एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी स्वास्थ्य आपातकाल संगठन ने कोविड-19 की संभावित वैक्सीनों की क्षमता के मूल्यांकन के लिए एक वैश्विक लैबोरेटरी नेटवर्क की शुरुआत की है। इसे कोरोना वायरस को रोकने के लिए बनाई गई वैक्सीनों की आपसी तुलना कर उनकी असल क्षमता को जानने के लिहाज से महत्वपूर्ण कदम माना जा हा है। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया है कि इस प्रयास से वैज्ञानिकों को वैक्सीनों की तुलना करने में सुविधा होने के साथ सबसे बेहतरीन क्षमता वाले वैक्सीन शॉट का चयन करने में भी मदद मिलेगी।

इस मुहिम को शुरू करने वाले संगठन का नाम कोलिशन फॉर एपिडेमिक प्रेपयर्डनेस इनोवेशंस (सीईपीआई) है। इसकी शोध व विकास निदेशक मिलेनी सेविले ने रॉयटर्स से बातचीत में कहा है कि सीईपीआई ने एक ही बीमारी के लिए तैयार की गई वैक्सीनों की एक-दूसरे से तुलना करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह केंद्रीकृत नेटवर्क किसी महामारी को रोकने के लिए उठाया गया अपनी तरह पहला कदम है। इसके तहत यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका की कई वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेटों के परीक्षणों से जुड़े सैंपलों का केंद्रीकृत विश्लेषण करेंगी। सीईपीआई निदेशक मिलेनी सेविले का कहना है कि यह सभी वैक्सीनों को एक साथ एक ही जगह टेस्ट करने जैसा होगा। उनका तर्क है कि इससे वैक्सीनों के परिणामों से जुड़े वैरिएशन के खतरे को कम करने में मदद मिलेगी।

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एजेंसी से बातचीत में मिलेनी ने कहा, 'जब आप नई बीमारी को लेकर (विकसित की जा रही नई वैक्सीन के साथ) शुरुआत करते हैं तो हर कोई अपने तरीके से काम कर रहा होता है। वे (वैज्ञानिक) अलग-अलग प्रोटोकॉल और रीएजेंट्स का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में जब उनका अध्ययन शुरू करते हैं तो उनकी तुलना करना काफी कठिन हो जाता है। एक केंद्रीकृत लैब अप्रोच की मदद से हम सभी सेबों (वैक्सीन कैंडिडेट्स) की आपस में तुलना कर सकते हैं।' रिपोर्ट के मुताबिक, सीईपीआई नेटवर्क के तहत शुरुआत में कनाडा, ब्रिटेन, इटली, नीदरलैंड, बांग्लादेश और भारत की लैबों को शामिल किया जाएगा।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए इस समय दुनियाभर में सैकड़ों वैक्सीन कैंडिडेट अलग-अलग क्लिनिकल ट्रायलों से गुजर रही हैं। इनमें रूस और चीन में निर्मित वैक्सीन शॉट्स को तो ट्रायल पूरे हुए बिना ही आम लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाना शुरू कर दिया गया है। अन्य बड़े प्रतियोगियों में फाइजर, मॉडेर्ना, एस्ट्राजेनेका व अन्य कंपनियों द्वारा निर्मित कोविड टीके शामिल हैं। इनके अंतिम चरण के ट्रायल परिणाम इस साल के अंत तक आने की उम्मीद है।

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ऐसे में कोरोना संक्रमण के खिलाफ सभी की क्षमता का पता लगाना एक जटिल काम होने वाला है। सेविले कहती हैं कि इस समय दुनियाभर में 320 से ज्यादा कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट्स पर काम चल रहा है। उनमें डेटा कलेक्शन और इवैलुएशन मेथड के लिहाज से कई प्रकार के अंतर हैं। वे कहती हैं कि अलग-अलग तकनीक से तैयार की जा रही वैक्सीनों की सही क्षमता का मानक आंकलन करना एक जटिल कार्य है। उन्होंने बताया, 'चूंकि सैकड़ों कोविड-19 वैक्सीन डेवलपमेंट स्टेज में हैं, लिहाजा हमारे पास एक ऐसी व्यवस्था का होना जरूरी है, जो सभी उम्मीदवारों से मिलने वाले इम्यून रेस्पॉन्स का मूल्यांकन और तुलना विश्वसनीय ढंग से कर सके।'

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 वैक्सीन दावेदारों की क्षमता का एक साथ मूल्यांकन करने के लिए ग्लोबल लैब नेटवर्क की शुरुआत: रॉयटर्स है

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