कोविड-19 महामारी के चलते करोड़ों बच्चों के लिए एक अलग स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने आशंका जताई है मौजूदा स्वास्थ्य संकट की वजह से करोड़ों बच्चे खसरे (मीजल्स) की वैक्सीन से वंचित रह सकते हैं। यूएन के हवाले से आई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, खसरा प्रभावित 37 देशों के 11 करोड़ 70 लाख से अधिक बच्चों पर यह खतरा मंडरा रहा है।

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दरअसल, कोविड-19 महामारी की वजह से पूरी दुनिया में कई प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं और अभियान प्रभावित हुए हैं। इसके चलते अन्य कई प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त लोगों के इलाज की प्रक्रियाएं रुक गई हैं। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र की संस्थान यूनिसेफ का कहना है कि 24 देशों में खसरा टीकाकरण अभियान में पहले ही देरी हो चुकी है और (कोविड-19 महामारी की वजह से) बाकी देशों में भी इसे स्थगित कर दिया जाएगा।

हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने अपने नए दिशा-निर्देशों के तहत टीकाकरण के मुद्दे पर रणनीतिक सलाहकार समूह के उन विशेषज्ञों का समर्थन किया है, जो कोविड-19 महामारी के दौरान भी कुछ देशों में टीकाकरण गतिविधियों को बनाए रखने और लोगों की मदद करने में लगे हुए हैं।

उधर, यूएन की इस आशंका के बाद दुनिया को खसरा मुक्त कराने की कोशिश से जुड़े अभियान 'मीजल्स एंड रूबेला इनीशिएटिव' ने प्रतिक्रिया दी है। डब्ल्यूएचओ की पहल का समर्थन करते हुए उसने कहा, '(कोविड-19 के चलते) प्रतिरक्षण अभियानों को रोके जाने की वजह से 37 देशों के 117 करोड़ बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। उनमें से कई ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां खसरे का संकट सक्रिय रूप से बना हुआ है।' हालांकि बयान में 'एम एंड आरआई' ने यह भी कहा कि मौजूदा स्वास्थ्य संकट के दौरान जहां भी खसरे का प्रकोप नहीं है, वहां अस्थायी रूप से निवारक टीकाकरण अभियान को रोका जाए।

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खसरा क्या है और कितना घातक है?

खसरा बचपन में संक्रमण से होने वाला रोग है, जो संक्रमित बलगम और लार के संपर्क के कारण फैलता है। खसरे का वायरस कई घंटों के लिए सतह पर रह सकता है। वहीं, संक्रमित कणों के हवा में फैलने के चलते निकटता वाले व्यक्ति संक्रमित हो सकते हैं। खसरा वायरस वैक्सीन (टीका) से इसे रोकने के प्रयास आज भी जारी हैं।

साल 1963 में खसरे के टीके की शुरुआत हुई थी। उससे पहले लगभग हर 2-3 साल में इसकी महामारी फैलती थी। इसके चलते हर साल खसरे से वैश्विक स्तर पर 26 लाख मौतें होती थीं। 2018 की बात करें तो उस साल खसरे के चलते एक लाख 40,000 से अधिक लोग मारे गए थे। इनमें ज्यादातर बच्चे थे, जिनकी उम्र पांच साल से कम थी। यह तब हुआ जब खसरे से बचाने के लिए सुरक्षित और प्रभावी टीका उपलब्ध था और 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों का टीकाकरण किया गया था।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 महामारी के चलते करीब 12 करोड़ बच्चे खसरे की वैक्सीन से रह सकते हैं वंचित: संयुक्त राष्ट्र है

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