आंखों में दर्द - Eye Pain in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

September 11, 2018

September 04, 2023

आंखों में दर्द
आंखों में दर्द

आंखों में दर्द क्या है?

आंखों में दर्द का आशय, आंखों में जलन, तेज दर्द, आंखों में थकान या आंखें लाल होने से लेकर लगातार यह महसूस करना कि मेरी आंखों में कुछ है, जैसे लक्षणों से है। इस दौरान आंखों में दबाव, कुछ भौंके जाने और फड़कने जैसा भी महसूस होता है। कई बार आंखों में हो रहे इस दर्द की वजह कुछ और भी हो सकती है। जैसे कि सिरदर्द, साइनस का दर्द, दांतदर्द या माइग्रेन के चलते भी आंखों में दर्द महसूस हो सकता है। 

आंख का दर्द कभी-कभी अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन यह कभी-कभी किसी गंभीर स्थिति का संकेत भी हो सकता है। कभी-कभी आपकी आंखों या उसके आस-पास के हिस्सों में किसी समस्या के परिणामस्वरूप दर्द या किसी प्रकार की असुविधा महसूस होने लगती है।

आंखों के दर्द के कारणों में आंख आना, कोर्निया में खरोंच या रगड़, आँख में चोट, गुहेरी और अश्रु नलिकाएं अवरुद्ध होना आदि शामिल  हैं। आंख में दर्द के साथ महसूस होने वाले लक्षण जैसे आंखों में सूखापन, धुंधला दिखाई देना और सिरदर्द होना आदि शामिल है। इस समस्या की जांच करने के लिए डॉक्टर आपसे आपके लक्षणों की गंभीरता व ये कब शुरू हुए आदि से जुड़े सवाल पूछेंगे।

कुछ निश्चित प्रकार के रोगों व समस्याओं की पहचान करने के लिए डॉक्टर आपकी आंखों का पूर्ण परीक्षण कर सकते हैं। दर्द और दर्द का कारण बनने वाली स्थितियों का इलाज किया जाता है। जरूरत पड़ने पर दर्द निवारक (पेन किलर) दवाएं भी दी जा सकती हैं। आंख आने और कॉर्निया में चोट जैसी समस्याओं का इलाज आई ड्रॉप्स (आंख में डालने की दवा) द्वारा किया जाता है।

(और पढ़ें - आंख में चोट लगने पर क्या करे)

आंखों में दर्द के प्रकार - Types of Eye Pain in Hindi

आंख में दर्द के कितने प्रकार होते हैं?

आंख में दर्द की दो कैटेगरी हैं:

  • ओकुलर (Ocular) -
    यह आंख की सतह का दर्द है यानि संवेदनशील बाहरी संरचनाओं से आना वाला दर्द है।
     
  • ओर्बिटल (Orbital) -
    आंख के अंदर या आंख के पीछे महसूस होने वाले गहरे या मध्यम दर्द को ओर्बिटल दर्द कहा जाता है।

(और पढ़ें - आँख आने पर क्या करना चाहिए)

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आंखों में दर्द के लक्षण - Eye Pain Symptoms in Hindi

आंख में दर्द के क्या लक्षण होते हैं?

आंख में दर्द के लक्षण उसके कारण पर निर्भर करते हैं। हालांकि अतिरिक्त लक्षणों में शामिल हैं -

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको नीचे दिए गए लक्षण अनुभव होने लगे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

यदि निम्न में से कोई भी घटना होती है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना बहुत जरूरी होता है:

  • आँख में कोई बाहरी चीज घुस जाना
  • आँख के अंदर या बाहरी कोई खरोंच लगना
  • आँख में किसी प्रकार का केमिकल चला जाना

(और पढ़ें - आँखों के सूखेपन के घरेलू उपाय)

आंखों में दर्द के कारण और जोखिम कारक - Eye Pain Causes & Risk Factor in Hindi

आंख में दर्द के क्या कारण हो सकते हैं?

ओकुलर दर्द - 

यह आंख की बाहरी संरचना से आता है जो निम्न में से किसी भी समस्या के कारण हो सकता है। 

  • आंख आना -
    यह सबसे सामान्य आंख संबंधी समस्या होती है, जो एलर्जी, बैक्टीरियल संक्रमण, वायरल संक्रमण या किसी केमिकल के जलने से हो सकती है। इसमें दर्द आमतौर पर हल्का ही होता है और आंख गुलाबी या लाल रंग की हो जाती है।
    (और पढ़ें - आँख आना ट्रीटमेंट)
     
  • गुहेरी -
    यह आंखों की पलकों की ग्रंथियों का एक संक्रमण होता है जो पलकों के साथ-साथ आंख में भी दर्द पैदा कर देता है। इसमें पलकों पर कहीं एक गांठ बन जाती है (आमतौर पर अश्रु ग्रंथि में कचरा भर जाने के कारण) जिसे हाथ लगाने में दर्द महसूस होता है।
     
  • ब्लेफेराइटिस (Blepharitis) -
    पलकों के बाल व अन्य कचरा आदि भी आंख में परेशानी पैदा कर सकते हैं, जो पलकों व आंख में किरकिरापन व लालिमा पैदा कर देते हैं। स्थिति की गंभीरता के आधार पर यह परेशानी कई बार दर्दनाक स्थिति भी ले लेती है। (और पढ़ें - पलकों की सूजन का इलाज)
     
  • कॉर्निया में खरोंच या छाले -
    आंखों में दर्द के लिए ये दोनों स्थितियां बहुत ही आम कारण होती है और साथ ही ये दोनों कॉन्टेक्ट लेंस से भी जुड़ी होती हैं। आंख में खरोंच किसी प्रकार की रगड़ लगने से और आंख में संक्रमण आदि के कारण छाले बनने से होते हैं। ये दोनों स्थितियां अक्सर आंख में गंभीर दर्द पैदा करती हैं और लगातार ऐसा महसूस होता रहता है जैसे आंखों में कुछ फंसा है। 
     
  • केमिकल के संपर्क में आना -
    यह स्थिति अत्यंत दर्दनाक हो सकती है, जो घरेलू साफ-सफाई के सामान (क्लीनर आदि) और एसिड आदि आंख में चले जाने से होती है। क्षारीय (Alkaline) पदार्थ भी आंख में चले जाने से जलन पैदा कर सकते हैं। क्षारीय पदार्थ आमतौर पर अधिक दर्दनाक नहीं होते लेकिन यदि इनका तुरंत इलाज ना किया जाए तो ये आंख के स्वास्थ्य के लिए एक भयानक स्थिति पैदा कर देते हैं।

ओर्बिटल दर्द - 

यह आंखों में किसी प्रकार का रोग विकसित होने के कारण होता है। इसमें आंख या आंख के पीछे हल्का या तीव्र दर्द महसूस होने लगता है। कुछ प्रकार के रोग व अन्य स्थितियां भी हैं जो ओर्बिटल पेन का कारण बन सकती हैं।

  • ग्लूकोमा -
    यह आंख संबंधी एक आम समस्या होती है और आमतौर पर दर्दनाक नहीं होती। लेकिन यदि दबाव तेजी से बनने लगे तो आंख में ओर्बिटल दर्द होने लगता है और आपातकालीन स्थिति बन जाती है। इस दर्द के साथ आमतौर पर मतली और उल्टी की समस्या भी होने लगती है। (और पढ़ें - ग्लूकोमा का इलाज)
     
  • माइग्रेन -
    इसमें आंख में दर्द के साथ सिरदर्द भी होता है, यह आंख में दर्द का एक बहुत ही आम प्रकार होता है। (और पढ़ें - माइग्रेन के घरेलू उपाय)
     
  • ऑप्टिक न्यूराइटिस (Optic Neuritis) -
    इस स्थिति में आमतौर पर आंख के हिलने-डुलने से आंख में दर्द होने लगता है। इस स्थिति में ऑप्टिक नर्व (आंख संबंधी एक नस) में सूजन और लालिमा आने लगती है। वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण भी इस स्थिति का कारण बन सकते हैं। इस स्थिति पर तत्काल ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। 
     
  • आइरिटिस  (Iritis) -
    आइरिस आंख का रगींन हिस्सा होता है और जब इसमें सूजन व लालिमा होती है, तो इसके कारण आंख में गंभीर दर्द और रोशनी के प्रति असंवेदनशीलता विकसित हो जाती है। (और पढ़ें - आइरिटिस का इलाज)
     
  • आघात (Trauma)
    ट्रामा विभिन्न प्रकार की चीजों के कारण हो सकता है। उदाहरण के लिए आंख में चोट लगना, खरोंच आना, केमिकल चला जाना और अांख संबंधी अन्य दुर्घटनाएं भी इसमें शामिल हैं।

आंखों में दर्द से बचाव - Prevention of Eye Pain in Hindi

आंख में दर्द की रोकथाम कैसे करें?

आंख में दर्द से बचाव आंख की सुरक्षा करने से शुरू होता है। नीचे दिए गए कुछ तरीकों की मदद से आप आंख में दर्द से रोकथाम कर सकते हैं:

  • अमोनिया, डिटर्जेंट व अन्य क्लीनर्स आदि जैसे केमिकल का इस्तेमाल करने से पहले इनके निर्देशों के बारे में ध्यान पूर्वक पढ़ लें। साथ ही जब आप केमिकल युक्त स्प्रे का इस्तेमाल कर रहे हो तो स्प्रे के मुंह को हर समय आंखों से दूर रखें।
  • बच्चों को ऐसे खिलौने या वस्तु के साथ ना खेलने दें जो उसकी आंखों में चोट पहुंचा सकते हैं। तीखी धार वाले खिलौने, चलने वाली खिलौना बंदूक, अधिक उछलने वाली गेंद और अन्य स्प्रिंग से बने खिलौने बच्चे की आंखों को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। बच्चें व किशोर भी आतिशबाजी (पटाखे आदि) से अपनी आंख को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। मां - बाप या किसी बड़े द्वारा बच्चों पर कड़ी नजर रखे जाने से ऐसी घटनाएं होने से रोकथाम की जा सकती है।
  • अपने चश्मे को रोजाना नियमित रूप से अच्छे तरह से धोएं। अवसरों के अनुसार ही चश्मे पहनें ताकि आपकी आंखों को आराम मिलता रहे। कॉन्टेक्ट लेंस या चश्मे को  उपयोग करने के निर्धारित समय से अधिक देर तक न पहनें। (और पढ़ें - कांटेक्ट लेंस के बारे में जानकारी
  • खेलते, व्यायाम करते व अन्य कार्य करते समय अपनी आंखों में खरोंच, जलन व अन्य प्रकार की चोट लगने से बचाएं। इस दौरान आंख में दर्द पैदा करने वाले कारणों से बचाव करने के लिए धूप के चश्में या अन्य सुरक्षात्मक चश्में पहनें।
  • मजदूर, वेल्डर, केमिकल से जुड़े काम करने वाले और अन्य लोग जो उड़ने वाली चीजों से संबंधित कुछ काम करते हैं, उन्हें हमेशा आंखों को सुरक्षा प्रदान करने वाले चश्में और अन्य उपकरणों का उपयोग करना चाहिए।

(और पढ़ें - चश्मा उतारने हटाने के उपाय)

आंखों में दर्द का परीक्षण - Diagnosis of Eye Pain in Hindi

आंख में दर्द का परीक्षण कैसे किया जाता है?

इस स्थिति का परीक्षण करने के दौरान आपसे आपके द्वारा महसूस किये जाने वाले लक्षणों की गंभीरता और ये कब शुरू हुए थे, आदि जैसे सवाल पूछे जाते हैं। कुछ प्रकार के रोगों व अन्य स्थितियों की जांच करने के लिए एक संपूर्ण परीक्षण भी किया जा सकता है। अगर आपकी आंखों में दर्द हो रहा है तो आपको तुरंत ही अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। खासकर यदि आंखों में दर्द के साथ आपको सिरदर्द या उल्टी और मतली जैसे लक्षण महसूस होने लगें तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर माइक्रोस्कोप के द्वारा भी आंखों का परीक्षण कर सकते हैं। 

(और पढ़ें - उल्टी रोकने के उपाय)

कुछ लोग आंख में दर्द को सिर दर्द या आंखों में तनाव आदि समझ लेते हैं। उदाहरण के लिए, दिनभर काम करने या कई घंटे लगातार किताब पढ़ने या कंप्यूटर पर कई घंटे लगातार काम करने से आंखों में थकान या तनाव आ जाना।

(और पढ़ें - थकान दूर करने के उपाय)

इसका मतलब होता है कि आपकी आंखों में तनाव आने लगा है और एेसे में आपके लिए नया चश्मा लगाना आवश्यक है। किसी भी मामले में आंखों से संबंधित दर्द की जांच हमेशा आंखों के विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा ही की जानी चाहिए।

आंख में दर्द की जांच करने के लिए डॉक्टर कई प्रकार के उपकरणों का उपयोग करते हैं:

  • टोनोमीटर - यह एक प्रकार का उपकरण होता है जो आंख के दबाव का मापता है। डॉक्टर ग्लूकोमा का परीक्षण करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। (और पढ़ें - सीटी स्कैन क्या होता है)
  • यदि दर्द आंख की सतह से आता हुआ महसूस हो रहा है जैसे बाहरी चीज फंसने के कारण दर्द होना। ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपकी आंख में सुन्न करने वाली दवा डाल सकते हैं। यदि आंख का दर्द ठीक हो जाता है तो अक्सर दर्द के स्रोत व उसके कारण के लिए भी जांच की जाती है। (और पढ़ें - मैमोग्राफी क्या है)
  • रोशनी के प्रति आंख की पुतली की प्रतिक्रिया की जांच (और पढ़ें - एमआरआई स्कैन
  • फ्लोरेसिन परीक्षण (और पढ़ें - बायोप्सी क्या है)
  • स्लिट लैंप परीक्षण - आंख की सभी संरचनाओं को देखने के लिए एक तीव्र रौशनी का उपयोग करना (और पढ़ें - एंडोस्कोपी क्या होता है)
  • डायलेटिंग ड्रोप्स - इस टेस्ट में पुतली को खोला जाता जिसकी मदद से डॉक्टर आंख के अंदर गहराई तक देख पाते हैं। 

(और पढ़ें - एचएसजी टेस्ट क्या है)

आंखों में दर्द का इलाज - Eye Pain Treatment in Hindi

आंख में दर्द का उपचार कैसे किया जाता है?

यदि आपको लगता है कि आपकी आंख में कुछ फंस गया है तो आप अपनी आंख को स्टेराइल सेलाइन सोलूशन से धो सकते हैं। इस दौरान (फंसने के एहसास के दौरान) अपनी आंखों को छूने या मसलने से बचें क्योंकि इसके कारण आंख में परेशानियां बढ़ जाती हैं और अन्य जटिलताएं और क्षति होने लगती हैं। 

यदि दर्द हल्का है तो आप ईबूप्रोफेन जैसी काउंटर पर बिना किसी पर्चे के मिलने वाली दवाओं का उपयोग कर सकते हैं। सभी उपचार डॉक्टरों द्वारा ही किए जाने चाहिए जो इस समस्या के कारण को निर्धारित कर सकते हैं। आँख में दर्द का उपचार उसके परीक्षण और दर्द की गंभीरता के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।

डॉक्टर आंख में दर्द होने की वजह की पहचान कर इस तरह उसका इलाज करते हैं:

  • आंख आना -
    एंटी बैक्टीरियल आइड्रॉप्स दवाएं आंख आने की समस्या का इलाज कर देती हैं। यदि आंख आने की समस्या एलर्जी आदि के कारण हुई है तो आइड्रॉप्स, टेबलेट और पीने की दवाओं के रूप में एंटीहिस्टामिन दवा दी जाती है।
    (और पढ़ें - एलर्जी से बचने के उपाय)
     
  • कॉर्निया में खरोंच या रगड़ -
    यह समस्या समय के साथ अपने आप ठीक हो जाती है। इसके अलावा डॉक्टर आपके लिए एंटीबायोटिक मरहम या आइड्रॉप्स दवाएं लिख सकते हैं। 
     
  • आंख में केमिकल जाना -
    इस स्थिति का इलाज अनेस्थेटिक आइड्रॉप्स की मदद से तत्काल किया जाता है। इस दौरान आंख धोने के लिए अधिक मात्रा में पानी का प्रयोग किया जाता है। आंख में केमिकल जाने की गंभीरता के आधार पर आगे के उपचारों के लिए नेत्र-विशेषज्ञ (Ophthalmologist) द्वारा आंख की जांच किए जाने की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
    (और पढ़ें - आंख की जांच)
     
  • ग्लूकोमा -
    आंख में दबाव को कम करने के लिए आपको आइड्रॉप्स व अन्य टेबलेट दी जा सकती हैं। अगर ये दवाएं काम ना करें तो आपको सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है। 
     (और पढ़ें - अंधापन का इलाज)
     
  • संक्रमित कॉर्निया -
    इस स्थिति में आपको एंटीबैक्टीरियल आइड्रॉप्स की आवश्यकता पड़ सकती है।
     (और पढ़ें - दूर दृष्टि दोष का उपचार)
     
  • आइरिटिस -
    इस स्थिति का उपचार डॉक्टर स्टेरॉयड, एंटीबायोटिक या एंटीवायरल आइड्रॉप्स के द्वारा करते हैं।
     (और पढ़ें - आंख लाल होने पर क्या करना चाहिए)
     
  • ऑप्टिक न्यूराइटिस -
    इसका उपचार कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाओं के द्वारा किया जाता है।
     (और पढ़ें - आंख में दर्द होने पर क्या करना चाहिए)
     
  • आंख की बिलनी (गुहेरी) -
    इसका इलाज करने के लिए घर पर ही कुछ दिन आंख को गर्म चीजों से सेका जाता है।
     (और पढ़ें - आंखों में जलन होने पर क्या करे)
     
  • आंख में आघात आदि की स्थिति -
    यदि आँख में कुछ कठोर नुकीली वस्तु घुस गई है तो किसी नेत्र विशेषज्ञ द्वारा ही इसकी जांच करवाना सबसे बेहतर होता है और इमर्जेंसी डिपार्टमेंट में जाकर इसकी गंभीरता का तत्काल आंकलन करवाना बहुत जरूरी होता है।

आंख में दर्द के कारण का पता लगाने और सही उपचार प्राप्त करने का सबसे बेहतर तरीका डॉक्टर की मदद लेना ही होता है। क्योंकि दृष्टि अनमोल होती है, इसलिए इसमें होने वाले दर्द को गंभीरता पूर्वक लेकर इसकी रक्षा करनी चाहिए। 

 (और पढ़ें - आंखों की थकान का इलाज)

आंखों में दर्द की जटिलताएं - Eye Pain Complications in Hindi

आंख में दर्द होने पर क्या समस्याएं हो सकती हैं?

आंख में दर्द के ज्यादातर मामलें अक्सर बिना उपचार या थोड़ा बहुत उपचार करने से ही ठीक हो जाते हैं। आंखों का दर्द व उसकी अंदरूनी समस्याएं बहुत ही दुर्लभ मामलों में आंख में किसी स्थायी समस्या का कारण बनती हैं। हालांकि एेसा मामला हमेशा नहीं होता।

कुछ स्थितियां जो आंखों में दर्द पैदा करने का कारण बनती हैं वे आगे चल कर कुछ ऐसी स्थितियां भी पैदा कर सकती हैं कि जिनका इलाज ना किया जाए तो वे काफी गंभीर हो सकती हैं।

(और पढ़ें - आंखों की बीमारी का इलाज)

उदाहरण के लिए यदि दर्द और अन्य लक्षण ग्लूकोमा के कारण हो रहे हैं। यदि इस स्थिति का परीक्षण और उपचार ना किया जाए तो ग्लूकोमा के कारण दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और अंत में यह आपको पूरी तरह से अंधा भी बना सकती है।

यदि आपको आंखों में दर्द महसूस होने लगा है जो आंख में बाल आना या अन्य सामान्य स्थितियों के कारण नही हो रहा। तो ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द नेत्र विशेषज्ञ से जांच करवाएं।

(और पढ़ें - मायोसिस का इलाज)



संदर्भ

  1. MSD mannual consumer version [internet].Eye Pain. Merck Sharp & Dohme Corp. Merck & Co., Inc., Kenilworth, NJ, USA
  2. American academy of ophthalmology. Eye Pain. California, United States. [internet].
  3. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Eye pain
  4. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Pink Eye: Usually Mild and Easy to Treat
  5. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Eye injuries: foreign body in the eye

आंखों में दर्द की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Eye Pain in Hindi

आंखों में दर्द के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।