कोविड-19 महामारी को अस्तित्व में आए लगभग एक साल होने को है और इस साल के अंत तक या 2021 की शुरुआत में इसकी एक से ज्यादा कारगर वैक्सीन बनने की मजबूत संभावना दिख रही है। इस उम्मीद में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों ने वैक्सीन के वितरण को लेकर योजनाएं बनानी शुरू कर दी हैं। इसके तहत संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ ने कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए गरीबों देशों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूनिसेफ अपने एक विशाल कार्यक्रम के तहत अगले साल कोविड-19 वैक्सीन की लगभग 200 करोड़ डोज विकासशील देशों को भेजेगा। एजेंसी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। इस मौके पर विश्व के कई नेताओं ने वैक्सीन के समान वितरण को लेकर प्रतिबद्धता जताई है।
इस मुद्दे पर यूनिसेफ ने अपने बयान में कहा है कि 350 से अधिक एयरलाइन्स और मालवाहक कंपनियों के द्वारा वैक्सीन भेजने का काम किया जाएगा। इनके जरिए बुरुंडी, अफगानिस्तान और यमन जैसे गरीब देशों को वैक्सीन वितरित की जाएंगी। वैश्विक कोविड-19 वैक्सीन वितरण योजना 'कोवैक्स' के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से टीके और 100 करोड़ सिरिंज वितरित की जानी है। इस बारे में यूनिसेफ के सप्लाई डिवीजन के निदेशक एलेवा कडिल्ली ने एक बयान में कहा है, 'यह अमूल्य सहयोग यह सुनिश्चित करेगा कि इस ऐतिहासिक और विशाल ऑपरेशन के लिए पर्याप्त परिवहन क्षमता उपलब्ध हो।'
कोवैक्स योजना को अमली जामा पहनाने के लिए डब्ल्यूएचओ के सह-नेतृत्व में बनाए गए वैक्सीन गठबंधन गावी (जीएवीआई- ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन) का मकसद कोविड-19 के टीकों की जमाखोरी बचाना है ताकि महामारी के अधिक जोखिम वाले देशों को जरूरत के मुताबिक टीके मिल सकें। गौरतलब है कि बीते सप्ताह एक जी-20 शिखर सम्मेलन में 20 बड़े देशों के नेताओं ने भी कोविड-19 की वैक्सीन, दवाओं और परीक्षणों के समान वितरण को सुनिश्चित करने का संकल्प लिया था ताकि गरीब देश इनसे वंचित न रहें।
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डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इस तरह के स्वार्थों के चलते कोविड-19 महामारी से पहले भी अन्य बीमारियों की वैक्सीन उपलब्ध कराने में मुश्किलें पेश आती रही हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी की मानें तो इन समस्याओं के चलते लगभग दो करोड़ नवजातों को गंभीर बीमारियों से बचाने वाले टीके नहीं मिल पाए हैं। ऐसे में कोविड-19 के वैक्सीन वितरण के मामले में किसी तरह की जमाखोरी न हो, इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई हैं। अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ और पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के साथ काम कर रहे एलेवा कडिल्ली का कहना है, 'हम कोविड-19 वैक्सीन की खुराक, सिरिंज के अलावा दुनियाभर के फ्रंटलाइन वर्कर्स को बचाने के लिए और अधिक पीपीई देने के लिए तैयार हैं। लेकिन यहां हमें सभी के साथ की जरूरत है।'
उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: यूनिसेफ बड़ी योजना के तहत विकासशील देशों को 200 करोड़ कोरोना वैक्सीन डोज उपलब्ध कराएगा है
- Proctosedyl BD Cream - ₹108
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- Covifor Injection - ₹3780
- Fabiflu 200 Mg Tablet - ₹1292
- Fabiflu 400 Tablet - ₹856
- Fabiflu (Favipiravir) 400 Mg Tablet - ₹1224
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- Molulife 200 Capsule - ₹1399
- Cipmolnu 200 Mg Capsule - ₹2000
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- Molnutor 200 Mg Capsule - ₹2000
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- Nirmatrelvir - ₹5000
- Molnupiravir 200 Mg Capsule - ₹1400
- Covihalt 200 Tablet - ₹465
- Ciplenza Tablet - ₹646
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