आमतौर पर नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) गर्भावस्था की आखिरी तिमाही में शिशु की हार्ट रेट (प्रति मिनट दिल की धड़कने की दर), शिशु की मूवमेंट और हार्ट रेट के प्रति उसकी प्रतिक्रिया की जांच के लिए करवाया जाता है। अधिकतर मामलों में मूवमेंट के साथ ही भ्रूण की हार्ट रेट बढ़ती है। ये टेस्ट गर्भावस्था के 26वें हफ्ते से 28वें सप्ताह के बाद कभी भी करवाया जा सकता है।
इस टेस्ट को नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसमें टेस्ट के दौरान शिशु पर कोई बाहरी स्ट्रेस नहीं पड़ता है।