भारत सरकार की तरफ से कोविड-19 की वैक्सीन से जुड़े शोधकार्य के लिए अब तक के सबसे निवेश की घोषणा की गई है। गुरुवार को केंद्र सरकार की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन रिसर्च के लिए सरकार 900 करोड़ रुपये का अनुदान देगी। खबर के मुताबिक, सरकार के तहत डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के लिए इस आर्थिक मदद की घोषणा की गई है। समाचार एजेंसियों के हवाले से आई मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि सरकार ने कोरोना वायरस की कारगर वैक्सीन बनाने के लिए जरूरी शोध व विकास कार्य के तहत 'कोविड सुरक्षा मिशन' की शुरुआत की है। इसी के तहत उसने 'पूर्ण रूप से' केवल शोधकार्य के लिए 900 करोड़ रुपये की राशि देने की बात कही है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि इस राशि में वैक्सीन की वास्तविक लागत और वितरण संबंधी खर्चों को कवर नहीं किया गया है। यानी सरकार ने केवल वैक्सीन से जुड़े शोधकार्य हेतु यह राशि आवंटित करने का फैसला किया है। खबर के मुताबिक, वित्त मंत्री ने कहा, 'वैक्सीन की वास्तविक लागत या वितरण के लिए जरूरी लॉजिस्टिक्स बिल्कुल अलग हैं और उसके लिए जितनी भी राशि की आवश्यकता होगी, और जब भी होगी उपलब्ध कराई जाएगी।'

सिरम इंस्टीट्यूट ने चार करोड़ डोज तैयार किए
केंद्र सरकार ने ये बातें ऐसे समय में कही हैं जब भारत में पूरी दुनिया के लिए कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन का काम अब जोर पकड़ता दिख रहा है। देश और दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा है कि उसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित कोविड-19 वैक्सीन के चार करोड़ डोज तैयार कर लिए हैं। इसके साथ ही कंपनी ने यह भी बताया कि अब वह एक और संभावित कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा करने वाली कंपनी नोवावैक्स के लिए टीका उत्पादन का काम जल्दी ही शुरू करने जा रही है।

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बता दें कि सिरम इंस्टीट्यूट ने भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन की क्षमता को आजमाने के लिए 1,600 प्रतिभागियों को ट्रायल के लिए नामांकित कर लिया है। कंपनी ने अंतिम चरण के वैक्सीन ट्रायल के तहत इस प्रक्रिया को अंजाम दिया है। हालांकि अंतिम परिणाम आने से पहले ही वैक्सीन का उत्पादन किया जा रहा है। इस बारे में एस्ट्राजेनेका और सिरम इंस्टीट्यूट ने पहले भी कहा था कि वे जोखिम के तहत ऐसा कर रहे हैं ताकि (अगर) वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ सक्षम और सुरक्षित साबित होती है तो उसके वितरण में देरी न हो। बता दें कि चडॉक्स एनसीओवी1 नाम की इस वैक्सीन को कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे प्रबल वैक्सीन दावेदार माना जा रहा है। हालांकि सिरम इंस्टीट्यूट एक और चर्चित दावेदार वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल करने वाली है, जिसे अमेरिकी दवा कंपनी नोवावैक्स ने तैयार किया है। ट्रायल के लिए भारतीय वैक्सीन निर्माता कंपनी सरकार से अप्रूवल लेने की योजना बना रही है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 वैक्सीन के शोधकार्य के लिए 900 करोड़ रुपये देगी सरकार, सिरम इंस्टीट्यूट ने चार करोड़ डोज तैयार किए है

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