myUpchar Call

यौन संचारित रोग (Sexually transmitted diseases- STD) शब्द का उपयोग ऐसे रोगों के लिए किया जाता है जो योनि, गुदा (Anus) या ओरल सेक्स (Oral sex) द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित होते हैं। एसटीडी को यौन संचारित संक्रमण (Sexually transmitted infection- STI) या गुप्त रोग (Venereal disease) भी कहा जाता है। इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि एसटीडी केवल सेक्स द्वारा ही स्थानांतरित होते हैं। इनमें से कुछ रोगों का संक्रमण निम्न के माध्यम से भी प्रसारित किया जा सकता है:

  1. किसी रोगग्रस्त व्यक्ति की सुई (इंजेक्शन) या शेविंग ब्लेड उपयोग करने से।
  2. स्तनपान
  3. खुले घावों या छिली हुई त्वचा से।
  4. संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर या तौलिए के उपयोग द्वारा।

(और पढ़ें - सुरक्षित सेक्स के तरीके)

  1. एसटीडी के प्रकार - Types of STDs in Hindi
  2. यौन संचारित रोगों का निदान - Diagnosis of sexually transmitted diseases in Hindi
  3. एसटीडी का उपचार - Treatment of STDs in Hindi
  4. एसटीडी की रोकथाम - Prevention from STDs in Hindi
यौन रोग के डॉक्टर

ये संक्रमण अधिकतर यौन संचारित होते हैं। कुछ एसटीडी के लक्षण स्पष्ट होते हैं। एसटीडी के आम लक्षण इस प्रकार हैं:

हालांकि, कई लोगों को एसटीडी के कोई लक्षण अनुभव नहीं होते हैं। कुछ एसटीडी कई वर्षों तक निष्क्रिय रहते हैं। अमेरिका के मेयो क्लिनिक के अनुसार, बिना लक्षणों वाले एसटीडी अधिक समान्य हैं क्योंकि इनसे संक्रमित होने पर कई लोगों को पता ही नहीं चलता कि वे संक्रमित हैं। इस प्रकार एसटीडी आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे में स्थानांतरित हो जाते हैं। इनका उपचार न होने पर भी आंतरिक डैमेज भी हो सकता है।

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, अगर सिफिलिस और एचआईवी का उपचार नहीं किया गया तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं। हालांकि गोनोरिया और क्लैमाइडिया जैसी सामान्य बीमारियों से भी समस्याएं हो सकती हैं यदि लंबे समय तक उनका पता ही नहीं लग पाता। लम्बे समय से संक्रमित एसटीडी का यदि उपचार नहीं किया गया तो इसके संभावित परिणाम इस प्रकार हैं:

सबसे आम एसटीडी निम्नलिखित हैं -

  • जननांग दाद - हर्पीस एक यौन रोग है, जो यौन संबंध द्वारा फैलता है।
  • गोनोरिया - इसे "द क्लैप (the clap)" भी कहा जाता है। इसके बैक्टीरिया महिलाओं व पुरुषों में तेजी से फैलते हैं।
  • क्लैमाइडिया - अमेरिका के सीडीसी के अनुसार, क्लैमाइडिया, बैक्टीरिया द्वारा फैलने वाला सबसे आम यौन संचारित संक्रमण है।
  • सिफलिस - सिफलिस भी एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो आम तौर पर संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध रखने से होता है।
  • ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) - इसे आम भाषा में गुप्तांग का मस्सा भी कहा जाता है।
  • ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) - यह एक प्रकार का विषाणु है, जो शरीर के इम्‍यून सिस्‍टम पर नकारात्‍मक प्रभाव डालता है।

(और पढ़ें - यौन संचारित संक्रमण के प्रकार)

Delay Spray For Men
₹349  ₹499  30% छूट
खरीदें

अधिकांश एसटीडी का लक्षणों के आधार पर निदान नहीं किया जा सकता है। यह निर्धारित करने के लिए टेस्ट की आवश्यकता होती है कि आपको एसटीडी है या नहीं और अगर है तो कौन सा एसटीडी है।

आजकल, अधिकांश एसटीडी का मूत्र या रक्त परीक्षण द्वारा निदान किया जाता है। इसके अलावा, ब्रश से घावों की सफाई करके वायरस की जांच की जा सकती है। मूत्रमार्ग (Urethra) और योनि से सैंपल (Vaginal swabs) लेकर भी एसटीडी का निदान करने के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं।

(और पढ़ें - पहली बार सेक्स और सेक्स पोजीशन)

आप अपने डॉक्टर के क्लिनिक में भी एसटीडी की जांच करवा सकते हैं। हालांकि आजकल तो घर पर जांच करने की भी किट उपलब्ध हैं लेकिन वे हमेशा विश्वसनीय नहीं होती हैं।

(और पढ़ें - सेक्स पावर कैसे बढ़ाएं और सेक्स करने के तरीके)

इंटरनेट पर एसटीडी परीक्षण का भी विकल्प मौजूद है। घर की किटों की तरह, इसके परीक्षण की गुणवत्ता भी बदलती रहती है।

यह जानना जरुरी है कि पैप स्मीयर (Pap smear), एसटीडी टेस्ट के लिए नहीं होता है। कुछ महिलाओं का एचपीवी परीक्षण इससे किया जा सकता है। हालांकि, एक नेगेटिव पैप स्मीयर का अर्थ यह नहीं होता है कि आपको अन्य एसटीडी भी नहीं हैं। आपको प्रत्येक एसटीडी के लिए अलग-अलग परीक्षण करना होगा।

(और पढ़ें - योनि के बारे में जानकारी)

एसटीडी का इलाज उसके प्रकार पर निर्भर करता है। आपको जिस भी प्रकार का एसटीडी होगा उसके आधार पर आपको और आपके साथी को यौन संबंध बनाने से पहले सफलतापूर्वक एसटीडी का इलाज कराना चाहिए। अन्यथा आप इस संक्रमण का प्रसार कर सकते हैं।

बैक्टीरियल एसटीडी

बैक्टीरियल संक्रमणों का आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से काफी आसानी से इलाज किया जा सकता है। सभी एंटीबायोटिक दवाओं का डॉक्टर की सलाह के अनुसार उपयोग कारण ज़रूरी होता है। अगर आपको पहले से बेहतर महसूस होने लगा है तो भी उन्हें लेना जारी रखना चाहिए। अगर आपके लक्षण उपचार से दूर नहीं हो रहे या यदि वे वापस आते हैं तो आपको बिना देरी किये डॉक्टर को बताना चाहिए।

(और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण)

वायरल एसटीडी

वायरल संक्रमणों का आमतौर पर कोई इलाज नहीं होता है। हालांकि, इन वायरल संक्रमणों में से कई के लिए उपचार उपलब्ध हैं। एचआईवी को बढ़ने से रोकने के लिए इलाज बहुत प्रभावी होता है। दाद की गंभीरता को कम करने के लिए दवाएं भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा, एंटीवायरल ड्रग्स, एसटीडी को साथी में स्थानांतरित करने का जोखिम कम कर सकती हैं।

(और पढ़ें - सेक्स की जानकारी)

अन्य एसटीडी

कुछ एसटीडी न तो वायरस द्वारा होते हैं और न ही बैक्टीरिया के कारण। वे अन्य छोटे जीवों के कारण होते हैं, जैसे:

  1. प्यूबिक जूँ (Pubic lice)
  2. खुजली (Scabies)
  3. ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis)
  4. हेपेटाइटिस (Hepatitis)

इन एसटीडी का आमतौर पर उपयुक्त मौखिक दवाओं द्वारा आसानी से इलाज किया जाता है।

(और पढ़ें - एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक तेल को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं (शीघ्रपतन, लिंग में तनाव की कमी, पुरुषों में कामेच्छा की कमी) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Men Massage Oil
₹399  ₹449  11% छूट
खरीदें

संयम इन रोगों से बचने का एकमात्र तरीका है। इसके अलावा यौन संचारित रोगों से रोकथाम के लिए सेक्स के समय कंडोम का प्रयोग और सेक्स के बाद साबुन से जननांगों की सफाई सर्वोत्तम उपाय है। इन रोगों की जांच और उपचार सभी के लिए सुलभ होना चाहिए और आम लोगों को इन रोगों के संबंध में उचित जानकारी देनी चाहिए, जिससे इन रोगों से ग्रस्त लोग डर, शर्म, संकोच आदि त्याग कर चिकित्सक की सलाह ले सकें। अगर संभव हो तो एचपीवी और हेपेटाइटिस का टीका जरूर लगवाएं।

(और पढ़ें - पुरुषों के यौन रोग)

गुप्त रोगों से अपने-आप को निम्न उपायों द्वारा बचाया जा सकता है -

  1. सम्बन्ध बनाने से पहले अपनी और अपने साथी की जांच कराकर।
  2. पुरूषों द्वारा लेटैक्स कंडोम के सही प्रयोग से इन रोगों से ग्रस्त होने का खतरा कम हो जाता है। हालाँकि महिला कंडोम उतने प्रभावशाली नहीं हैं जितने पुरूषों के। लेकिन यदि पुरूष न उपयोग करें तो स्त्री को ज़रूर उपयोग करना चाहिए।
  3. समय समय पर यौन जांच करवाते रहें।

(और पढ़ें - महिलाओं की यौन स्वास्थ्य समस्याएं)

Dr. Zeeshan Khan

Dr. Zeeshan Khan

सेक्सोलोजी
9 वर्षों का अनुभव

Dr. Nizamuddin

Dr. Nizamuddin

सेक्सोलोजी
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Tahir

Dr. Tahir

सेक्सोलोजी
20 वर्षों का अनुभव

Dr. Ajaz  Khan

Dr. Ajaz Khan

सेक्सोलोजी
13 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Sexually Transmitted Diseases
  2. Office on women's health [internet]: US Department of Health and Human Services; Sexually transmitted infections
  3. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; How You Can Prevent Sexually Transmitted Diseases
  4. American Academy of Pediatrics. Diagnostic Testing For Sexually Transmitted Infections. Committee on Infectious Diseases Pediatrics [internet]
  5. Centre for Health Informatics. [Internet]. National Institute of Health and Family Welfare Sexually transmitted infections
  6. National institute of child health and human development [internet]. US Department of Health and Human Services; What causes sexually transmitted diseases (STDs) or sexually transmitted infections (STIs)?
ऐप पर पढ़ें