इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर दुर्लभ प्रकार का ब्रेस्ट कैंसर है. इसके प्रभाव से ब्रेस्ट में सूजन आ जाती है. इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर तब होता है, जब कैंसर सेल्स ब्रेस्ट को कवर करने वाली त्वचा में लिंफेटिक वेसल्स को बनने से रोकते हैं. निप्पल का अंदर की तरफ मुड़ जाना व ब्रेस्ट का मोटा होना आदि इस बीमारी के लक्षण हैं. कीमोथेरेपी जैसे कुछ इलाज इस बीमारी में फायदेमंद रहते हैं.

आज लेख में आप इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. क्या है इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर?
  2. इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
  3. इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर के कारण
  4. इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर का इलाज
  5. सारांश
  6. जानिए इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर के बारे में के डॉक्टर

इसे एडवांस्ड ब्रेस्ट कैंसर माना जाता है, क्योंकि ये आसपास वाली जगह पर तेजी से फैलता है, जिससे ब्रेस्ट में सूजन हो जाती है. इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर होने पर ब्रेस्ट में गांठ नहीं बनती, जैसा कि अन्य प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर में देखा जाता है. ये ब्रेस्ट कैंसर मैमोग्राम या अल्ट्रासाउंड में दिखाई नहीं दे सकता है और कई बार सिर्फ संक्रमण जैसा नजर आता है. जब तक इसका पता चलता है, ये ब्रेस्ट की स्किन में विकसित हो चुका होता है. कुछ मामलों में तो ये शरीर के अन्य भागों में भी फैल जाता है.

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महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें ।  

इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर के सभी लक्षण 6 महीने के अंदर नजर जा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं -

  • ब्रेस्ट पर लाल व गुलाबी दाग होना.
  • एक ब्रेस्ट का बड़ा होना.
  • कई सप्ताह के दौरान एक ब्रेस्ट में ज्यादा बदलाव होना.
  • एक ब्रेस्ट में भारीपन महसूस होना.
  • कैंसर से ग्रस्त ब्रेस्ट में ज्यादा गर्मी महसूस होना.
  • ब्रेस्ट में दर्द होना.
  • निप्पल का अंदर की तरफ मुड़ जाना.
  • बगलों में, कॉलर बोन के ऊपर या कॉलर बोन के नीचे लिंफ नोड का बढ़ जाना.

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ये कैंसर किन कारणों से होता है, अभी वैज्ञानिक इस बारे में स्पष्ट रूप से कुछ भी कहने में सक्षम नहीं हैं. फिर भी विशेषज्ञों के मुताबिकि जब ब्रेस्ट के डीएनए में बदलाव देखने को मिलते हैं, तब कैंसर सेल्स उत्पन्न होना शुरू होते हैं. ये सेल्स उन ट्यूब में विकसित होती हैं, जो ब्रेस्ट मिल्क को निप्पल तक पहुंचने का काम करते हैं. यह कैंसर ग्लैंडुलर टिश्यू में भी शुरू हो सकती है, जहां ब्रेस्ट मिल्क बनता है. अगर सेल की डीएनए में ग्रोथ होने लगती है और वह नहीं रुकती, तो ब्रेस्ट कैंसर शुरू हो जाता है.

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इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कीमोथेरपी से शुरू होता है. अगर कैंसर अन्य हिस्सों में नहीं फैला है, तो इलाज सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी से भी हो सकता है. अगर यह कैंसर अन्य हिस्सों में फैल गया है, तो डॉक्टर कैंसर को कम फैलने के लिए कीमोथेरेपी के साथ साथ अन्य दवाइयों को दे सकते हैं. आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं -

  1. कीमोथेरेपी
  2. सर्जरी
  3. रेडिएशन थेरेपी
  4. हार्मोन थेरेपी
  5. इम्यूनोथेरेपी

कीमोथेरेपी

कीमोथेरेपी दवाइयों का इस्तेमाल करके कैंसर वाली कोशिकाओं को तेजी से फैलने से रोकती है. कीमोथेरेपी की दवाइयों को नसों में इंजेक्शन या गोली के जरिए पहुंचाया जाता है. इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी से पहले कीमोथेरेपी की जाती है, जिसे नियोएडजुवेंट थेरेपी (Neoadjuvant Therapy) भी कहते हैं. इसका काम कैंसर को सिकोड़ना और सर्जरी की सफलता दर को बढ़ाना है.

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सर्जरी

कीमोथेरेपी करने के बाद कैंसर वाले ब्रेस्ट के आसपास के लिम्फ नोड्स को हटाने के लिए ऑपरेशन हो सकता है. ब्रेस्ट को निकालने के लिए की जाने वाली सर्जरी को मास्टेक्टॉमी (Mastectomy) कहते हैं. मास्टेक्टॉमी में ब्रेस्ट के सभी टिश्यू को हटाया जाता है, जैसे लोब्यूल, नलिकाएं, फैटी टिश्यू और निप्पल आदि.

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रेडिएशन थेरेपी

रेडिएशन थेरेपी में कैंसर कोशिका को मारने के लिए हाई बीम जैसे एक्स-रे व प्रोटॉन की किरण शामिल है. यह थेरेपी बड़ी मशीनों का इस्तेमाल करके की जाती है.

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हार्मोन थेरेपी

हार्मोन थेरेपी को हार्मोन ब्लॉकिंग थेरेपी भी कहा जाता है, जो ब्रेस्ट कैंसर के लिए की जाती है. आमतौर पर हार्मोन थेरेपी सर्जरी या किसी दूसरे ट्रीटमेंट के बाद की जाती है. इससे कैंसर के दोबारा होने की आशंका कम हो जाती है.

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इम्यूनोथेरेपी

इसमें कुछ खास तरह की दवाएं दी जाती हैं, जो कैंसर से लड़ने में आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली का उपयोग करती हैं. इसे मुख्य रूप से एडवांस इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर में दिया जाता है.

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इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर दुर्लभ प्रकार का कैंसर है, जो गंभीर मामलों में ही देखने को मिलता है. इसे शुरुआत में मैमोग्राम या अल्ट्रासाउंड से पकड़ना मुश्किल है, लेकिन आजकल इसके केस तेजी से बढ़ रहे हैं. इस तरह के कैंसर में ब्रेस्ट नरम या सूजा हुआ नजर आता है. इसे हार्मोन थेरेपी व रेडिएशन थेरेपी आदि इलाज से ठीक किया जा सकता है. इसलिए, इस लेख में बताए गए लक्षणों में से एक भी नजर आने पर डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए.

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