कोविड-19 महामारी को कंट्रोल करने के लिए एक तरफ जहां सार्स-सीओवी-2 वायरस के खिलाफ असरदार दवा और वैक्सीन की खोज जारी है, वहीं दूसरी तरफ अनुसंधानकर्ता लगातार प्राकृतिक और प्लांट-बेस्ड ट्रीटमेंट का भी पता लगाने में जुटे हैं। हाल के दिनों में हुए अध्ययनों से पता चलता है कि इम्यूनोन्यूट्रिशन (एक ऐसा तरीका जिसके माध्यम से पोषक तत्वों की एक परिवर्तित आपूर्ति का उपयोग शरीर में इन्फ्लेमेटरी या इम्यून प्रतिक्रियाओं को संशोधित करने के लिए किया जाता है) न केवल कोविड-19 इंफेक्शन से बचाने और रिकवर होने में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि यह भी सुझाव देता है कि कैनबिस यानी भांग के अर्क में सार्स-सीओवी-2 वायरस को रोकने की क्षमता है।
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वायरस के MPro को ब्लॉक कर सकते हैं प्लांट बेस्ड फाइटोन्यूट्रिएंट्स
फ्रंटियर्स इन प्लांट साइंस नाम के जर्नल में प्रकाशित एक नई स्टडी में सुझाव दिया गया है कि कुछ निश्चित न्यूट्रासूटिकल कम्पाउंडस जैसे- फ्लैवनॉल्स और प्रोएन्थोसायनिडिन्स जो ग्रीन टी, अंगूर जैसे प्लांट बेस्ड सोर्स में पाए जाते हैं वे सार्स-सीओवी-2 वायरस के प्रोटीन को रोक सकते हैं। अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के प्लांट बायोलॉजिस्ट्स ने इस स्टडी को किया जिसमें यह बताया गया है कि इन फाइटोन्यूट्रिएंट्स के कई सबटाइप भी हैं जो सार्स-सीओवी-2 वायरस के प्रमुख प्रोटीन या प्रोटीएज (MPro) की ऐक्टिविटी को सफलतापूर्वक ब्लॉक कर सकते हैं।
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5 प्लांट सोर्स को स्टडी में किया गया शामिल
हाल के दिनों में इन फाइटोन्यूट्रिएंट्स के एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से संबंधित जो अध्ययन हुए हैं उसमें भी आशाजनक परिणाम देखने को मिले हैं। रिसर्च के माध्यम से फ्लैवनॉयल्स को विशेष रूप से दिखाया गया है कि यह ब्लड प्रेशर के लेवल को कम करने और सेरेब्रोवस्कुलर और संज्ञानात्मक क्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए असरदार साबित हो सकता है। इस स्टडी के लिए 5 प्लांट सोर्स से फाइटोन्यूट्रिएंट्स को एक्सट्रैक्ट (निचोड़ या अर्क निकालना) किया गया था। इसमें ग्रीन टी, काकाओ सीड पाउडर, डार्क चॉकलेट और अमेरिका में खास तौर पर पाए जाने वाले मस्कडाइन अंगूर के 2 प्रकार शामिल हैं।
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फ्लैवनॉल्स के 10 सबटाइप जिनका परीक्षण किया गया उसमें शामिल है- कैटेचिन, ऐफ्जेलेचिन, गैलोकैटेचिन और एपिगैलोकैटेचिन। जिन 2 प्रोएन्थोसायनिडिन्स को इसमें शामिल किया गया उसमें प्रोसाइनिडिन ए2 और बी2 शामिल है। इस तरह से देखें तो इस स्टडी के दौरान कुल 12 न्यूट्रासूटिकल कम्पाउंड्स को टेस्ट किया गया।
MPro ब्लॉक हो जाए तो वायरस जीवित नहीं रह सकता
शोधकर्ताओं ने अलग-अलग लेवल का टेस्ट किया ताकि वे इस निष्कर्ष पर पहुंच सकें कि इनमें से सभी 12 कम्पाउंड्स MPro यानी सार्स-सीओवी-2 वायरस के मेन प्रोटीन या प्रोटीएज को बांधने और रोकने में सक्षम थे, जिसमें प्रोसाइनिडिन ए2 और बी2 का स्कोर सबसे अधिक था। MPro सार्स-सीओवी-2 का एक इंजाइम है और वायरस को अपनी प्रतिकृति बनाने के लिए इस इंजाइम की जरूरत होती है। अगर MPro को ब्लॉक कर दिया जाए या फिर डीऐक्टिवेट कर दिया जाए तो वायरस जीवित नहीं रह सकता। इस स्टडी में अनुसंधाकर्ताओं ने कम्प्यूटर सिमुलेशन और लैब स्टडीज दोनों को किया यह देखने के लिए कि MPro किस तरह से प्रतिक्रिया देता है जब अलग-अलग प्लांट केमिकल कंपाउंड से उसका सामना होता है।
इन 5 खाद्य पदार्थों से प्राप्त किए गए अर्क (एक्सट्रैक्ट) का इस्तेमाल एक निरोधात्मक कसौटी को तैयार करने में भी किया गया जिससे इस तथ्य की पुष्टि हुई कि ये कंपाउंड्स प्रभावी रूप से सार्स-सीओवी-2 के MPro की गतिविधि को रोक सकते हैं। इसी के आधार पर शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि इन न्यूट्रासूटिकल कंपाउंड्स और ग्रीन टी, मस्कडाइन अंगूर, काकाओ पाउडर और डार्क चॉकलेट के अर्क को व्यापक रूप से सार्स-सीओवी-2 वायरस के कारण होने वाली तबाही को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इन प्लांट-बेस्ड खाद्य स्रोतों के अब साबित हो चुके लाभ का विशेष रूप से तुरंत फायदा उठाने की आवश्यकता है क्योंकि कोविड-19 के इलाज के लिए प्रभावी दवाओं की अब भी कमी है और अभी तक कोविड-19 का कोई सफल टीका भी सामने नहीं आया है।
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इन खाद्य पदार्थों में भी है सार्स-सीओवी-2 वायरस को रोकने की क्षमता
इससे पहले जर्मनी के अल्म यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के इंस्टिट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर वायरोलॉजी के अनुसंधानकर्ताओं ने कुछ दिनों पहले ही एक रिसर्च की थी जिसमें यह बात सामने आयी थी कि ग्रीन टी के अलावा क्रैनबेरी यानी करौंदे का जूस और अनार का जूस भी सार्स-सीओवी-2 वायरस को मारने की क्षमता रखता है। साथ ही स्टडी में यह बात भी सामने आयी थी कि कृत्रिम परिवेश में (इन विट्रो में) ये जूस और ग्रीन टी कोविड-19 इंफेक्शन को फैलने से भी रोक सकते हैं।