कोविड-19 बीमारी ने भारत में करीब 200 डॉक्टरों की जान ले ली है। देश में डॉक्टरों के शीर्ष संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने यह जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से इस ओर विशेष ध्यान देने की अपील की है। खबरों के मुताबिक, देश में डॉक्टरों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए आईएमए ने कहा है, 'आईएमए द्वारा एकत्र किए गए ताजा आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश ने 196 डॉक्टर खो दिए हैं। इनमें से 170 डॉक्टरों की उम्र 50 वर्ष से ज्यादा थी। करीब 40 प्रतिशत पीड़ित डॉक्टर जनरल प्रैक्टिशनर्स थे।'

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गौरतलब है कि कोरोना वायरस संकट के बीच डॉक्टरों के संक्रमित होने और मारे जाने के मामले बढ़े हैं। इनमें अच्छी खासी संख्या जनरल प्रैक्टिशनर्स की है। चूंकि आबादी का एक बड़ा हिस्सा बुखार और इससे जुड़े लक्षणों के लिए इन्हीं डॉक्टरों के पास जाता है, इसलिए उनका एक के बाद एक कोरोना संक्रमण से ग्रस्त होना और मारा जाना अपनेआप में चिंता का विषय है। आईएमए ने अपने बयान में कहा है कि इन लक्षणों से पीड़ित लोगों से सबसे पहले यही डॉक्टर संपर्क में आते हैं और संक्रमण का शिकार होते हैं।

इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में आईएमए ने उनसे अपील की है कि वे डॉक्टरों और उनके परिवारों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करें। साथ ही उन्हें सरकार की तरफ से मिलने वाली मेडिकल और जीवन बीमा से जुड़ी सुविधाओं में भी इजाफा किया जाए। बयान में आईएमए ने कहा, 'आईएमए देशभर के 3.5 लाख से ज्यादा डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करता है। यह उल्लेखनीय है कि कोविड-19 सरकारी और निजी क्षेत्र में अंतर नहीं करती है और सभी को समान रूप से प्रभावित करती है।'

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बयान में आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा ने कहा है, 'ज्यादा परेशान करने वाली बात उन रिपोर्टों से सामने आई है जिनमें बताया गया है कि कैसे डॉक्टरों और उनके परिवारों को भर्ती होने के लिए बेड नहीं मिल रहे और ज्यादातर मामलों में दवाओं की कमी पाई गई है। ऐसे में आईएमए भारत सरकार से प्रार्थना करता है कि वह महामारी के समय डॉक्टरों की सुरक्षा और कल्याण की ओर उचित ध्यान दे।'

वहीं, संगठन के महासचिव डॉ. आरवी अशोकन ने कहा है कि कोविड-19 से डॉक्टरों की मृत्यु दर 'खतरनाक स्तर' पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा है, 'हरेक डॉक्टर की जिंदगी बचाने से हजारों मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, जो अपने इलाज के लिए उन पर निर्भर हैं। ड्यूटी निभाते हुए मारे गए डॉक्टरों के परिवारों को सांत्वना के साथ उचित राहत देने पर विचार किए जाने की जरूरत है। लिहाजा आपका ध्यान हमारी हेल्थ कम्युनिटी के गिरते प्रोत्साहन की ओर आकर्षित करना भी जरूरी है।'

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 के चलते देश ने करीब 200 डॉक्टर खो दिए हैं, सरकार ध्यान दे: आईएमए है

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