पैराटाइफी टेस्ट क्या हैं?

पैराटाइफाइड बुखार एक स्थिति है जो कि साल्मोनेला पेराटाइफी बैक्टीरिया से होता है। यह आमतौर पर उन लोगों को होता है जिन्होंने हाल ही ऐसे क्षेत्रों में यात्रा की है, जहां पर्याप्त सफाई व्यवस्था नहीं है या फिर जो लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं। बैक्टीरिया संक्रमित व्यक्ति के मल, यूरिन और खून में हो सकता है। बैक्टीरिया निगलने (भोजन आदि के साथ) से संक्रमण और अधिक फैल सकता है, पैराटाइफाइड बुखार के लिए विकासशील देशों में आमतौर पर ब्लड कल्चर टेस्ट ही किया जाता है। इसके अलावा इस रोग के परीक्षण के लिए विडाल टेस्ट किया जाता है। यह टेस्ट बाकि टेस्ट से आसान और सस्ता है लेकिन उनकी तुलना में कम विश्वसनीय होता है।

  1. पैराटाइफी टेस्ट क्यों किया जाता है - What is the purpose of Paratyphi test in Hindi
  2. पैराटाइफी टेस्ट से पहले - Before Paratyphi test in Hindi
  3. पैराटाइफी टेस्ट के दौरान - During Paratyphi test in Hindi
  4. पैराटाइफी टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - What does Paratyphi test result mean in Hindi?

पैराटाइफी टेस्ट किसलिए किया जाता है?

इस टेस्ट की सलाह डॉक्टर तब दे सकते हैं जब व्यक्ति में निम्न लक्षण दिखाई दे:

ये लक्षण बैक्टीरिया के शरीर में जाने के 1 से 10 दिनों के बाद दिखाई देते है।

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पैराटाइफी टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

यह टेस्ट करवाने से पहले किसी विशेष प्रकार की तैयारी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

पैराटाइफी टेस्ट कैसे किया जाता है?

पैराटाइफी संक्रमण का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट की जरूरत होती है। जो कि निम्न तरीकों से किया जाता है:

  • व्यक्ति की बांह में एक इलास्टिक बैंड लगाया जाता है, जिससे बांह की नस में खून का बहाव रुक जाता है। इससे नस बड़ी और साफ नजर आती है और सुई लगाने में आसानी होती है। 
  • जिस जगह इंजेक्शन लगाया जाने वाला है उस जगह को पहले संक्रमण मुक्त करने के लिए अल्कोहल युक्त दवा से साफ़ किया जाता है।
  • उसके बाद सुई को नस में लगाया जाता है और सुई से जुड़ी ट्यूब में सैंपल को भर लिया जाता है। पर्याप्त खून मिल जाने पर बांह से बैंड हटा दिया जाता है।
  • सुई लगाने के बाद इंजेक्शन वाली जगह पर रुई लगाई जाती है, थोड़ा सा दबाव लगाकर खून बहने से रोका जाता है।
  • संक्रमण से बचने के लिए इंजेक्शन वाली जगह पर बैंडेज लगाई जा सकती है। 
  • जरुरत होने पर बैक्टीरिया का विकास जानने के लिए और इलाज की पुष्टि लिए ब्लड कल्चर टेस्ट भी किया जा सकता है।
  • हाथ के ऊपरी हिस्से में जहाँ बैंड बांधा गया था, वहां कसाव महसूस हो सकता है 
  • खून निकालते समय हल्का दर्द हो सकता है। 

टेस्ट से जुड़े कुछ खतरे हैं:

  • सैंपल लेने में कठिनाई 
  • ब्लड निकलने पर अधिक खून बहना 
  • बेहोशी 
  • हीमेटोमा (त्वचा के अंदर खून का जमना)
  • सुई लगने वाली जगह पर संक्रमण 

उचित उपायों वा सावधानियां बरत कर इन सभी जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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पैराटाइफी टेस्ट के परिणाम क्या बताते हैं?

पॉजिटिव रिजल्ट बताते हैं कि व्यक्ति किसी बैक्टीरिया से संक्रमित है और उसे जल्द से जल्द इलाज की आवश्यकता है। पैराटाइफाइड बुखार का यदि समय पर इलाज न हो तो यह जीवन के लिए घातक हो सकता है।

नेगेटिव रिजल्ट का मतलब होता है कि व्यक्ति के अंदर पैराटाइफी बैक्टीरिया के कोई संकेत नहीं हैं। हालांकि लक्षणों के कारणों का पता लगाने के लिए ब्लड कल्चर टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए।

संदर्भ

  1. HealthyWA [internet]. Department of Health: Government of Western Australia; Typhoid and paratyphoid fever
  2. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Typhoid
  3. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Typhoid Fever and Paratyphoid Fever
  4. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Sepsis
  5. SA Health. Department for Health and Well Being: Government of South Australia; Typhoid and paratyphoid - including symptoms, treatment and prevention
  6. Health [internet]: Government of New South Wales; Typhoid and paratyphoid fevers control guideline
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