फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा (एफओपी) - Fibrodysplasia Ossificans Progressiva (FOP) in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

December 30, 2020

December 30, 2020

फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा
फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा

फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा (एफओपी) एक दुर्लभ और संयोजी ऊतक से जुड़ा विकार है। इसमें शरीर के कुछ ऐसे हिस्सों में हड्डी में असामान्य विकास होने लगता है जहां आमतौर पर हड्डी नहीं होती है जैसे स्नायुबंधन (लिगामेंट), टेंडन (स्नायु) और स्केलेटल मांसपेशियां।

(और पढ़ें - संयोजी ऊतक रोग)

इस स्थिति में स्केलेटन यानी कंकाल के बाहर हड्डियां विकसित होने लगती हैं, जिसकी वजह से मूवमेंट करने में दिक्कत आती है। आमतौर पर यह समस्या बचपन में ही स्पष्ट तौर पर नजर आने लगती है। इसकी शुरुआत गर्दन और कंधों से होती है और फिर ये शरीर के निचले अंगों की ओर बढ़ता है। एफओपी से ग्रस्त लोगों में अक्सर पैर की उंगलियां असामान्य और बहुत बड़ी बड़ी होती हैं, और यह स्थिति बीमारी को डायग्नोज करने में मदद करती है। फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा की यह बीमारी 16 लाख नवजात शिशुओं में से किसी 1 को होती है और वर्तमान समय में दुनियाभर में केवल 800 लोग हैं जिन्हें यह बीमारी है।

फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा के लक्षण - Fibrodysplasia Ossificans Progressiva Symptoms in Hindi

फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा के निम्नलिखित लक्षण और संकेत हैं:

एफओपी से ग्रसित सभी लोगों में पैर की उंगलियां विकृत होती हैं और लगभग 50% रोगियों में हाथ के अंगूठे का आकार असामान्य होता है। यह बदलाव जन्म के समय से ही कंकाल में मौजूद होते हैं। एफओपी से संबंधित सबसे आम स्केलेटल मैलफॉर्मेशन (हड्डियों से बने ढांचे का विकृत होना) में पैर के अंगूठे का छोटा व असामान्य होना, अंगूठे का उंगलियों की ओर मुड़ा होना, उंगलियों का छोटा होना और कई मामलों में सबसे छोटी वाली उंगली का मुड़ा होना शामिल है।

इस विकार वाले लोग ईटिंग डिसऑर्डर (खाने से जुड़ी समस्याओं) की वजह से कुपोषित हो सकते है। इसके अलावा रिब केज के आसपास भी कई बार अतिरिक्त हड्डी का निर्माण हो जाता है जिसकी वजह से मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा का कारण - Fibrodysplasia Ossificans Progressiva Causes in Hindi

फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा एसीवीआर1 नामक जीन में गड़बड़ी या बदलाव की वजह से होता है। यह ऑटोसोमल डॉमिनेंट तरीके से माता-पिता से बच्चों में पारित होता है, जिसका मतलब है कि यह एक आनुवांशिक स्थिति है जो तब होती है जब किसी बच्चे को उसके माता या पिता में से किसी एक से जीन की खराब प्रति मिली हो।

एसीवीआर1 जीन 'बोन मॉर्फोजेनेटिक प्रोटीन (बीएमपी) टाइप 1 रिसेप्टर्स' नामक प्रोटीन बनाने में मदद करता है। यह प्रोटीन स्केलेटल मसल्स और कार्टिलेज (उपास्थि) सहित शरीर के कई ऊतकों में पाया जाता है। यह हड्डियों और मांसपेशियों के विकास को नियंत्रित करने में मदद करता है।

अध्ययन से पता चला है कि एसीवीआर1 जीन में गड़बड़ी होने से शरीर की ऐसी प्रक्रिया बाधित हो जाती है, जो रिसेप्टर की गतिविधियों को नियंत्रित करती है। रिसेप्टर्स ऐसी रासायनिक संरचनाएं हैं, जो प्रोटीन से बनी होती हैं।

रिसेप्टर की गतिविधियां अनियंत्रित हो जाने से रिसेप्टर तब ऐक्टिव हो जाता है जब उसे सामान्य रूप से नहीं होना चाहिए। रिसेप्टर ऐक्टिविटी बहुत अधिक होने से हड्डी और उपास्थि का अधिक निर्माण होने लगता है जो फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा का मुख्य संकेत और लक्षण है।

(और पढ़ें - हड्डियों में दर्द का कारण)

फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा का निदान कैसे किया जाता है? - Fibrodysplasia Ossificans Progressiva Diagnosis in Hindi

फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा का निदान आमतौर पर शारीरिक परीक्षण के माध्यम से किया जाता है। इस दौरान डॉक्टर दो मुख्य संकेतों पर गौर करते हैं - उंगलियां छोटी होना व अंगूठे का उंगलियों की तरफ मुड़ना और कंधे, पीठ व गर्दन पर ट्यूमर जैसे ग्रोथ नजर आना। यह सुनिश्चित करने के लिए मरीज की एफओपी बीमारी ही है कई बार डॉक्टर ब्लड टेस्ट भी करवाते हैं यह देखने के लिए जिस जीन की वजह से यह बीमारी होती है उसमें कोई खराबी है या नहीं। इसके अलावा वे मरीज की मेडिकल हिस्ट्री, अन्य लक्षण और लैब टेस्ट की मदद से एफओपी को डायग्नोज कर सकते हैं।

फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा का इलाज - Fibrodysplasia Ossificans Progressiva Treatment in Hindi

फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा का फिलहाल कोई सटीक इलाज नहीं है। हालांकि, शुरुआती 24 घंटों के अंदर प्रेडनिसोन जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स का हाई डोज दिया जा सकता है, ताकि तेज जलन और ऊतकों की सूज​न को जल्द से जल्द रोका व नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं (मसल्स रिलैक्संट्स) और जरूरत पड़ने पर एमिनो बिस्फॉस्फोनेट्स (दवा का एक वर्ग) का इस्तेमाल किया जा सकता है। हेटेरोटोपिक और हड्डियों के अतिरिक्त विकास को हटाने के लिए सर्जरी की जा सकती है, लेकिन कुछ मामलों में यह जोखिम भरा हो सकता है और यह दर्दनाक व नई हड्डी के विकास का कारण भी बन सकता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹599  ₹850  29% छूट
खरीदें


फाइब्रोडिस्प्लेसिया ऑसिफिकंस प्रोग्रेसिवा (एफओपी) के डॉक्टर

Dr. G Sowrabh Kulkarni Dr. G Sowrabh Kulkarni ओर्थोपेडिक्स
1 वर्षों का अनुभव
Dr. Shivanshu Mittal Dr. Shivanshu Mittal ओर्थोपेडिक्स
10 वर्षों का अनुभव
Dr. Saumya Agarwal Dr. Saumya Agarwal ओर्थोपेडिक्स
9 वर्षों का अनुभव
Dr Srinivas Bandam Dr Srinivas Bandam ओर्थोपेडिक्स
2 वर्षों का अनुभव
डॉक्टर से सलाह लें