एक नई स्टडी में सुझाव दिया गया है कि कोविड-19 के कुछ मरीजों में शुरुआती संक्रमण से उबरने के बाद भी लंबे समय तक स्किन से जुड़े कुछ लक्षण मौजूद रहते हैं। अमेरिका के मैसाचूसेट्स जनरल हॉस्पिटल के अनुसंधानकर्ताओं ने स्टडी के इन नतीजों को 29वें कांग्रेस ऑफ द यूरोपियन अकैडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एंड वेनेरियॉलजी में पेश किया। इस दौरान अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 संक्रमण से जुड़े एक और बोझ की ओर ध्यान दिलाया, जिसका अनुभव लॉन्ग कोविड वाले मरीज करते हैं जो संक्रमण से तो ठीक हो जाते हैं, लेकिन कोविड-19 से पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाते।
(और पढ़ें - त्वचा पर चकत्ते होना भी कोराना वायरस का लक्षण, वैज्ञानिकों का दावा)
कोविड-19 के त्वचा से जुड़े लक्षण 60 दिनों तक बने रहते हैं
इस खास तरह के विश्लेषण के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने इंटरनैशनल लीग ऑफ डर्मेटोलॉजिकल सोसायटीज और द अमेरिकन अकैडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के साथ मिलकर अप्रैल 2020 में कोविड-19 के त्वचा संबंधी लक्षणों को देखने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय रेजिस्ट्री की स्थापना की थी। इसके बाद जून और अगस्त के महीने में डॉक्टरों से संपर्क किया गया ताकि कोविड-19 के लैब टेस्ट के नतीजों और मरीजों में कोविड-19 से जुड़े त्वचा के लक्षण कितने समय तक बने रहते हैं इसकी जानकारी को अपडेट किया जा सके। इसके बाद अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने बताया कि लॉन्ग कोविड वाले मरीज जिनमें कोरोना वायरस से जुड़े त्वचा के लक्षण नजर आते हैं वह करीब 60 दिनों तक बने रहते हैं।
(और पढ़ें - स्किन पर 9 घंटे तक जीवित रह सकता है नया कोरोना वायरस)
त्वचा पर रैशेज और पित्ती जैसे लक्षण 28 दिन तक बने रहे
शोधकर्ताओं की टीम ने कोविड-19 के उन 1 हजार मरीजों की जांच की जिनमें स्किन से जुड़ी समस्याएं और लक्षण देखने को मिले। कुल 39 देशों के कोविड-19 के 224 संदिग्ध मामले और कोविड-19 के लैब से कंफर्म हो चुके 90 मामलों में लक्षणों की अवधि की जानकारी सामने आयी जिसमें लक्षणों की अवधि का औसत समय 12 दिन का था। कोविड-19 के लैब से कंफर्म हो चुके मरीजों में मॉर्बिलिफॉर्म (त्वचा पर होने वाला एक तरह का रैश यानी लाल चकत्ते) की समस्या औसतन 7 दिन और अर्टिकारियल इरप्शन्स (पित्ती जैसी फुंसियां) की समस्या औसतन 4 दिन तक देखने को मिली। लेकिन इन दोनों स्किन समस्याओं की अधिकतम अवधि 28 दिन थी।
(और पढ़ें - कोविड-19 के रिकवर हो चुके मरीजों में हो सकती है स्तंभन दोष की समस्या)
लॉन्ग कोविड के मरीज में पैप्युलोस्क्वैमस इरप्शन 70 दिनों तक नजर आया
इसके अलावा कोविड-19 के लैब कंफर्म्ड मामलों में से कुछ मरीजों में पैप्युलोस्क्वैमस इरप्शन्स (पौधों पर होने वाले छोटे-छोटे दाने जैसे दिखने वाले लाल या पर्पल रंग के घाव) की समस्या भी देखने को मिली जो औसतन 20 दिन तक जारी रहा लेकिन लॉन्ग कोविड वाले एक मरीज में यह समस्या 70 दिनों तक देखने को मिली।
कोविड-टोज के लक्षण अधिकतम 130 दिनों तक नजर आए
इसके अलावा कोविड-19 के मरीजों में स्किन से जुड़ी समस्याओं में चिलब्लेन्स यानी बिवाई और हाथ और पैर में लालिमा और सूजन होने की समस्या भी देखने को मिलती है जिसे कोविड-टोज कहते हैं। यह समस्या कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों में औसतन 15 दिनों तक और लैब के कंफर्म हो चुके मामलों में 10 दिनों तक देखने को मिलती है। यहां पर ध्यान देने योग्य बात ये है कि इनमें से करीब 6 मरीज लॉन्ग कोविड से पीड़ित थे जिनमें बिवाई के लक्षण 60 दिनों तक नजर आए जबकि लैब से कंफर्म हो चुके कोविड-19 के 2 मरीजों में कोविड-टोज के लक्षण 130 दिनों से ज्यादा समय तक देखने को मिले।
(और पढ़ें - बच्चों में कोविड-19 से जुड़ी बीमारी उनके हृदय को क्षतिग्रस्त कर सकती है)
अलग-अलग अंगों पर कोविड-19 का दीर्घकालिक प्रभाव
मैसाचूसेट्स जनरल हॉस्पिटल में ग्लोबल हेल्थ डर्मेटॉलजी विभाग के डायरेक्टर और इस स्टडी के सीनियर ऑथर एस्थर ई फ्रीमैन कहते हैं, "हमारी स्टडी के ये नतीजे पहले सूचित न होने वाले उन मरीजों का खुलासा करते हैं जिनमें कोविड-19 की वजह से लंबे समय तक रहने वाले त्वचा से जुड़े लक्षण दिखायी दिए थे खासकर कोविड-टोज की समस्या। हमारे शरीर के अलग-अलग ऑर्गन सिस्टम पर कोविड-19 का दीर्घकालिक प्रभाव क्या होता है इस बारे में हमारी जानकारी को बढ़ाने में मदद करते हैं ये आंकड़े। इन्फ्लेमेशन के मामले में हमारे शरीर के अंदर क्या चल रहा है इसे दिखाने के लिए हमारी त्वचा एक संभावित खिड़की की तरह काम करती है।"
मरीजों में स्किन से जुड़े लक्षणों पर डॉक्टर रखें नजर
फ्रीमैन आगे कहते हैं, "हम दुनियाभर के चिकित्सकों को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे कोविड-19 के जिन मरीजों की देखभाल कर रहे हैं उनसे लगातार पूछते रहें और उनकी जांच भी करते रहें कि कहीं उनमें स्किन से जुड़े कोई लक्षण तो नजर नहीं आ रहे। हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स हमारी रजिस्ट्री पर सूचनाएं और जानकारी साझा कर सकते हैं ताकि कोविड-19 के डर्मेटोलॉजिक यानी त्वचा से संबंधित असर से जुड़ी हमारी जानकारी को और बढ़ाया जा सके।"
उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 के कई मरीजों में रिकवरी के बाद भी दिखते हैं स्किन से जुड़ी समस्या के लक्षण : स्टडी है
- Proctosedyl BD Cream - ₹108
- Anovate Cream - ₹140
- Pilo GO Cream - ₹80
- Covifor Injection - ₹3780
- Fabiflu 200 Mg Tablet - ₹1292
- Fabiflu 400 Tablet - ₹856
- Fabiflu (Favipiravir) 400 Mg Tablet - ₹1224
- Fabiflu (Favipiravir) 200 Mg Tablet - ₹1292
- Remdesivir Injection - ₹10500
- Molusafe Capsule - ₹457
- Movfor 200 Mg Capsule - ₹2490
- Molflu 200 Mg Capsule - ₹1400
- Molulife 200 Capsule - ₹1399
- Cipmolnu 200 Mg Capsule - ₹2000
- Molxvir 200 Mg Capsule - ₹1520
- Immunocin Alpha Plus 1.6mg Injection - ₹5998
- Alzumab Injection - ₹8229
- Imualfa 1.6mg Injection 1ml - ₹2628
- Molnutor 200 Mg Capsule - ₹2000
- Sotrovimab Injection - ₹165000
- Nirmatrelvir - ₹5000
- Molnupiravir 200 Mg Capsule - ₹1400
- Covihalt 200 Tablet - ₹465
- Ciplenza Tablet - ₹646
- Itolizumab Injection - ₹8220