बेजेल क्या है?

बेजल को एन्डेमिक सिफलिस के नाम से भी जाना जाता है। यह आमतौर पर सूखे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में पाया जाता है। बेजेल रोग वयस्कों के मुकाबले बच्चों में अधिक होता है। यह यौन संचारित रोग नहीं है, लेकिन सिफलिस की तरह यह त्वचा पर घाव के रूप में शुरू होता है और गंभीर रूप लेने से पहले काफी समय तक शरीर में गुप्त रूप से रहता है। इसके गंभीर चरणों में हड्डी में इन्फेक्शन और त्वचा पर गंभीर फोड़े बनना आदि शामिल है।

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बेजेल के क्या लक्षण हैं?

बेजेल सबसे पहले मुंह की श्लेष्म झिल्ली को प्रभावित करता है और फिर उसके बाद त्वचा व हड्डियों को प्रभावित कर देता है। मुंह में दर्द महसूस होना बेजेल का शुरूआती लक्षण हो सकता है, उसके बाद मुंह में दाग बनने लग जाते हैं। मुंह के ये दाग ठीक होने में महीनों से साल तक का समय लग सकता है। हो सकता है इस दौरान किसी प्रकार के लक्षण विकसित ना हो, लेकिन उसके बाद घाव हाथों, पैरों और धड़ पर भी बनने लगते हैं।

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शरीर की अंदर की लंबी हड्डियों में गांठ बनने लग जाती है, खासकर टांग की हड्डी में। इसके अलावा मुंह नाक और तालु (मुंह का ऊपरी भाग) के आस पास के मांस में भी गांठ बनने लग जाती है। ये गांठ प्रभावित मांस को नष्ट कर देती हैं और हड्डियों की आकृति बिगड़ जाती है जिससे चेहरा कुरूप हो जाता है।

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बेजेल क्यों होता है?

बेजेल एक संक्रामक रोग है, जो कुंडली के आकार के एक बैक्टीरिया के कारण होता है, इस "बैक्टीरिया को ट्रेपोनिमा पैलिडियम एन्डेमिकम" (Treponema pallidum endemicum) के नाम से जाना जाता है। माइक्रोस्कोप के द्वारा भी ट्रेपोनिमा पैलिडियम एन्डेमिकम की ट्रेपोनिमा पैलिडियम से अलग पहचान नहीं की जा सकती। ट्रेपोनिमा पैलिडियम के कारण सिफलिस होता है।

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बेजेल का इलाज कैसे किया जाता है। 

बेजेल का इलाज पेनिसिलिन (Penicillin ) दवा के साथ किया जाता है। लंबे समय तक असर करने वाली पेनिसिलिन (बेंजाथिन पेनिसिलिन) का एक इंजेक्शन बेजेल का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को मार सकता है। बैक्टीरिया के मरने के बाद त्वचा ठीक होने लग जाती है। हालांकि यदि घाव आदि के कारण अधिक ऊतक नष्ट हो गए हैं, तो त्वचा पर स्कार (खरोंच जैसे निशान) बन जाते हैं। 

जिन लोगों को पेनिसिलिन दवाओं से एलर्जी होती है, उनको मुंह के द्वारा एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin ) दवाएं दी जाती हैं। गर्भवती महिलाएं या आठ साल से छोटे बच्चों को पेनिसिलिन की जगह पर लगातार 14 दिन तक डॉक्सीसाइक्लिन (Doxycycline ) दवा दी जाती है।  

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