भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या छह हजार के पास पहुंच गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, अभी तक देशभर में 5,916 लोगों के कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 से ग्रस्त होने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 178 की मौत हो गई है। हालांकि ताजा सरकारी आंकड़े बताते हैं कि मरीजों की संख्या 5,734 और मृतकों की संख्या 166 है। देखना होगा कि शाम तक स्वास्थ्य मंत्रालय इनमें बदलाव करता है या नहीं।

देश में कोरोना वायरस के कम से कम सौ मरीजों वाले राज्यों की संख्या 15 हो गई है। इनमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। यहां सार्स-सीओवी-2 ने 1,135 लोगों को बीमार किया है। इनमें से 72 की मौत हो गई है। हालांकि 117 की जान बचा ली गई है। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है, जहां कोविड-19 के 738 मरीज सामने आए हैं। इनमें से आठ की मौत हो गई है। इसके बाद राजधानी दिल्ली है। यहां कोविड-19 के 669 मरीज हैं, जिनमें से नौ मारे गए हैं। तेलंगाना में मरीजों की संख्या 427 है। यहां सात लोग मारे गए हैं। राजस्थान के 381 मरीजों में से तीन की मौत की पुष्टि की गई है। फिर उत्तर प्रदेश का नंबर आता है। यहां अब तक 361 मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें से चार की मौत हो गई है। आंध्र प्रदेश में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां कोरोना वायरस से 348 लोगों के बीमार होने की पुष्टि हुई है और चार लोगों की जान चली गई है। केरल में मरीजों की संख्या 345 है, लेकिन यहां मौतों की संख्या अभी भी दो ही बनी हुई है।

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मध्य प्रदेश में 13 मौतें, अभी तक एक भी डिस्चार्ज नहीं
सौ से ज्यादा मरीजों वाले राज्यों की सूची में अगला नंबर मध्य प्रदेश का है। यहां 229 मरीज सामने आए हैं। इनमें से 13 की मौत की पुष्टि हुई है। वहीं, चिंताजनक बात यह है कि मध्य प्रदेश के इन 229 मरीजों में से अभी तक एक को भी डिस्चार्ज नहीं किया जा सका है। यानी इस राज्य में कोविड-19 के एक भी मरीज का सफलतापूर्वक इलाज नहीं किया जा सका है।

मध्य प्रदेश के बाद कर्नाटक और गुजरात आते हैं। यहां कोविड-19 के क्रमशः 181 और 179 मरीज सामने आए हैं। इनमें कर्नाटक में पांच और गुजरात में 16 मरीजों की मौत हो गई है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के 158 मरीजों में से चार कोरोना वायरस के संक्रमण से मारे गए हैं। हरियाणा में मरीजों का आंकड़ा 147 है। यहां तीन लोग इस बीमारी से मारे गए हैं। पश्चिम बंगाल (103) और पंजाब (101) में भी सौ से ज्यादा मरीज हो गए हैं। यहां क्रमशः पांच और आठ लोगों की मौत हुई है।

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'राष्ट्रीय आपातकाल जैसे हालात'
देश में कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों के साथ सर्वदलीय बैठक की। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इसमें उन्होंने साफ संकेत दिए कि 14 अप्रैल के बाद भी देश में लॉकडाउन जारी रह सकता है। इस बैठक में प्रधानमंत्री के बयान से जुड़ा एक ऑडियो क्लिप भी लीक हो गया है, जिसे लेकर पीएमओ ने कड़ी आपत्ति जताई है। हालांकि ऑडियो में कही जा रही बात को पीएमओ ने खारिज नहीं किया है।

खबरों के मुताबिक, इस ऑडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी नेताओं से कह रहे हैं, 'मैं मुख्यमंत्रियों से बातचीत करता रहा हूं। उनसे एक ही तरह का फीडबैक मिला है। जिन जिलाधिकारियों से राय ली जा रही है, उन्होंने भी एकमत से लॉकडाउन हटाने की सलाह नहीं दी है। मैं फिर मुख्यमंत्रियों से बात करूंगा। लेकिन इस समय यह स्पष्ट है कि लॉकडाउन हटाना संभव नहीं है। हमें सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।' इस बयान में कथित रूप से प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, 'हम एक ऐसी स्थिति से गुजर रहे हैं जो राष्ट्रीय आपातकाल जैसी है और जिसने हमने ऐसे फैसले लेने पर मजबूर किया है, जो पहले कभी नहीं उठाए गए... हमें और कड़े फैसले लेने होंगे।'

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: देश में मरीजों का आंकड़ा 6,000 के पास, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- यह राष्ट्रीय आपातकाल जैसी स्थिति है

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