इंग्लैंड में एक करोड़ 70 लाख से ज्यादा लोगों का विश्लेषण कर कोविड-19 से होने वाली मौतों के कारणों को जानने की कोशिश की गई है। जानी-मानी मेडिकल व विज्ञान पत्रिका 'दि लांसेट' में प्रकाशित इस अध्ययन को इसके लेखकों ने आज तक किसी भी देश किया गया अब तक का सबसे बड़ा अध्ययन बताया है। इस स्टडी के दौरान इकट्ठा किए गए आंकड़ों को इंग्लैंड में कोविड-19 से मारे गए 10 हजार पीड़ितों से जोड़ा गया है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोविड-19 से हुई मौतों का संबंध पुरुष मरीजों, बुजुर्गों, डायबिटीज, गंभीर अस्थमा और बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसे फैक्टर्स से है।

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एक करोड़ 70 लाख प्रतिभागियों वाले इस अध्ययन में 40 प्रतिशत संख्या श्वेत लोगों की थी। वहीं, 11 प्रतिशत प्रतिभागी अन्य नस्लीय समुदायों (जैसे अश्वेत और दक्षिण एशियाई देशों के लोग) से थे। विश्लेषण में यह तथ्य फिर सामने निकल कर आया कि इंग्लैंड में श्वेत लोगों की अपेक्षा अश्वेतों और दक्षिण एशियाई लोगों के मरने की संभावना काफी ज्यादा है। कोविड-19 से मरने वाले ज्यादा मरीज पुरुष होते हैं, यह तथ्य भी इस अध्ययन में फिर निकल कर आया।

इसके अलावा, अध्ययन में एक और सर्वमान्य तथ्य मजबूती से सामने आया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते होने वाली मौतों का वृद्धावस्था से विशेष संबंध है। विश्लेषण के तहत बताया गया है कि जिन लोगों की उम्र 80 साल से ज्यादा है, उनके कोविड-19 से मरने का खतरा है 50-59 साल के लोगों की अपेक्षा 20 गुना ज्यादा है। वहीं, जिन बीमारियों के चलते मौत की आशंका बढ़ जाती है, उनमें हृदय रोग, डायबिटीज, सांस से जुड़ी समस्याएं (जैसे अस्थमा), मोटापा, कैंसर, किडनी की समस्या, लिवर की बीमारी, न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम और स्वप्रतिरक्षा से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं।

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हालांकि अध्ययन की एक कमी यह सामने आई है कि इसमें शामिल किए गए लोग कोविड-19 बीमारी के क्लिनिकली संदिग्ध थे, न कि लैबोरेटरी टेस्ट में कन्फर्म किए गए संक्रमित। ऐसे में संभव है कि कुछ लोगों को गलती से कोविड-19 का मरीज समझ लिया जाए। बहरहाल, इस स्टडी से जुड़े तथ्यों में ऐसी कोई नई जानकारी नहीं है, जो कोरोना वायरस के विषय में अभी तक सामने नहीं आई थी। लेकिन यह कोविड-19 से होने वाली मौतों और उनके पीछे के कारणों की व्यापक अध्ययन के आधार पर पुष्टि जरूर करता है।

बता दें कि यह अध्ययन ऐसे समय में किया गया है जब इंग्लैंड समेत पूरे यूनाइटेड किंगडम में कोरोना वायरस की वजह से दो लाख 86 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें से 44,517 की मौत हो गई है, जिनमें अश्वेतों और एशियाई मूल के लोगों की संख्या अच्छी खासी है। आंकड़े बताते हैं कि यूके में कोविड-19 की मृत्यु दर 15 प्रतिशत से भी ज्यादा रही है, जो वैश्विक औसत (4-5 प्रतिशत) से कम से कम तीन गुना अधिक है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 से हुई मौतों के कारणों का पता करने के लिए शोधकर्ताओं ने एक करोड़ 70 लाख लोगों का विश्लेषण किया, जानें क्या निकले परिणाम है

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