दिल्ली सरकार ने राजधानी के अस्पतालों से कहा है कि वे राजधानी में कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए प्लाज्मा बैंक के लिए प्लाज्मा दानकर्ताओं का इंतजाम करें। खबरों के मुताबिक, दिल्ली सरकार को लगता है कि चूंकि अब राजधानी में अब प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों को कोरोना वायरस से मुक्त करार दिया जा रहा है, इसलिए अस्पतालों को प्लाज्मा डोनर का प्रबंधन करने में मुश्किल नहीं होगी। गौरतलब है कि दिल्ली में कोविड-19 के कुछ गंभीर मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी से ठीक किया गया है। इनमें स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी शामिल हैं। उनके सफल इलाज के बाद ही दिल्ली सरकार ने राजधानी के वसंत कुंज इलाके में बने एक स्वास्थ्य संस्थान में प्लाज्मा बैंक बनाया है, जहां कोविड-19 के ठीक हो चुके मरीज उनके शरीर में विकसित हो चुके कोरोना वायरस एंटीबॉडी प्लाज्मा के रूप में दान कर सकते हैं।

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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इसी हफ्ते दिल्ली के मुख्य स्वास्थ्य सचिव विक्रम देव दत्त ने राजधानी में कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे सरकारी और निजी अस्पतालों के प्रमुख चिकित्सकों और मेडिकल सुपरिटेंडेंट्स को कहा है कि वे प्लाज्मा बैंक के प्रबंधन में तालमेल बिठाने के लिए अपने यहां नोडल अधिकारियों की तैनाती करें। उन्होंने कहा है कि इस प्रोजेक्ट की मांग और प्लाज्मा अपर्याप्त उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए नोडल अधिकारी प्लाज्मा बैंक के लिए ऐसे लोगों की तलाश करेंगे जो कोविड-19 से उबरने के बाद अपनी इच्छा से प्लाज्मा दान करना चाहते हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली में कोविड-19 के 82 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। लेकिन बीते आठ-दस दिनों में केवल 100 के आसपास मरीज ही प्लाज्मा दान करने के लिए प्लाज्मा बैंक पहुंचे हैं। डॉक्टरों के हवाले से आई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कोरोना वायरस को मात दे चुके कई लोगों को वहम है कि प्लाज्मा दान करने से उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाएगी। वहीं, कुछ को लगता है कि शरीर से प्लाज्मा निकाले की प्रक्रिया पीड़ादायक होती है, इसलिए वे प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। बताया गया है कि यह बड़ी वजह है कि अब दिल्ली सरकार ने ऐसे लोगों के जरिये प्लाज्मा इकट्ठा करने की नई नीति के तहत यह आदेश दिया है।

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सेरो-सर्वे के परिणाम आ जारी होने की संभावना
राजधानी में कोरोना वायरस कितना फैल चुका है यह पता लगाने के लिए किए गए सेरो-सर्वे के परिणाम शुक्रवार यानी आज जारी किए जा सकते हैं। इस सर्वे की शुरुआत बीती 27 जून को हुई थी। बताया गया है कि सरकार ने राजधानी में 22,823 लोगों के सैंपल इकट्ठा किए हैं। यह सर्वेक्षण दिल्ली सरकार और नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के सहयोग से किया गया है। इसके परिणाम से यह भी पता चलेगा कि दिल्ली में कोरोना वायरस के खिलाफ कितनी इम्यूनिटी पैदा हुई है। खबरों के मुताबिक, परिणामों की घोषणा से पहले सरकार ने तमाम अधिकारियों को किसी भी तरह की जानकारी बाहर के किसी व्यक्ति (जैसे मीडियाकर्मी) को नहीं देने की सख्त चेतावनी दी हुई है।

इसके अलावा, दिल्ली में जल्दी ही डिस्पेन्सरी और पॉलीक्लिनिकों में भी कोविड-19 के रैपिड एंटीजन टेस्ट किए जाएंगे। कुछ दिनों पहले ही दिल्ली सरकार ने अपने जिलों के प्रशासन से कहा था कि वे कनटेंमेंट जोन और हॉटस्पॉट घोषित जगहों से अलग बाहर के इलाकों में टेस्टिंग बढ़ाने पर ध्यान दें। गुरुवार को सरकार ने इस संबंध में अहम फैसला ले लिया। इसके तहत डिस्पेन्सरी और पॉलीक्लिनिकों में सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक एंटीजन टेस्ट किए जाएंगे।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को प्लाज्मा बैंक के लिए डोनर का प्रबंध करने का आदेश दिया, आज आ सकते हैं सेरो-सर्वे के परिणाम है

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