिर का आकार असामान्य तरीके से बड़ा हो सकता है। ऐसे में अगर आपको अपने बच्चे के सिर में असामान्य बदलाव या उभार नजर आए तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि बच्चे की जरूरी जांच कर कारण का पता लगाया जा सके।

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7. दौरे पड़ना
अगर आपके बच्चे को नियमित रूप से दौरे पड़ते हों तो आपको बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। मस्तिष्क में ब्रेन ट्यूमर होने पर दौरे पड़ते हैं और अक्सर सामान्य गतिविधियां करने जैसे- हंसने की वजह से भी दौरे पड़ सकते हैं। 

(इस आर्टिकल को फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट गुरुग्राम के न्यूरोलॉजी विभाग के डायरेक्टर और एचओडी डॉ प्रवीण गुप्ता ने लिखा है)

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