कोविड-19 के इलाज के लिए सबसे भरोसेमंद वैक्सीन कैंडिडेट के रूप में सामने आई 'कोवीशील्ड' वैक्सीन के तीसरे और अंतिम चरण के परीक्षण अचानक रोकने पड़े हैं। इस वैक्सीन को प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने ब्रिटिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर तैयार किया है। खबर है कि यूनाइटेड किंगडम में इस वैक्सीन के ट्रायल के दौरान एक प्रतिभागी में कथित रूप से 'गंभीर दुष्प्रभाव' देखने को मिला है। इसके चलते प्रतिभागी के बीमार होने की पुष्टि की गई है। यह अभी साफ नहीं है कि असल में कौन से ट्रायल के दौरान प्रतिभागी में विपरीत रिएक्शन देखने को मिला। लेकिन इतना जरूर बताया गया है कि ऐसा दूसरे या तीसरे ट्रायल के दौरान हुआ है।

इस घटना के बारे में एस्ट्राजेनेका ने बयान जारी कर कहा है कि एक प्रतिभागी में रिएक्शन देखे जाने के बाद 'स्टैंडर्ड रिव्यू प्रोसेस' के तहत वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को फिलहाल के लिए रोक दिया गया है ताकि वैक्सीन के सुरक्षा संबंधी डेटा की समीक्षा की जा सके। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, वैक्सीन से प्रतिभागी में हुए विपरीत प्रभाव का तुरंत पता नहीं चला। इसकी जानकारी भी नहीं है कि ऐसा कब हुआ। लेकिन कंपनी को उम्मीद है कि यह प्रतिभागी रिकवर हो जाएगा। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने स्टेट न्यूज को दिए बयान में यह बात कही है। उधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद अमेरिका में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा निर्मित इस वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल फिलहाल के लिए रोक दिए गए हैं।

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इस मामले में बयान जारी करते हुए एस्ट्राजेनेका के प्रवक्ता ने बताया कि ऐसी स्थिति में ट्रायल को रोकना एक सामान्य प्रक्रिया है। उसने बताया कि ट्रायलों के दौरान जब भी इस तरह की अनजान बीमारी होने का पता चलता है तो जांच के लिए नियमित तौर पर ट्रायल को रोका जाता है। प्रवक्ता का कहना है कि ट्रायल की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी होता है। स्टेट न्यूज ने इस घटना को लेकर ट्रायल से जुड़े अन्य लोगों से भी बात की है। नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर एक ने बताया कि वैक्सीन से एक प्रतिभागी में विपरीत रिएक्शन होने से एस्ट्राजेनेका का वैक्सीन ट्रायल प्रभावित हो सकता है। साथ ही, उन वैक्सीन निर्माताओं के ट्रायलों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है, जिन्होंने ऑक्सफोर्ड निर्मित वैक्सीन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ समझौते किए हैं।

वैक्सीन ट्रायलों का क्लिनिकली होल्ड पर जाना असामान्य बात नहीं हैं। लेकिन कोविड-19 संकट के मद्देनजर यह सवाल जरूर उठ सकता है कि एस्ट्राजेनेका का ट्रायल कितने समय तक रुका रहेगा। फिलहाल इस बारे में स्थिति साफ नहीं है। इस बीच, कोवीशील्ड के ट्रायल करने में लगी अन्य दवा निर्माता कंपनियों ने भी अपने डेटाबेस के जरिये इसी तरह के मामलों की खोजबीन शुरू कर दी है। स्टेट न्यूज ने एस्ट्राजेनेका के ट्रायल से जुड़े एक दूसरे व्यक्ति के हवाले से यह जानकारी दी है।

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कोवीशील्ड के अंतिम ट्रायल का इस तरह रुकना कई मायनों में निराशाजनक हो सकता है। एक तरफ, दुनियाभर के मेडिकल विशेषज्ञों से लेकर आम लोगों तक को कोरोना वायरस संकट के खिलाफ लड़ाई में इस वैक्सीन से सबसे ज्यादा उम्मीदे हैं तो दूसरी तरफ इसके और अंतिम ट्रायल तक पहुंची अन्य वैक्सीन कैंडिडेटों के भरोसे सरकारें अपने-अपने स्तर पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम को अमली जामा पहनाने की तैयारियों में लगी हुई हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस खबर से बड़ा झटका लग सकता है। वे एडवांस वैक्सीन कैंडिडेट्स के भरोसे यह घोषणा कर चुके हैं कि अमेरिकी राज्य नवंबर से वैक्सीनेशन के लिए तैयार रहें। हालांकि एस्ट्राजेनेका और मॉडेर्ना समेत कई वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने साफ कह दिया है कि वे सभी ट्रायलों के परिणाम सामने आने से पहले वैक्सीन को अप्रूव नहीं करेंगी। अब एस्ट्राजेनेका के ट्रायल के दौरान प्रतिभागी में दुष्प्रभाव सामने आने के बाद किसी भी वैक्सीन को बिना अंतिम परिणामों के रिलीज करना अमेरिका समेत किसी भी देश की सरकार के लिए आसान नहीं होगा।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविड-19 वैक्सीन के कथित गंभीर रिएक्शन से एक प्रतिभागी बीमार पड़ा, तीसरा ट्रायल फिलहाल के लिए रोका गया है

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