कोविड-19 महामारी के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञ अक्सर संक्रमण नियंत्रण उपायों को दोहराते आए हैं। इसमें उन्होंने लोगों से लगातार हाथ धोने, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की है जो सार्स-सीओवी-2 वायरस को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं। वहीं मेडिकल और सर्जिकल मास्क की कमी के चलते कई स्वास्थ्य एजेंसियां हेल्थ वर्कर्स को कपड़े के मास्क से मुंह-नाक को कवर करने की सलाह देती हैं। लेकिन सवाल आता है कि क्या कपड़े से बना मास्क संक्रमण को रोक पाने में सहायक है? 

एक नए अध्ययन के तहत शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि अगर कपड़े के मास्क को हर दिन वॉशिंग मशीन में धोया जाता है तो वो प्रभावी रूप से संक्रमण से बचाव कर सकता है। शोधकर्ताओं ने अधिक तापमान (गर्म पानी) के साथ मास्क को धोने का सुझाव दिया है। इससे सार्स-सीओवी-2 जैसे वायरस के संक्रमण और संचरण की आशंका को कम करने में मदद मिल सकती है।

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वायरल संक्रमण को रोकने में कपड़े के मास्क की प्रभावकारिता
पिछले रेंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल (आरसीटी) से पता चला था कि अस्पताल में कार्यरत हेल्थ वर्कर्स के लिए मेडिकल मास्क की तुलना में कपड़े का मास्क पहनने से श्वसन संक्रमण का अधिक जोखिम होता है। लेकिन वर्तमान अध्ययन कोरोना प्रकोप के बीच केवल कपड़े के मास्क के आरसीटी पर आधारित है। इस रिसर्च को पिछले अध्ययन में स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले (दो-स्तर वाले सूती कपड़े से बने) मास्क के खराब प्रदर्शन को बेहतर तरीके से समझने के लिए किया है। साथ ही इसका मकसद मास्क को धोने और संदूषण (मैलापन) पर अप्रकाशित डेटा का पोस्ट हॉक यानी घटना के बाद का विश्लेषण करना है।

दरअसल ऑरिजनल आरसीटी को साल 2015 में संक्रामक रोगों की पत्रिका में प्रकाशित किया गया था और वायरल संक्रमण को रोकने में कपड़े के मास्क की प्रभावशीलता पर आयोजित एकमात्र आरसीटी था। यह साल 2011 में वियतनाम में अस्पताल कर्मियों के बीच आयोजित किया गया था। उस दौरान वैज्ञानिकों ने वियतनाम के हनोई में माध्यमिक और तीन गुना स्तर के अस्पतालों में चयनित उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में 607 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के उपसमूह के परिणामों का अध्ययन किया। इन हेल्थ केयर वर्कर ने दो-स्तरित (टू लेयर) कपड़े के बने मास्क का इस्तेमाल किया था जो कि क्लॉथ मास्क से मेडिकल या सर्जिकल मास्क की तुलना करने वाले एक परीक्षण का हिस्सा थे।

धोने के बाद सर्जिकल मास्क की तरह प्रभावी कपड़े का मास्क
शोधकर्ताओं की टीम ने पाया है कि अगर कपड़े के मास्क को अस्पताल की लॉन्ड्री में धोया जाता है तो ये मास्क सर्जिकल या मेडिकल मास्क की तरह प्रभावी साबित होते। एक अध्ययन की सह-लेखिका और प्रोफेसर रैना मैकइंटायर का कहना है, "कपड़े के मास्क और सर्जिकल मास्क दोनों को उपयोग के बाद 'दूषित' माना जाना चाहिए। सर्जिकल मास्क, जिन्हें इस्तेमाल के बाद नष्ट कर दिया जाता, इसके विपरीत कपड़े का मास्क फिर से उपयोग में लाए जाते हैं। हालांकि, यह एक ही मास्क का लगातार कई दिनों तक इस्तेमाल करने के लालच जैसा है। शोधकर्ता मैकइंटायर के मुताबिक रिसर्च बताती है कि इससे संदूषण (मैलापन या गंदगी) का खतरा बढ़ जाता है।

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अध्ययन के निष्कर्षों से पता चला है कि इस्तेमाल किए गए मेडिकल और कपड़े के मास्क दोनों पर राइनोवायरस के साथ वायरल संदूषण (मैलापन) का पता चला था। अधिकांश स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने अपने मास्क को हाथों से धोया था। अध्ययन में यह भी पता चला है कि अस्पताल की लॉन्ड्री में मास्क धोने की तुलना में, जो लोग अपने मास्क हाथ से धोते थे उनमें संक्रमण का खतरा दोगुना था। इसके अलावा, टीम ने पाया कि अस्पताल की लॉन्ड्री में धोए गए कपड़े के मास्क और सर्जिकल या मेडिकल मास्क के बीच कोई अंतर नहीं था। शोधकर्ता कहते हैं कि अस्पताल की लॉन्ड्री में धोए गए कपड़े के मास्क, मेडिकल मास्क की तरह की प्रभावी और सुरक्षात्मक थे। लेकिन यह जरूरी है कि कपड़े के मास्क को रोजाना और उचित विधि का उपयोग करके धोया जाए, जिससे कोविड​​-19 से संक्रमित होने का खतरा कम हो सकता है।

क्या भीड़ में कपड़े का मास्क पहन सकते हैं?
हालांकि, भीड़ में कपड़े का मास्क पहनने वाले लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों की तरह वायरस जैसे रोगजनकों की एक ही मात्रा के संपर्क में आने की आशंका नहीं है। इसलिए शोधकर्ता कपड़े के मास्क को हर दिन धोने के बाद पहनने की सलाह देते हैं। खासकर उन लोगों के लिए जो अपने घरों के बाहर काम कर रहे हैं या जिन्हें बाहर जाने की जरूरत है।

प्रोफेसर मैकइंटायर कहती हैं "डब्ल्यूएचओ ने भी गर्म पानी के साथ (60 डिग्री सेल्सियस) मशीन वॉशिंग और डिटर्जेंट से धोए गए कपड़े के मास्क की सिफारिश की है और हमारे विश्लेषण के परिणाम भी इस सिफारिश का समर्थन करते हैं। वॉशिंग मशीन में अक्सर 40 डिग्री या 60 डिग्री का डिफ़ॉल्ट तापमान होता है, इसलिए सेटिंग की जांच करें। चूंकि बहुत गर्म तापमान पर हाथ से धुलाई करना संभव नहीं है। इस शोध से जरिए शोधकर्ताओं ने स्पष्ट संदेश दिया है कि कपड़े का मास्क प्रभावी होता है। लेकिन एक बार कपड़े का मास्क पहनने के बाद, इसे दोबारा पहनने से पहले हर बार ठीक से धोना जरूरी है, नहीं तो यह प्रभावी नहीं होगा।"

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: शोधकर्ताओं का दावा, वॉशिंग मशीन में हर दिन धोया गया कपड़े का मास्क, सर्जिकल मास्क की तरह असरदार है

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