कोविड-19 महामारी के चलते अन्य दुष्प्रभाव सामने आने लगे हैं। लॉकडाउन की वजह से बुनियादी जरूरतों से जुड़ी चीजों की आपूर्ति में तो दिक्कत हो ही रही है, अब रिपोर्टें बता रही हैं कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में दवा समेत कई चीजों की आपूर्ति भी ठप है। दरअसल, लॉकडाउन के चलते देश के कई राज्यों के ब्लड बैंकों में रक्त की कमी महसूस होने लगी है। मीडिया में आई खबर के मुताबिक, विशेषकर दिल्ली और हैदराबाद समेत कई शहरों में ब्लड बैंक खाली हो रहे हैं।

बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के कारण लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से पाबंदी लगी है, जिसके चलते लोग ब्लड डोनेशन के लिए नहीं निकल रहे हैं। वहीं, रक्त शिविरों की भी कमी हो गई है। ये हालात तब हैं जब देश में इलेक्टिव सर्जरी पर रोक है, साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई है। बावजूद इसके ब्लड बैंक में ब्लड यूनिट की कमी होने लगी है। उधर, गंभीर रूप से बीमार, ब्लड डिसऑर्डर के पीड़ितों और कैंसर रोगियों को ब्लड की जरूरत है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान ब्लड की जरूरत पड़ती है।

(और पढ़ें- रक्तदान के फायदे, नुकसान, तथ्य और मिथक)

कहीं-कहीं ब्लड डोनेट करने की परमिशन
लॉकडाउन के चलते एक ही जगह लोगों की भीड़ इकट्ठा ना हो, इसको देखते हुए कई राज्यों में रक्तदान शिविरों को बंद रखा गया है। हालांकि कुछ जगहों में छोटे स्तर पर लोगों को इकट्ठा कर ब्लड डोनेशन कैंप की अनुमति दी गई है। पुणे में एक राज्य रक्ताधान परिषद के अधिकारी ने बताया कि शहर में कोई रक्तदान शिविर आयोजित नहीं किया जा रहा है। लेकिन लोगों को लॉकडाउन में ब्लड डोनेट करने के लिए कहा जा रहा है। इसके लिए कुछ संगठन द्वारा रक्तदान का शिविर लगाया गया और एक समय में सिर्फ पांच लोगों से ही रक्त लिया गया।

बता दें कि मध्य भारत और विदर्भ क्षेत्र में ब्लड डिसऑर्डर की स्थिति गंभीर है, जहां थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग जैसे रक्त विकार आम हैं। नागपुर में थैलेसीमिया और सिकल सेल सेंटर के निदेशक डॉ. विंकी रुघवानी ने कहा कि हजारों लोगों को नियमित रूप से खून चढ़ाने की जरूरत होती है। हालांकि अभी तक खून की उपलब्धता रही है, लेकिन आने वाले एक सप्ताह में स्थिति गंभीर हो सकती है।

(और पढ़ें- खून कैसे चढ़ाया जाता है, फायदे और नुकसान)

वहीं, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने मुंबई में विशेष `छोटे शिविरों' के लिए अनुमति दी है, जो लॉकडाउन का पालन करते हुए कोरोना की महामारी में लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे में ब्लड डोनर को सैनिटाइजर और मास्क भी मुहैया कराया जा रहा है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से ब्लड डोनेशन पर जोर
वहीं, ब्लड बैंक से जुड़ी संस्था ‘थिंक फाउंडेशन’ और ‘यू टू कैन रन’ ने एक ऐसे मॉड्यूल पर काम किया है, जिसके तहत संभावित डोनर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके बाद वे एक ई-लेटर के माध्यम से आसपास के ही ब्लड बैंक में जाकर रक्त दान कर सकते हैं। किसी भी ब्लड बैंक में भीड़ से बचने के लिए इस प्रकार भी रक्तदान किया जा सकता है। संस्था से जुड़े लोगों की मानें तो इससे हर दिन कम से कम 300 यूनिट ब्लड इकट्ठा किया जा सकता है। उधर, केरल में राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने एक नया सर्कुलर जारी किया है, जिससे ब्लड बैंकों में रक्तदान करने की अनुमति मिली है।

(और पढ़ें- गुणवत्तापूर्ण रक्त की पहचान के लिए शोधकर्ताओं ने बनाई नई डिवाइस)

पिक-एंड-ड्रॉप की सुविधा, लेकिन डोनर नहीं
मध्य प्रदेश में भोपाल और इंदौर स्थित ब्लड बैंकों में हर ब्लड ग्रुप की आपूर्ति के लिए कुछ यूनिट की कमी हो रही है। इस बारे में एमपी रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष का कहना है कि वे उन रक्तदाताओं के लिए पिक-एंड-ड्रॉप की सुविधा दे रहे हैं जो टोल-फ्री नंबर पर कॉल करते हैं। लेकिन पिछले 10 दिनों में सिर्फ 15 डोनर ही मिले हैं, जो उम्मीद से काफी कम है।

वहीं, बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ब्लड की कमी को दूर करने के लिए सभी पुलिस कर्मियों से अपील की है कि वे पुलिस थानों में रक्तदान शिविर आयोजित करें। इसके अलावा पीजीआई चंडीगढ़ के ब्लड बैंक विभाग ने योजना बनाई है कि वॉलिंटियर्स के जरिए रक्तदान को बढ़ाया जाए। इसके तहत अस्पतालों की बसों को भेजा जा रहा है ताकि ब्लड बैंक में रक्त की कमी को पूरा किया जा सके।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव, लॉकडाउन की वजह से ब्लड बैंक हो रहे खाली, आने वाले दिनों में हो सकती है ब्लड की कमी है

ऐप पर पढ़ें