कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुए स्वास्थ्य संकट ने कई अलग प्रकार की समस्याएं पैदा कर दी हैं। लॉकडाउन की वजह से अन्य स्वास्थ्य सेवाएं काफी ज्यादा प्रभावित हुई हैं। ज्यादातर अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों को प्रमुखता से देखा जा रहा है। यही कारण है कि अन्य मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई जगहों से शिकायतें आई हैं कि कोविड-19 के मरीजों के इलाज में पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था लगी हुई, जिसके चलते अन्य मरीजों को ठीक प्रकार से नहीं देखा जा रहा है।

राजधानी दिल्ली में देश की सबसे अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध हैं। यही वजह है कि कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए देशभर से लोग यहां आते हैं। लेकिन कोविड-19 की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था और मरीज दोनों मजबूर दिखाई दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, राजधानी में कैंसर पीड़ितों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। खबरों की मानें तो कोविड-19 के चलते यहां कैंसर के कई मरीजों की सर्जरी टाल दी गई है और उन्हें 'अनावश्यक' रूप से अस्पताल न आने को कहा जा रहा है।

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इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्तन कैंसर का इलाज कराने के लिए उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से दिल्ली आई एक महिला का ऑपरेशन टाल दिया गया। उसके पति ने बताया कि बीती 25 मार्च पत्नी की सर्जरी होनी थी, लेकिन तारीख आगे बढ़ा दी गई। पति के मुताबिक, डॉक्टरों ने दर्द से राहत के लिए कुछ दवा दे दी। उनका कहना है कि कोविड-19 संकट और लॉकडाउन के चलते सर्जरी की तारीख 27 अप्रैल कर दी गई है, जबकि इस समय उनकी पत्नी असहनीय दर्द से गुजर रही है।

इसी तरह बिहार से आए एक अन्य व्यक्ति ने अपनी आपबीती सुनाई। अपनी कैंसर पीड़ित मां का इलाज कराने के लिए दिल्ली आए इस व्यक्ति ने बताया कि उसकी मां कीमोथेरेपी पर थीं। लेकिन अब डॉक्टर कीमोथेरेपी उपचार नहीं दे रहे हैं। बस खाने के लिए कुछ दवाएं दी गई हैं। ऐसे में उनके पास कोरोना वायरस के संक्रमण के खत्म होने का इंतजार करने के अलावा और कोई चारा नहीं है।

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कई दवाओं की बिक्री में आई गिरावट
कोविड-19 महामारी के बीच देश में दवा की बिक्री में गिरावट आई है। हालांकि इसका एक सकारात्मक कारण सामने आया है। रिपोर्टों के मुताबिक, दरअसल लॉकडाउन के चलते अन्य संक्रामक बीमारियों से जुड़े मरीजों की तादाद कम हुई है। जानकारों का कहना है कि अन्य रोगों की दवाओं की बिक्री में कमी की एक वजह यह भी है कि कोविड-19 के चलते लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर पहले से ज्यादा सावधानी बरत रहे हैं। वे व्यक्तिगत साफ-सफाई को लेकर ज्यादा सतर्क हैं। इसीलिए हवा के जरिये फैलने वाली और सांस संबंधी बीमारियों के मामलों में कमी आई है। ऐसे में फार्मेसी कंपनियों ने अब कुछ दवाओं का स्टॉक रखना बंद कर दिया है।

ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल में अब तक एंटी-इंफ़ेक्टिव्स की बिक्री 34 प्रतिशत तक गिर गई है, जबकि सांस संबंधी दवाओं (अस्थमा उत्पादों को छोड़कर) की बिक्री में 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके अलावा दर्द निवारक दवाओं की बिक्री में 27 प्रतिशत तक की कमी आई है। एआईओसीडी के अनुसार, यह असर लॉकडाउन के चलते देखा जा रहा है। हवा में संक्रमण कम होने से सांस संबधी बीमारियों का स्तर कम हुआ है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 संकट के चलते कई कैंसर पीड़ितों के इलाज में आ रही दिक्कत, जानें क्यों लॉकडाउन के कारण अन्य रोगों की दवाओं की ब्रिकी में आई कमी है

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