दो दवा निर्माता कंपनियां एस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन ने शुक्रवार को घोषणा कि की उनकी कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट पर जो रोक लगी थी उसे हटा दिया गया है और अब दोनों कंपनियां अमेरिका में अपनी वैक्सीन ट्रायल को दोबारा शुरू कर सकती हैं। एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कैंडिडेट को सितंबर महीने के शुरुआती दिनों में रोका गया था तो वहीं जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी द्वारा बनायी जा रही वैक्सीन को अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में रोक लगायी गई थी। 

इसका कारण ये था कि दोनों ही कंपनी के वैक्सीन ट्रायल के दौरान स्टडी में शामिल 1-1 वॉलंटियर में सेहत से जुड़ी गंभीर समस्या विकसित हो गई थी जिसके बाद सुरक्षा को लेकर सवाल उठे थे जिन्हें रिव्यू करने की जरूरत थी।

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टेस्टिंग के अंतिम चरण में हैं दोनों वैक्सीन कैंडिडेट्स
दुनियाभर में तैयार हो रही कई वैक्सीन कैंडिडेट्स की ही तरह एस्ट्राजेनेका और जे एंड जे की ये दोनों ही कोरोना वायरस वैक्सीन भी टेस्टिंग के अंतिम चरण में है और वैक्सीन बनने की नियामक स्वीकृति मिलने से पहले का यह आखिरी चरण होता है। दोनों ही दवा निर्माताओं ने कहा कि उन्हें अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन FDA की तरफ से टेस्ट को दोबारा शुरू करने की इजाजत मिल गई है। 

दवा और वैक्सीन परीक्षण के दौरान इस तरह की अस्थायी रोक सामान्य मानी जाती है क्योंकि इस तरह की रिसर्च में जब हजारों प्रतिभागी शामिल होते हैं तो उनमें से कुछ के बीमार होने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में अध्ययन को रोकना शोधकर्ताओं को इस बात की जांच करने में मदद करता है कि प्रतिभागी का बीमार होना, वैक्सीन से जुड़ा किसी तरह का साइड इफेक्ट है या सिर्फ एक संयोग। 

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सितंबर में लगी थी एस्ट्राजेनेका के ट्रायल पर रोक
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर विकसित हो रही एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के परीक्षण पर सितंबर महीने में जो रोक लगी थी उसे पहले ही यूके, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और जापान में फिर से शुरू किया जा चुका है और अब अमेरिका में भी वैक्सीन ट्रायल दोबारा शुरू हो गया है। एस्ट्राजेनेका की इस स्टडी में अमेरिका में 30 हजार लोगों को शामिल किया गया है, जिनमें से कुछ को वैक्सीन दी जा रही है तो तो वहीं और अन्य लोगों को डमी शॉट मिला है। एस्ट्राजेनेका के सीईओ पास्कल सोरियट ने एक बयान में कहा, "दुनियाभर में क्लिनिकल ​​परीक्षणों का फिर से शुरू होना अच्छी खबर है क्योंकि इससे हमें इस महामारी को हराने में मदद करने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने की अनुमति मिलती है।"

प्रतिभागी में दिखे थे गंभीर न्यूरोलॉजिकल लक्षण
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के ट्रायल पर उस वक्त रोक लगा दी गई थी जब एक ब्रिटिन के एक प्रतिभागी में गंभीर न्यूरोलॉजिकल लक्षण विकसित हो गए थे और साथ ही में रीढ़ की हड्डी में होने वाला एक दुर्लभ इन्फ्लेमेशन भी जिसे ट्रांसवर्स मेलाइटिस कहते हैं। 

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वॉलंटियर की हुई समस्या का कारण वैक्सीन कैंडिडेट नहीं- जे एंड जे
जॉनसन एंड जॉनसन की बात करें तो कंपनी ने कहा कि वह अमेरिका में अपनी वैक्सीन अध्ययन के लिए जल्द ही भर्ती शुरू करने की तैयारी कर रही है। हालांकि बीते हफ्ते स्टडी में शामिल जिस स्वयंसेवक की बीमारी की वजह से वैक्सीन ट्रायल को रोक दिया गया था, उस वॉलंटियर को क्या बीमारी हुई थी इसका खुलासा नहीं किया है। लेकिन कंपनी ने एक बयान जारी करते हुए यह जरूर कहा कि पूरी तरह से मूल्यांकन करने के बाद "इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि वॉलंटियर को जो समस्या हुई वह वैक्सीन कैंडिडेट के कारण हुई।" जे एंड जे कंपनी ने कहा कि वह दुनिया भर के अन्य देशों के नियामकों के साथ बातचीत कर रहा है कि वे अपने-अपने देशों में परीक्षण फिर से शुरू करने की अनुमित दें।

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जेएनजे-78436735 है जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन
जॉनसन एंड जॉनसन ने जुलाई महीने में घोषणा की थी कि उसने नए कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए एडी26-सीओवी-2-एस नाम से एक वैक्सीन विकसित की है। इस वैक्सीन को जेएनजे-78436735 नाम भी दिया गया है। कंपनी, दुनिया के सबसे बड़े क्लिनिकल ट्रायल के तहत अपनी इस वैक्सीन को 60 हजार लोगों पर आजमा रही है। कंपनी का दावा है कि उनकी वैक्सीन कैंडिडेट का सिर्फ एक ही शॉट नए कोरोना वायरस के खिलाफ सक्षण एंटीबॉडी पैदा कर सकता है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: एस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन को अमेरिका में वैक्सीन का ट्रायल दोबारा शुरू करने की मिली अनुमति है

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