गर्भावस्था के समय न्यूरल ट्यूब दोष की समस्या तब होती है, जब न्यूरल ट्यूब सही तरह से बंद नहीं होती. जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो न्यूरल ट्यूब ही बच्चे के दिमाग और रीढ़ को बनाती है. यदि न्यूरल ट्यूब दोष होता है, तो इसके लक्षण में पैरालिसिस, सही तरह से सुनाई न देना और दिखाई न देना शामिल है. ऐसा क्यों होता है, इस बारे में अब तक स्पष्ट तौर पर पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान फोलिक एसिड की कमी को इसका अहम कारण माना जा जा सकता है. न्यूरल ट्यूब दोष की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इसका इलाज किया जाता है, जिसमें बच्चे के मस्तिष्क की सर्जरी करना आदि शामिल है.

आज इस लेख में हम न्यूरल ट्यूब दोष के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. न्यूरल ट्यूब दोष क्या होता है?
  2. न्यूरल ट्यूब दोष के लक्षण
  3. न्यूरल ट्यूब दोष के कारण
  4. न्यूरल ट्यूब दोष का इलाज
  5. सारांश
न्यूरल ट्यूब दोष के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

न्यूरल ट्यूब दोष मस्तिष्क, रीढ़ या रीढ़ की हड्डी का जन्मजात दोष है. ये प्रेगनेंसी के पहले महीने में ही भ्रूण में विकसित होने लगता है, वो भी तब जब महिला को पता भी नहीं होता कि वह प्रेग्नेंट है. प्रमुख रूप से न्यूरल ट्यूब दोष के 4 प्रकार होते हैं -

अमूमन प्रेगनेंसी के पहले महीने भ्रूण के दोनों ओर की रीढ़ जुड़कर रीढ़ की हड्डी, रीढ़ की नसों और मेनिन्जेस (meninges) की सुरक्षा करती है. मेनिन्जेस ही वो टिश्यू होते हैं, जो रीढ़ की हड्डी को कवर करते हैं. इस समय भ्रूण के विकसित होते दिमाग व रीढ़ को न्यूरल ट्यूब कहा जाता है.

आगे चलकर विकसित होते हुए न्यूरल ट्यूब का ऊपरी हिस्सा दिमाग और बाकी हिस्सा रीढ़ की हड्डी बन जाता है. वहीं, जब यह ट्यूब किसी एक जगह से पूरी तरह से बंद नहीं होती है, तो न्यूरल ट्यूब दोष की समस्या उत्पन्न होती है.

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न्यूरल ट्यूब दोष कई तरह के होते हैं और उस लिहाज से उनके लक्षण भी अलग-अलग होते हैं. कुछ बच्चों में न्यूरल ट्यूब दोष होते हुए भी कोई लक्षण नहीं पाया जाता है, तो कुछ में गंभीर लक्षण देखे जाते हैं. इनिएंसेफली (iniencephaly) और ऐनिन्सेफली वाले बच्चे अमूमन मृत पैदा होते हैं या जन्म के तुरंत बाद उनकी मृत्यु हो जाती है. न्यूरल ट्यूब दोष के आम लक्षण इस प्रकार हैं -

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न्यूरल ट्यूब दोष के सही कारण जानने के लिए शोध जारी है. वहीं, अभी तक शोध कहते हैं कि आनुवंशिक विकारपोषण की कमी या फिर पर्यावरण कारक के चलते ये समस्या हो सकती है. आइए, कुछ अन्य ज्ञात कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

फोलिक एसिड की कमी

कुछ शोध कहते हैं कि यदि किसी महिला के शरीर में प्रेगनेंसी से पहले और प्रेगनेंसी के दौरान फोलिक एसिड की कमी रहती है, तो इससे न्यूरल ट्यूब दोष की स्थिति बन सकती है. भ्रूण के दिमाग और रीढ़ की हड्डी के विकास के लिए फोलिक एसिड का सेवन जरूरी होता है.

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मोटापा

अगर कोई गर्भवती महिला मोटापे से ग्रस्त है, तो इस स्थिति में भी होने वाले शिशु को न्यूरल ट्यूब दोष होने की आशंका रहती है.

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डायबिटीज

यदि प्रेग्नेंट महिला को डायबिटीज का रोग है और वह कंट्रोल में नहीं है, तो भी बच्चे को न्यूरल ट्यूब दोष हो सकता है. 

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एंटीसीजर दवा का सेवन

अगर कोई महिला एंटीसीजर दवाओं का सेवन कर रही है, तो इससे भी यह दोष होने की आशंका हो सकती है.

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न्यूरल ट्यूब दोष कई प्रकार के होते हैं, जिसमें से स्पाइना बिफिडा व एन्सेफेलोसेले के लिए कई इलाज उपलब्ध हैं. दोनों के लिए सर्जरी एक आम इलाज है, लेकिन ये इलाज इन समस्याओं की गंभीरता पर भी निर्भर करते हैं. वहीं, इनिएंसेफली और ऐनिन्सेफली के लिए किसी तरह का इलाज उपलब्ध नहीं है. इस समस्या से ग्रस्त शिशु अमूमन मृत ही पैदा होते हैं या जन्म के तुरंत बाद इनकी मृत्यु हो जाती है. आइए, स्पाइना बिफिडा और एन्सेफेलोसेले न्यूरल ट्यूब दोष के इलाज के बारे में जानते हैं -

स्कल को बंद करना

अमूमन डॉक्टर एन्सेफेलोसेले के इलाज के लिए बच्चे के मस्तिष्क के फैले हुए हिस्से को सर्जरी करके ठीक करते हैं और मेम्ब्रेन को वापस स्कल में डाल देते हैं. इसके बाद बच्चे की खोपड़ी को वापस बंद कर दिया जाता है.

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डिलीवरी से पहले व बाद में सर्जरी

स्पाइना बिफिडा के इलाज में शिशु के रीढ़ को खोलकर ठीक किया जाता है. इसके लिए सर्जरी का सहारा लिया जाता है. यह सर्जरी डिलीवरी से पहले या फिर डिलीवरी के तुरंत बाद भी की जा सकती है. इसके अलावा, शिशु की अवस्था के अनुसार इलाज लंबे समय तक भी चल सकता है.

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न्यूरल ट्यूब दोष की समस्या प्रेगनेंसी के पहले महीने में ही भ्रूण को हो सकती है, जो मस्तिष्क, रीढ़ या रीढ़ की हड्डी का जन्मजात दोष है. इसके लक्षणों में बच्चे को दिखाई न देना, सुनाई न देना और पैरालिसिस शामिल है. इसके कारणों में प्रेग्नेंट महिला का मोटापा, डायबिटीज और शरीर में फोलिक एसिड की कमी है. न्यूरल ट्यूब दोष के सभी प्रकार का इलाज तो संभव नहीं है, लेकिन हां कुछ तरह के न्यूरल ट्यूब दोष में सर्जरी की मदद से दोष को काफी हद तक कम किया जा सकता है. ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए गर्भवती महिला को समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप करवाते रहना चाहिए.

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