पैराकॉकसीडियोआइडोमायकोसिस क्या है?

पैराकॉकसीडियोआइडोमायकोसिस एक प्रकार का फंगल इन्फेक्शन है। यह पैराकॉकसीडियोआइस नामक फंगस के कारण होता है। आमतौर पर यह इन्फेक्शन काफी हल्का होता है, जिसको ध्यान भी नहीं दिया जाता, लेकिन कुछ मामलों में यह एक गंभीर और दीर्घकालिक बीमारी बन जाता है। 

पैराकॉकसीडियोआइडोमायकोसिस के लक्षण क्या हैं?

पैराकॉकसीडियोआइडोमायकोसिस से ग्रस्त ज्यादातर लोगों में किसी प्रकार के लक्षण पैदा नहीं होते हैं। लेकिन जिन लोगों में इसके लक्षण विकसित होते हैं, उनमें मुख्य रूप से फेफडों व त्वचा से संबंधित लक्षण देखे जाते हैं। इसमें कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जैसे मुंह या गले में घाव होना, वजन घटना, लिम्फ नोड्स में सूजन, खांसी, बुखार, सांस फूलना, थकान, लीवर बढ़ना और तिल्ली बढ़ना आदि।

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पैराकॉकसीडियोआइडोमायकोसिस क्यों होता है?

यह पैराकॉकसीडियोआइस ब्रसेलियनसिस (Paracoccidioides brasiliensi) और पैराकॉकसीडियोआइस लट्जी (Paracoccidioides lutzii) नामक फंगस के कारण होता है। इस रोग के ज्यादातर मामले फंगी को सांस द्वारा लेने के एक साल बाद विकसित होते हैं। हालांकि सभी मामलों में समय इतना लंबा भी नहीं होता। 

यह फंगस मिट्टी में पाया जाता है, जब यह फंगस सांस के द्वारा शरीर के अंदर चला जाता है तो यह संक्रमण शुरू हो जाता है। यह फंगस फेफड़ों के अंदर जाकर यीस्ट में बदल जाता है। पैराकॉकसीडियोआइडोमायकोसिस कई बार उन लोगों को भी हो जाता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जैसे एचआईवी एड्स से ग्रस्त लोग। 

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पैराकॉकसीडियोआइडोमायकोसिस का इलाज कैसे होता है?

स्थिति का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर मरीज के लक्षणों की जांच करते हैं और साथ ही साथ कुछ प्रकार के लैब टेस्ट व इमेजिंग टेस्ट भी करते हैं जैसे एक्स रे आदि। डॉक्टर अक्सर एक बायोप्सी टेस्ट भी करते हैं, प्रभावित त्वचा में से सेंपल लिया जाता है और जांच के लिए उसे लैब में भेज दिया जाता है। 

पैराकॉकसीडियोआइडोमायकोसिस का इलाज करने के लिए एंटीफंगल सबसे अधिक प्रभावी दवाएं हैं, इन दवाओं में इट्राकोनाजॉल (itraconazole), केटोकोनाजॉल (ketoconazole) और फ्लूकोनाजॉल (fluconazole) आदि दवाएं शामिल हैं। 

कुछ गंभीर मामलों में जो लोग अन्य दवाएं सहन नहीं कर पाते उनको एम्फोटेरिसिन बी (Amphotericin B) दवा दी जा सकती है। सल्फोनेमाइड्स सुप्रास (Sulfonamides suppress) ऐसी दवाएं हैं, जो बढ़ते बढ़ते हुए रोग को रोक देती है, लेकिन यह फंगस को शरीर से खत्म नहीं कर पाती है। 

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