कोविड-19 महामारी की वजह बने कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 को फैलने से रोकने के लिए लोगों से कई तरह की सावधानियां बरतने को कहा जाता है। दिन में कई बार हाथ धोना इन सावधानियों में से एक है। इसके चलते बाजार में सैनिटाइजर्स की मांग काफी ज्यादा बढ़ गई है। अभी तक यह कहा जाता रहा है कि अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर वायरस को काफी हद तक खत्म करने में सक्षम होते हैं। लेकिन एक नए अध्ययन की मानें तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर इस्तेमाल करते हैं या अल्कोहल मुक्त। इस अध्ययन से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड-19 का वायरस अल्कोहल फ्री सैनिटाइजर से भी नष्ट हो सकता है। रिसर्च में उन्हें साक्ष्य मिले हैं, जो बताते हैं कि कीटाणुरहित सतहों पर अल्कोहल-फ्री हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल, अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर के समान ही प्रभावी है।
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अमेरिका की ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अध्ययन को स्वास्थ्य क्षेत्र की पत्रिका 'जर्नल ऑफ हॉस्पिटल इंफेक्शन' ने ऑनलाइन प्रकाशित किया है। वैज्ञानिकों ने बेंजालकोनियम क्लोराइड के साथ नए कोरोना वायरस के नमूनों का परीक्षण किया। बता दें कि बेंजालकोनियम क्लोराइड का इस्तेमाल आमतौर पर अल्कोहल-फ्री हैंड सैनिटाइजर के लिए किया जाता है। साथ ही इस कीटाणुनाशक में कई क्वॉटरनरी अमोनियम कंपाउंड भी रूप से पाए जाते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादातर मामलों में इस कम्पाउंड के इस्तेमाल से 15 सेकंड के भीतर ही वायरस 99.9 प्रतिशत खत्म हो गया।
अध्ययन के लेखक बेंजामिन ओगिलवी के मुताबिक, 'परिणाम बताते हैं कि अल्कोहल-फ्री हैंड सैनिटाइजर ठीक वैसे ही काम करता है, जैसे कि अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर। इसलिए हम शायद कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।' ओगिलवी ने बताया कि अल्कोहल-फ्री हैंड सैनिटाइजर, सामान्य सर्दी और फ्लू के वायरस के खिलाफ भी प्रभावी है। ओगिलवी आगे कहते हैं, 'बेंजालकोनियम क्लोराइड का उपयोग बहुत कम सघनता (गाढ़ापन) में किया जा सकता है। यह किसी भी प्रकार की जलन या खुजली का कारण भी नहीं बनता है, जबकि अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर के उपयोग से ऐसी समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए यह उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है जिन्हें अत्यधिक मात्रा में हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना पड़ता है, जैसे कि स्वास्थ्यकर्मी।'
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अध्ययन से जुड़े एक पीएचडी छात्र एंटोनियो सोलिस लील ने कहा कि अस्पतालों और सार्वजनिक जगहों पर डिसइंफेक्शन की कमी को पूरा करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकता है। वहीं, ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और शोधकर्ता ब्रैड बर्गेस का कहना है कि अल्कोहल-फ्री हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना काफी आसान है, क्योंकि इस साल से पहले भी लोग इसका इस्तेमाल कर रहे थे। बर्गेस ने कहा, 'लेकिन ऐसा लगता है कि इस महामारी के दौरान लोगों ने नॉन-अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना बिल्कुल बंद कर दिया।' बेंजालोनियम क्लोराइड आमतौर पर लिपिड से घिरे वायरस के खिलाफ प्रभावी रूप से काम करता है, जैसे कि सार्स-सीओवी-2। इसलिए शोधकर्ताओं का मानना है कि यह कोरोना वायरस को डिसइंफेक्ट करने के लिए एक बेहतर विकल्प होगा।
अपने इसी अनुमान की पुष्टि करने के लिए शोधकर्ताओं ने एक टेस्ट ट्यूब में कोरोना वायरस का सैंपल डाला और फिर उसमें अलग-अलग तरह के कंपाउंड मिलाए गए। इसमें 0.2 प्रतिशत बेंजालकोनियम क्लोराइड सोल्यूशन और तीन व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कीटाणुओं से युक्त यौगिकों (क्वाटरनरी अमोनियम, मिट्टी और कठोर या खराब पानी) को शामिल किया गया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि सैनिटाइजर ने कीटाणुनाशक यौगिकों को बेअसर कर दिया था। इस आधार पर उन्होंने कहा कि एक सामान्य सैनिटाइजर भी अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर के समान असरदार साबित हो सकता है।
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