भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) ने कोविड-19 की टेस्टिंग से जुड़े दिशा-निर्देशों में बदलाव किया है। उसने कहा है कि अब देश में कहीं भी ऐसे लोगों का टेस्ट किया जा सकेगा, जिनमें कोविड-19 के लक्षण दिखाई (सिम्प्टोमैटिक) देते हैं। इससे पहले बीती 18 मई को आईसीएमआर ने कहा था कि सिम्प्टोमैटिक मरीजों का टेस्ट केवल विशेष परिस्थितियों में ही किया जा सकता है। उस समय जारी की गाइडलाइंस के मुताबिक, केवल अस्पतालों और कनटेंमेंट जोन तथा हॉटस्पॉट घोषित इलाकों में सिम्प्टोमैटिक संदिग्धों का टेस्ट किया जाएगा। वहीं, कोरोना वायरस के परीक्षण में पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों में से जिसमें भी कोविड-19 के लक्षण दिखेंगे, उनके टेस्ट किए जाने की बात भी कही गई थी। इसके अलावा, इस संकट से लड़ रहे सबसे आगे की पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों और कर्मचारियों को भी इस प्रकार की टेस्टिंग के सीमित दायरे में रखा गया था। लेकिन अब यह शर्त हटा ली गई है और किसी भी व्यक्ति का टेस्ट किए जाने की छूट दी गई है।

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इस बारे में आईसीएमआर की टास्क फोर्स के एक सदस्य ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि यह पहली बार है जब उन संदिग्धों की जांच बिना किसी शर्त के की जाएगी, जिनमें कोविड-19 के लक्षण साफ दिखाई देते हैं। अखबार के मुताबिक, आईसीएमआर की टास्क फोर्स के इस सदस्य ने कहा, 'चूंकि टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट संक्रमण को रोकने और जानें बचाने का एकमात्र तरीका है, इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि देश के हर हिस्से में सभी सिम्प्टोमैटिक संदिग्धों का टेस्ट किया जाए। साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर संक्रमण रोकने की व्यवस्था को और मजबूत किया जाए। आईसीएमआर सभी राज्य सरकारों और निजी तथा सार्वजनिक संस्थानों को यह सलाह देता है कि वे कोविड-19 की टेस्टिंग बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाएं।'

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इसके अलावा, देश में कोविड-19 की टेस्टिंग और ट्रेसिंग में तेजी लाने के लिए आईसीएमआर ने रैपिड एंटीजन टेस्ट 'स्टैंडर्ड क्यू कोविड-19 एजी' को भी मंजूरी दे दी है। अभी तक कोविड-19 की पुष्टि के लिए केवल आरटी-पीसीआर टेस्ट को मानक परीक्षण माना जाता रहा है। लेकिन धीमी प्रकिया के चलते इस टेस्ट के लिए आने वाले सैंपलों की संख्या काफी ज्यादा हो गई है, जिनके परिणाम आने में देर होती है। ऐसे में आईसीएमआर ने आरटी-पीसीआर टेस्टिंग का बोझ कम करने के लिए एंटीजन टेस्ट को भी मंजूरी दे दी है। इस बारे में एक एडवाइजरी जारी करते हुए आईसीएमआर ने कहा है, 'कनटेंमेंट जोनों, सभी केंद्रीय व राज्य के सरकारी अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आरटी-पीसीआर टेस्ट के साथ-साथ स्टैंडर्ड क्यू कोविड-19 एजी टेस्ट को पॉइंट ऑफ केयर डायग्नॉस्टिक टेस्ट के रूप में इस्तेमाल करने का सुझाव दिया जाता है।'

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इसके अलावा नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर द्वारा स्वीकृति प्राप्त निजी अस्पतालों और नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर लैबोरेटरीज से स्वीकृति प्राप्त निजी लैबों में भी एंटीजन टेस्ट के जरिये कोविड-19 के मरीजों की पहचान की जा सकती है। हालांकि एडवाइजरी में आईसीएमआर ने साफ किया है कि एंटीजन टेस्ट में सिम्प्टोमैटिक संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाएगा। लेकिन अगर टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो संदिग्ध को कोविड-19 का मरीज मान लिया जाएगा।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: आईसीएमआर ने कहा- अब देश में कहीं भी सभी सिम्प्टोमैटिक संदिग्धों का टेस्ट किया जा सकता है है

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