देश के कई सरकारी अस्पतालों ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के एक फैसले के खिलाफ काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जाहिर किया। खबरों के मुताबिक, ये स्वास्थ्यकर्मी सरकार के उस फैसले से नाराज हैं, जिसमें कहा गया है कि अगर कोविड-19 से जुड़ी ड्यूटी के बाद उनमें कोरोना वायरस संक्रमण से गंभीर रूप से संक्रमित होने के लक्षण नहीं हैं तो उनको क्वारंटीन करने की कोई जरूरत नहीं है। पिछले कुछ दिनों से कई अस्पतालों ने होटलों में क्वारंटीन पीरियड बिता रहे अपने-अपने स्वास्थ्यकर्मियों से कहा है कि वे कमरे तुरंत खाली कर दें। उनसे कहा गया है कि अगर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो होटल के कमरे का खर्चा उनके वेतन में से काटा जा सकता है।

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दरअसल, बीती 15 मई को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की एक गाइडलाइन के मुताबिक, कोविड-19 प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को तब तक क्वारंटीन में जाने की जरूरत नहीं है, जब तक कि उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्वपमेंट (पीपीई) के इस्तेमाल में किसी तरह का उल्लंघन न हो अथवा उनमें वायरस से संक्रमित होने के गंभीर लक्षण न दिखें या वे किसी अन्य प्रकार के जोखिम में न हों। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि स्वास्थ्यकर्मियों ने इन गाइडलाइंस पर आपत्ति जताई है।

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इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, इस फैसले के खिलाफ फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के नेतृत्व में एक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया है, जिसमें स्वास्थ्यकर्मी हाथ में काली पट्टी बांध कर सरकार से कोविड-19 की ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों के लिए उचित क्वारंटीन और टेस्टिंग की मांग करेंगे। खबरों के मुताबिक, फोर्डा ने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिख कर गाइडलाइन में बदलाव करने की मांग की है।

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पत्र में फोर्डा ने कहा है कि वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड दो से 14 दिनों का है और ऐसे कई मामले हैं जिनमें डॉक्टरों की टेस्ट रिपोर्ट दूसरी जांच के बाद पॉजिटिव आई है। किसी-किसी मामले में दो से ज्यादा बार भी टेस्ट करना पड़ा है। यह कारण देते हुए फोर्डा के अध्यक्ष डॉ. शिवाजी देव बर्मन ने पत्र में स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध किया है कि वे सभी डॉक्टरों और उनकी परिवारों की सुरक्षा के मद्देनजर कम से कम सात दिन के क्वारंटीन के साथ उचित टेस्टिंग की व्यवस्था करें।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: केंद्र सरकार के किस फैसले के खिलाफ काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं स्वास्थ्यकर्मी, जानें है

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