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ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसका उपयोग ग्लूकोमा से पीड़ित लोगों के लिए किया जाता है। ग्लूकोमा से ग्रस्त आंख में दबाव बढ़ जाता है, जिसे इंट्रा ऑक्युलर प्रेशर (आईओपी) कहा जाता है और ट्रैबेक्युलेक्टमी की मदद से इस दबाव कम कर दिया जाता है।

आईओपी तब बढ़ जाता है जब आंख में मौजूद तरल पदार्थों के बाहर निकलने का रास्ता बंद हो जाता है। रुकावट के कारण द्रव आंख में जमा होने लगता है और परिणामस्वरूप आंख में दबाव बढ़ने लगता है। इस दबाव के कारण धीरे-धीरे आंख की तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं और यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए तो व्यक्ति अंधा भी हो सकता है। ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी की मदद से ग्लूकोमा के कारण होने वाली इन समस्याओं को रोका जा सकता है।

इस सर्जरी की मदद से आंख में एक अन्य छिद्र बनाकर द्रवों को निकाला जाता है, ताकि द्रव जमा होने के कारण बने दबाव को कम किया जा सके। इस सर्जरी को जनरल या लोकल एनेस्थीसिया की मदद से किया जाता है। जनरल एनेस्थीसिया से आपको गहरी नींद आ जाती है और लोकल एनेस्थीसिया से सिर्फ उस भाग को सुन्न किया जाता है, जिसकी सर्जरी होनी है। इस सर्जरी प्रोसीजर को करने में लगभग 1 घंटे का समय लगता है। सर्जरी के बाद कुछ समय तक आपकी दृष्टि प्रभावित रहती है, जिसे फिर से सामान्य होने में लगभग दो महीनों का समय लगता है। सर्जरी के बाद डॉक्टर आपको थोड़े-थोड़े समय बाद अस्पताल बुलाते रहते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सर्जरी के बाद आपको कोई जटिलता तो नहीं हुई है।

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  1. ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी क्या है - What is Trabeculectomy in Hindi
  2. ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी किसलिए की जाती है - Why is Trabeculectomy done in Hindi
  3. ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी से पहले - Before Trabeculectomy in Hindi
  4. ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी के दौरान - During Trabeculectomy in Hindi
  5. ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी के बाद - After Trabeculectomy in Hindi
  6. ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी की जटिलताएं - Complications of Trabeculectomy in Hindi

ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी क्या है?

ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसकी मदद से आंख में मौजूद दबाव को कम किया जाता है। आंख में होने वाले दबाव को इंट्राऑक्युलर प्रेशर कहा जाता है, जो आमतौर पर ग्लूकोमा के मरीजों में देखा जाता है।

ग्लूकोमा आंख में होने वाले कई रोगों का एक समूह है, जो ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाता है और अंधेपन का कारण बन सकता है। ऑप्टिक नर्व आंख से मस्तिष्क तक संकेतों को पहुंचाने वाली तंत्रिका होती है। आंख में आईओपी बढ़ना ग्लूकोमा के सामान्य जोखिम कारकों में से है। आईओपी तब बढ़ता है, जब आंख में मौजूद छोटी-छोटी नलियां (ट्रैबेक्युलर मेशवर्क) अवरुद्ध हो जाती हैं। ट्रैबेक्युलर मेशवर्क आंख के द्रव निकासी हिस्से में आईरिस (आपकी आंख का रंगीन हिस्सा) और कॉर्निया (आंख की पारदर्शी परत) के बीच मौजूद होता है। ट्रैबेक्युलर मेशवर्क आंख में मौजूद एक्वेस ह्यूमर नाम के द्रव को बाहर निकालने का काम करता है।

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ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी क्यों की जाती है?

यदि आपको ग्लूकोमा है या फिर आई ड्रॉप दवाओं से आंख के आईओपी को नियंत्रित नहीं किया जा रहा है, तो सर्जन ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी सर्जरी करने की सलाह दे सकते हैं। ग्लूकोमा के शुरुआती चरणों में कोई लक्षण नहीं देखे जाते हैं। हालांकि, जैसे ही इसकी गंभीरता धीरे-धीरे बढ़ती है तो दृष्टि संबंधी समस्याओं के लक्षण देखे जा सकते हैं। अधिकतर लोगों में ग्लूकोमा का पता तब ही लग पाता है, जब वह गंभीर चरणों में पहुंच जाता है। इसके अलावा ग्लूकोमा के साथ कुछ अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं -

ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी किसे नहीं करवानी चाहिए?

निम्न समस्याओं से ग्रस्त लोगों को ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी सर्जरी नहीं करवानी चाहिए -

  • जन्म से ही ग्लूकोमा होना
  • डायबिटीज
  • आईरिस में नई रक्त वाहिकाएं बनना, जिससे ग्लूकोमा को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है
  • पहले कभी आंख की सर्जरी हुई होना

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ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी सर्जरी की तैयारी कैसे की जाती है?

ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी से पहले की तैयारी निम्न के रूप में की जा सकती है -

  • सर्जन आपके स्वास्थ्य से संबंधित कुछ सवाल पूछ सकते हैं।
  • आपकी आंख की करीब से जांच की जाती है और उसके आकार का नाप लिया जाता है
  • आपका ब्लड टेस्ट और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम स्कैन किया जाता है, जिससे पता चलता है कि आप सर्जरी के लिए पर्याप्त रूप से स्वस्थ हैं या नहीं।
  • यदि आप किसी भी प्रकार की दवा, सप्लीमेंट या कोई अन्य उत्पाद ले रहे हैं, तो इसके बारे मे डॉक्टर आपसे पूछ सकते हैं।
  • यदि आपको कोई बीमारी है या एलर्जी है, तो इस बारे में भी डॉक्टर आपसे पूछ सकते हैं।
  • आपके द्वारा ली जा रही कुछ दवाओं को कुछ समय के लिए छोड़ने को कहा जा सकता है, जैसे रक्त पतला करने वाली दवाएं।
  • यदि आपको डायबिटीज है और आपको सर्जरी के लिए खाली पेट रहना है, तो डायबिटीज की दवा में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं।
  • इसके बाद आपको एक सहमति पत्र दिया जाता है, जिस पर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दे देते हैं। सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे एक बार अच्छे से पढ़ व समझ लें। (और पढ़ें - डायबिटीज का आयुर्वेदिक इलाज)

सर्जरी के लिए अस्पताल जाने से पहले आपको निम्न बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है -

  • अस्पताल जाने से पहले घर पर ही सारे आभूषण उतार दें, न ही नाखून पॉलिश या अन्य कोई मेकअप करें।
  • यदि डॉक्टर आपको आहार से संबंधित कुछ दिशा-निर्देश देते हैं, उनका ध्यानपूर्वक पालन करें। यदि कोई विशेष दिशा-निर्देशन नहीं दिया है, तो आप सामान्य रूप से खा-पी सकते हैं।
  • आपके द्वारा ली जा रही सभी दवाएं अस्पताल ले आएं, जैसे टेबलेट, इनहेलर और आई ड्रॉप्स आदि।
  • अपने साथ साफ ढीले-ढाले कपड़ों व चप्पलों की एक अतिरिक्त जोड़ी ले जाएं, क्योंकि सर्जन आपको एक दिन से अधिक समय तक भी अस्पताल में रख सकते हैं।
  • अपने साथ करीबी रिश्तेदार या मित्र को भी ले जाएं, ताकि सर्जरी से पहले के कार्यों में और सर्जरी के बाद घर जाने में आपको मदद मिल सके।

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ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी सर्जरी कैसे की जाती है?

यह सर्जरी जनरल एनेस्थीसिया या लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर की जाती है। जनरल एनेस्थीसिया से आपको गहरी नींद आ जाती है और आपको सर्जरी के दौरान कुछ भी महसूस नहीं होता है। लोकल एनेस्थीसिया सिर्फ उस हिस्से को सुन्न करती है, जिसकी सर्जरी करनी है। ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी सर्जरी में आमतौर पर निम्न स्टेप किए जाते हैं -

  • डॉक्टर सबसे पहले आपको जनरल या लोकल एनेस्थीसिया देंगे। आप सर्जरी के दौरान गहरी नींद में सो भी सकते हैं और जगे भी रह सकते हैं, जो निर्भर करता है कि आपको कौन सी एनेस्थीसिया दी गई है।
  • जिस आंख की सर्जरी करनी है, सर्जन उसे साफ करते हैं और फिर उस पर लिड स्पेक्युलम नामक उपकरण लगा दिया जाता है। यह उपकरण आंख को खोलकर रखता है। (और पढ़ें - मोतियाबिंद की सर्जरी कैसे होती है)
  • इसके बाद ऊपरी पलक के पास आंख में एक छिद्र बनाया जाता है और ड्रेनेज वाले हिस्से से ऊतक का छोटा सा टुकड़ा निकाला जाता है। छिद्र कुछ इस प्रकार से बनाया जाता है कि उसका कुछ हिस्सा स्क्लेरा के ऊतकों से बने एक पल्ले से ढका हो। जब एक्वेस ह्यूमर नए छिद्र से निकलता है, तो पल्ले वाले ऊतक ऊठ जाते हैं और बुलबुला बन जाता है। इस बुलबुले को ब्लेब कहा जाता है, जिसकी मदद से डॉक्टर यह जांच करते हैं कि एक्वेस ह्यूमर का बाहर स्राव हो रहा है या नहीं।
  • सर्जन पल्ले को ब्लेब के पास ही सिल देंगे, ताकि बनाया गया नया छिद्र बंद न हो पाए। इन टांकों को लगभग दो हफ्तों बाद हटा दिया जाता है।
  • इसके बाद सर्जरी वाले हिस्से पर एंटीबायोटिक लगाई जाती है और फिर आंख को बंद करके टेप लगा दी जाती है।
  • सर्जरी के बाद सर्जरी वाली आंख को आई पैच या शील्ड से भी ढका जाता है।
  • इस सर्जरी को होने में करीब एक घंटा लगता है। अधिकतर मामलों में सर्जरी के बाद ही आपको अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। हालांकि, कुछ मामलों में सर्जन आपको कुछ समय के लिए अस्पताल में ही भर्ती रख सकते हैं, ताकि आपके स्वास्थ्य की जांच की जा सके।

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ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी के बाद क्या देखभाल करें?

एक ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी के बाद आंख से धुंधला दिखाई देना और देखने संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। आपकी दृष्टि सामान्य रूप से ठीक होने में आपको लगभग दो महीने लग सकते हैं। सर्जरी के बाद स्वस्थ होने के दौरान आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा -

  • सर्जरी के बाद आपकी आंख में सूजन आ जाएगी, जिसके लिए सर्जन आपको सूजन-रोधी आई ड्रॉप देंगे। इन आई ड्रॉप को डॉक्टर के निर्देशानुसार ही उपयोग करें।
  • आंख में संक्रमण को रोकने के लिए आपको एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स का उपयोग भी करना होगा।
  • आंखों को साफ करने या आई ड्रॉप डालने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना आवश्यक है।
  • जब आप जगते हैं, तो आपको आंखों में चिपचिपा महसूस हो सकता है, जो कि सामान्य है। आंखों की चिपचिपाहट को दूर करने के लिए पानी को उबाल लें और फिर उसे पूरी तरह से ठंडा कर लें। (और पढ़ें - आंख लाल होने के घरेलू उपाय)
  • सर्जरी के बाद अपनी आंखों को रगड़ें नहीं। सर्जन आपको रात के समय प्लास्टिक आई शील्ड पहनने की सलाह दे सकते हैं, ताकि आप सोते समय गलती से अपनी आंख को रगड़ न पाएं। आप दिन के समय भी आई शील्ड लगा सकते हैं। हर बार शील्ड को पहनने से पहले उसे साफ पानी के साथ धो लें।
  • यदि आप सर्जरी से पहले ग्लूकोमा के लिए कोई आई ड्रॉप डालते थे जैसे एसिडाजोलामाइड आदि, तो सर्जरी के बाद उन्हें इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
  • सर्जरी के बाद पहले दो हफ्ते तक तैराकी, खेल-कूद, व्यायाम या कोई अन्य ऐसी गतिविधि न करें, जिससे आपको आगे की तरफ झुकना पड़े। हालांकि, आप थोड़ा बहुत किताबें भी पढ़ सकते हैं और टीवी भी देख सकते हैं।
  • डॉक्टर आपको कुछ सावधानियों के साथ नहाने या शॉवर लेने की अनुमति दे सकते हैं।
  • यदि आप किसी लंबी यात्रा पर जा रहे हैं, तो डॉक्टर से इस बारे में पूछ लें। डॉक्टर आपकी आंखों की जांच करेंगे और पर्याप्त मात्रा में आई ड्रॉप्स दवाएं देंगे। (और पढ़ें - आँखों की जलन दूर करने के उपाय)
  • आपको काम से कितने दिन की छुट्टी लेनी है, यह डॉक्टर आपके काम के प्रकार और आपकी आंख के स्वास्थ्य के अनुसार बताते हैं। सर्जरी के बाद आपको कम से कम दो हफ्ते तक आराम करने की सलाह दी जाती है। यदि आप किसी धूल वाली या अधिक श्रम वाली जगह पर काम करते हैं, तो डॉक्टर आपको अधिक समय तक आराम करने की सलाह दे सकते हैं।
  • सर्जरी के बाद ड्राइविंग शुरू करने से पहले आपको डॉक्टर से अनुमति लेनी जरूरी है।

ट्रैबेक्युलेक्टमी की मदद से आंख में बढ़ रहे दबाव को ही कम किया जाता है, जबकि इस सर्जरी से ग्लूकोमा के कारण पहले प्रभावित हुई दृष्टि में सुधार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, ट्रैबेक्युलेक्टमी की मदद से भविष्य में होने वाली क्षति को रोका जाता है।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको सर्जरी के बाद निम्न मे से कोई समस्या हो रही है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से बात करें -

  • देखने संबंधी समस्याएं होना
  • अत्यधिक दर्द महसूस होना
  • आंख से चिपचिपा पदार्थ निकलना
  • आंख में लालिमा बढ़ जाना

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ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी से क्या जोखिम होते हैं?

ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी सर्जरी होने के बाद आमतौर पर कई बार स्कार ऊतक बन जाते हैं। जिससे नए छिद्र की कार्य प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है। यदि सर्जरी के दौरान बनाया गया छिद्र ठीक से काम नहीं कर पाता है, तो डॉक्टर एक अन्य सर्जरी करने पर भी विचार कर सकते हैं। इसलिए सर्जरी के बाद डॉक्टर स्कारिंग से बचाव करने के लिए विशेष दवाएं देते हैं। इसके अलावा आंख में कुछ अन्य जटिलताएं भी हो सकती हैं, जो सर्जरी होने के कुछ दिन बाद तक दिखाई देती हैं जैसे -

  • रक्तस्राव
  • संक्रमण
  • अचानक से दिखना बंद हो जाना (स्थायी रूप से)
  • धुंधला दिखना
  • आईओपी बढ़ना

कुछ जटिलताएं हैं, जो सर्जरी के तुरंत बाद विकसित न होकर कुछ समय बाद दिखने लगती हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -

  • पलकें ढीली पड़ना
  • सर्जरी के बाद भी ऑप्टिक नर्व लगातार क्षतिग्रस्त होना
  • धुंधला दिखना, जो धीरे-धीरे बढ़ रहा हो

(और पढ़ें - आंखों से पानी आने का इलाज)

संदर्भ

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