पूरी दुनिया में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। 14 अप्रैल 2020 तक दुनिया के 19 लाख से अधिक लोग इस खतरनाक बीमारी के शिकार हो चुके हैं जबकि 1 लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दुनियाभर में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी निवारक उपायों पर जोर दिया जा रहा है। इसमें पूर्ण लॉकडाउन, फिजिकल डिस्टेंसिंग और हाथ की सफाई करते रहने जैसे उपाय शामिल हैं। इन सबके बावजूद स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है, जिसे देखते हुए कुछ अन्य उपायों को प्रयोग में लाने की सलाह दी जा रही है।

अब तक के मामलों को देखा जाए तो अधिकांश कोविड-19 रोगियों में बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसे मामले देखने को मिले हैं। वहीं जो लोग पहले से ही किसी प्रकार की बीमारी से ग्रसित हैं, उनमें सांस लेने में बहुत दिक्कत, सीने में लगातार दर्द, चिंता और परेशानी जैसे लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं।

वैसे तो कोविड-19 के प्रमुख लक्षण श्वास संबंधी समस्याएं हैं। वहीं कुछ लोगों में जठरांत्र (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) के संकेत भी देखने को मिल रहे हैं जो आम तौर पर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। इस लेख में, हम आपको कोविड-19 के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों के बारे में बताएंगे।

  1. क्या कोविड-19 संक्रमण जठरांत्र प्रणाली को प्रभावित करता है?
  2. कोविड-19 संक्रमितों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के कौन से लक्षण दिख रहे?
  3. कोविड-19 वायरस से बचने के लिए क्या उपाय किए जाएं?
  4. कोविड-19 के रोगियों में सांस ही नहीं पेट से जुड़े ऐसे लक्षण भी दिख रहे के डॉक्टर

अध्ययनों से पता चला है कि कोविड-19 संक्रमण को फैलाने वाला वायरस सार्स-सीओवी-2 फेफड़ों, रक्त वाहिकाओं और जठरांत्र संबंधी मार्ग की कोशिकाओं में पाए जाने वाले एसीई2 रिसेप्टर्स से जुड़ा हुआ है। वायरस मुंह और नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और आंत के अस्तर पर हमला करता है। पिछले कई अध्ययनों से पता चला है कि कोविड-19 वायरस पेट और आंतों को भी काफी नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टरों ने यह भी पाया है कि जिन लोगों में पहले से ही गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी लक्षण हैं, उनमें कोविड-19 संक्रमण के दौरान पेट से जुड़ी काफी समस्याएं देखने को मिली हैं। माना जाता है कि इसका कारण वायरस का आंत मे पूरी तरह से प्रवेश कर जाना है।

अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार जिन 204 रोगियों को चीन के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उनमें से 48 में पहले से ही पाचन संबंधी समस्याएं थीं। इनमें से 7 रोगियों को केवल पाचन संबंधी समस्याएं थीं, उनमें श्वसन की कोई समस्या नहीं देखी गई।

दूसरे रोगियों की तुलना में जिन कोविड-19 संक्रमितों में पाचन तंत्र की समस्या थी, उनमें रोगों के लक्षण काफी अधिक गंभीर पाए गए। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के सबसे आम लक्षणों में से डायरिया की समस्या देखने को मिली है। संक्रमित रोगियों में से लगभग 53.4 फीसद के मल के सैंपल में न्यूक्लिक एसिड भी पाया गया है।

चीन में कोविड-19 संक्रमित 206 रोगियों के साथ एक और अध्ययन किया गया। उनमें से 48 रोगियों ने केवल पाचन संबंधी लक्षण, 69 रोगियों में पाचन और श्वसन दोनों और बाकी 89 रोगियों में अकेले श्वसन से संबंधित समस्याओं के लक्षण दिखाई दिए। अध्ययन ने यह भी पाया गया कि जिन रोगियों में पाचन लक्षण थे, उन्हें श्वसन समस्याओं के लक्षणों वाले रोगियों की तुलना में काफी वक्त बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

डॉक्टरों का कहना है कि अगर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के लक्षणों वाले रोगियों को शुरुआती दिनों में ही अस्पताल में भर्ती कराया गया होता तो उसकी समस्याओं को समझने के लिए अधिक समय मिलता और लक्षणों को बिगड़ने से पहले ही उन्हें सही करने के प्रयास किए जा सकते थे।

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कोविड-19 संक्रमितों में देखे जाने वाले गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के सामान्य लक्षण निम्न हैं :

कोविड-19 वायरस को नाक और मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने से रोकने के लिए निम्न उपायों को प्रयोग में लाया जा सकता है।

  • वायरस के प्रवेश को रोकने के लिए अपनी नाक और मुंह को मास्क (कपड़े, सर्जिकल या एन-95 मास्क) से ढकें। कोविड-19 संक्रमित रोगी द्वारा छींकने या खांसने के दौरान निकलने वाली बूंदों के कारण वायरस का संक्रमण हो सकता है।
  • भोजन करने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोएं। हाथों को नियमित अंतराल पर धोते रहें।
  • घर की वह सतह जो सबसे ज्यादा बार छुई जा रही हों जैसे दरवाजे के हैंडल और बिजली के स्विच को सेनेटाइज करें।
  • खाने से पहले फलों और सब्जियों को गर्म पानी से अच्छी तरह धो लें।
  • कच्चा खाना न खाएं। भोजन को अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं।

Dr. Paramjeet Singh

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
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