एओर्टिक स्टेनोसिस क्या है?

आपके हृदय में चार वाल्व होते हैं, जो खून के बहाव को कंट्रोल करते हैं। पर कई बार वे ठीक तरीके से खुल व बंद नहीं हो पाते, जिसके कारण एओर्टिक स्टेनोसिस जैसे रोग होने लग जाते हैं। 

एओर्टिक स्टेनोसिस हृदय से संबंधित काफी आम रोग है और यह काफी गंभीर होता है। एओर्टिक स्टेनोसिस में एओर्टिक (महाधमनी) की वाल्व ठीक तरीके से खुल नहीं पाती और इसके कारण हृदय शरीर के अंगों तक पर्याप्त खून नहीं पहुंचा पाता है। (

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एओर्टिक स्टेनोसिस के लक्षण क्या हैं?

इसके लक्षण हल्के या गंभीर भी हो सकतेे हैं। एओर्टिक स्टेनोसिस के लक्षण अक्सर तब विकसित होते हैं जब वाल्व गंभीर रूप से संकुचित हो जाते है। एओर्टिव स्टेनोसिस रोग से ग्रस्त कुछ लोगों में कई सालों तक कोई भी लक्षण विकसित नहीं होता। हालांकि इसके लक्षण व संकेत में निम्न शामिल हैं:

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एओर्टिक स्टेनोसिस क्यों होता है?

कुछ स्थितिया हैं, जो एओर्टिक वाल्व स्टेनोसिस का कारण बन सकती हैं जैसे:

  • धमनी के अंदर कैल्शियम बनना:
    खून हृदय की वाल्व के अंदर से गुजरता रहता है और खून में मौजूद कैल्शियम धीरे-धीरे वाल्व के अंदर जमने लग जाता है। कैल्शियम जमने पर वाल्व कठोर हो जाता है और ठीक से खुल नहीं पाता।
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  • जन्म के दौरान हृदय में किसी प्रकार का दोष:
    हृदय की वाल्व में तीन फ्लैप और कप्स होते हैं, जो एक दूसरे में ठीक रूप से फिट हो जाते हैं। लेकिन कुछ लोगों की हृदय वाल्व में जन्म से ही एक, दो या यहां तक की चार फ्लैप बने होते हैं, जिस कारण से वे एक दूसरे में फिट नहीं बैठ पाते और एओर्टिक स्टेनोसिस हो जाता है। 
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  • रूमेटिक फीवर:
    इस रोग में एओर्टिक वाल्व में स्कार बन जाता है। वाल्व में स्कार बनने पर आसानी से उसमें कैल्शियम जमने लग जाता है। 

एओर्टिक स्टेनोसिस का इलाज कैसे किया जाता है?

जिन लोगों को गंभीर एओर्टिक स्टेनोसिस है उनको अधिक मेहनत वाले खेल खेलने या अन्य शारीरिक गतिविधि करने से मना किया जाता है, चाहे उनको कोई लक्षण महसूस ना  हो रहा हो। यदि एओर्टिक स्टेनोसिस से संबंधित कोई लक्षण महसूस हो रहा है, तो कोई भी अधिक मेहनत वाली गतिविधि नहीं करनी चाहिए।

कुछ दवाओं ंकी मदद से एओर्टिक स्टेनोसिस के कारण होने वाली हार्ट पल्पिटेशन जैसी समस्या का इलाज कर दिया जाता है। यदि एओर्टिक स्टेनोसिस गंभीर रूप से हो गया है, तो उसका इलाज बड़े ध्यानपूर्क किया जाता है, ताकि खून का दबाव गंभीर रूप से कम ना हो पाए। 

कुछ मामलों में इस स्थिति का इलाज करने के लिए ऑपरेशन किया जा सकता है, जिसकी मदद से वाल्व की असामान्य स्थिति में सुधार किया जाता है। 

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