सही शेप और साइज के ब्रेस्ट महिलाओं के शरीर को सुंदर बनाते हैं. लगभग हर महिला अपने ब्रेस्ट के आकार का ध्यान रखती है. इनका विकास आमतौर पर टीनेज के दौरान होता है. छोटे आकार के ब्रेस्ट होने पर महिलाएं कभी-कभी परेशान हो जाती हैं और कम आत्मविश्वास महसूस करती हैं. इसलिए, महिलाएं ब्रेस्ट बढ़ाने के तरीकों को अपनाती हैं. अगर बिना सर्जरी ब्रेस्ट का साइज बढ़ाने वाले ऑप्शन की बात करें, तो इसमें ब्रेस्ट फिलर इंजेक्शन, ऑटोलॉगस फैट ट्रांसप्लांटेशन जैसे कुछ इंजेक्शन के नाम हैं.

आज लेख में आप ब्रेस्ट बढ़ाने वाले इंजेक्शन के फायदे व नुकसान के बारे में विस्तार से जानेंगे -

(और पढ़ें - ब्रेस्ट बढ़ाने के घरेलू उपाय)

  1. ब्रेस्ट बढ़ाने के इंजेक्शन
  2. ब्रेस्ट एनलार्जमेंट इंजेक्शन के नुकसान
  3. सारांश
ब्रेस्ट बढ़ाने वाले इंजेक्शन के फायदे व नुकसान के डॉक्टर

ब्रेस्ट के आकार को बढ़ाने के लिए कई तरह की सर्जरी के ऑप्शन हैं, लेकिन कई महिलाएं सर्जरी से डरती हैं. साथ ही सर्जरी का महंगा खर्चा उठाना सभी के लिए संभव नहीं होता है. इसके मुकाबले इंजेक्शन सस्ता विकल्प होता है. ब्रेस्ट फिलर इंजेक्शन व ऑटोलॉगस फैट ट्रांसप्लांटेशन जैसे इंजेक्शन का प्रयोग करके ब्रेस्ट के आकार को बढ़ाया जा सकता है. आइए, इन इंजेक्शन के बारे में विस्तार से जानते हैं -

ब्रेस्ट फिलर इंजेक्शन - Breast Filler Injection

इस प्रक्रिया के तहत ब्रेस्ट में इंजेक्शन के जरिए लिक्विड भरा जाता है. इससे ब्रेस्ट का आकार बड़ा हो सकता है. इसमें कई तरह के फिलर प्रयोग किए जाते हैं, जिनका असर भी अलग-अलग समय तक रहता है. इसके बारे में नीचे क्रमवार बताया गया है -

  • साल्ट वॉटर का इंजेक्शन शरीर में जल्दी अब्सोर्व हो जाता है. इसलिए, इसका असर केवल कुछ घंटों से लेकर 1-2 तक दिन रहता है.
  • कैल्शियम हाइड्रोक्सीएपेटाइट (Calcium Hydroxyapatite), पॉलीएक्रिलामाइड (Polyacrylamide), लिक्विड सिलिकॉन (Liquid Silicon) इंजेक्शन और हयालूरोनिक एसिड (Hyaluronic acid) मेडिकल ग्रेड फिलर कई सालों तक बने रहते हैं. ये फिलर लगभग 2 साल तक शरीर में रहते हैं और फिर शरीर धीरे-धीरे इन्हें सोख लेता है.
  • क्रॉस-लिंक्ड हयालूरोनिक एसिड जेल (Cross linked Hyaluronic acid Acid Gel)  सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाला फिलर है. बेशक यह एक टेम्परेरी फिलर है, लेकिन सुरक्षित और एफडीए से मान्यता प्राप्त है.

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फैट ट्रांसफर ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन इंजेक्शन - Fat Transfer Breast Augmentation Injection

इस प्रक्रिया को ऑटोलॉगस फैट ट्रांसप्लांटेशन (Autologous fat transplantation) के नाम से भी जाना जाता है. आइए, इसके बारे में और विस्तार से जानते हैं -

  • इस तरीके में शरीर के अधिक फैट वाले हिस्सों से फैट हटाकर, उसे ब्रेस्ट का आकार बढ़ाने के लिए उसमें इंजेक्ट कर दिया जाता है.
  • फैट को निकालने के लिए लिपोसक्शन का उपयोग किया जाता है.
  • इस प्रक्रिया की खास बात यह है कि इसमें व्यक्ति का खुद का फैट उपयोग किया जाता है, जिससे ट्रांसप्लांटेशन की कोई जरूरत नहीं होती है. सफल होने पर प्रक्रिया के बाद ब्रेस्ट का आकार बढ़ा हुआ और नैचुरल दिखता है.
  • हालांकि इस मेडिकल तरीके को करवाने में आने वाला खर्चा हॉस्पिटल और डॉक्टर पर निर्भर करता है, लेकिन औसतन इसका खर्चा लगभग 30,000 से लेकर 1,20,000 तक हो सकता है. इस खर्चे में इंप्लांट और इंजेक्ट शामिल होता है.

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हार्मोन ब्रेस्ट एनलार्जमेंट इंजेक्शन थेरेपी - Hormone Breast Enlargement Injection Therapy

हार्मोन इंजेक्शन ब्रेस्ट के आकार को बढ़ाने का एक और तरीका है. ब्रेस्ट का विकास हार्मोन द्वारा कंट्रोल किया जाता है. इस प्रक्रिया में भी वही हार्मोन उपयोग किए जाते हैं, लेकिन शरीर में हार्मोन इंजेक्ट करना पूरी तरह सुरक्षित नहीं है.

इससे शरीर में नैचुरल हार्मोन का बैलेंस बिगड़ सकता है, जिसके गंभीर नुकसान हो सकते हैं. एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिक डोज से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, आमतौर पर ब्रेस्ट के आकार को बढ़ाने के लिए हार्मोन इंजेक्शन का सुझाव नहीं दिया जाता है.

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हालांकि, महिलाएं ब्रेस्ट एनलार्जमेंट करवाने से खुद में ज्यादा कॉन्फिडेंस हो पाती हैं और उन्हें अपना शरीर ज्यादा सुंदर लगने लगता है. वहीं, दूसरी तरफ सच्चाई ये भी है कि इन सभी आर्टिफिशियल तरीकों के कई नुकसान भी हैं, जो जीवन भर दुख दे सकते हैं. ब्रेस्ट में फैट के अधिक होने और खून के कम होने पर फैट सॉलिड हो सकता है, जिससे कई तरह के दुष्प्रभाव नजर आ सकते हैं. आइए, ब्रेस्ट एनलार्जमेंट इंजेक्शन के नुकसान के बारे में विस्तार से जानते हैं -

  • इससे शरीर में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
  • इंजेक्ट किया गया फैट अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाता है, क्योंकि उसको खून की जरूरत होती है.
  • फैट के सॉलिड होने पर मैमोग्राम द्वारा ब्रेस्ट की जांच मुश्किल हो जाती है. इस जांच में सॉलिड हो गया फैट कैंसर के लक्षण जैसा नजर आता है.
  • फैट इंजेक्शन केवल कप के आकार को बढ़ाने में सहायता करता है. सैगिंग ब्रेस्ट में कोई सुधार नहीं होता है.
  • किसी भी अन्य मेडिकल तरीके की तरह, इस उपचार में भी इन्फेक्शन का खतरा होता है.
  • कुछ मामलों में इंजेक्ट किया गया फैट आसपास के टिश्यू को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे ब्रेस्ट को नुकसान हो सकता है.
  • चूंकि, छाती में इंजेक्शन लगाया जाता है, इसलिए प्रक्रिया सही ढंग से नहीं की जाती है, तो लंग्स में छेद होने की आशंका रहती है.
  • दोनों ब्रेस्ट अलग-अलग तरीके से फिलर को सोख सकते हैं, जिससे दोनों ब्रेस्ट के आकार में फर्क आ सकता है.
  • सिलिकॉन फिलर के कुछ मामलों में लंग्स और छाती में सिलिकॉन के लीक होने की आशंका रहती है, जिससे उल्टीचक्कर आना व सांस लेने में कठिनाई हो सकती है.
  • एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिक डोज से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

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ब्रेस्ट फिलर इंजेक्शन व ऑटोलॉगस फैट ट्रांसप्लांटेशन का प्रयोग करके ब्रेस्ट के आकार को बढ़ाया और बेहतर बना सकते हैं, जिससे सुंदरता और आत्मविश्वास में सुधार होता है. वहीं, इनके नुकसान और सीमाओं का ख्याल रखा जाना जरूरी है. कई लोगों का मानना है कि ब्रेस्ट के  आकार को बढ़ाने के लिए इंजेक्शन प्रक्रियाएं सर्जरी की तुलना में सुरक्षित हैं, लेकिन हर प्रक्रिया में कुछ खतरे और दुष्प्रभाव शामिल हैं. इसलिए, निर्णय लेने से पहले प्रक्रिया के सभी नुकसानों पर अपने डॉक्टर से चर्चा जरूर करें.

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