कोविड-19 बीमारी से संक्रमित होने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का इलाज जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिसोदिया कोरोना संक्रमण के साथ-साथ डेंगू (को-इंफेक्शन) से भी पीड़ित हैं। इसी कारण उन्हें दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां प्लाज्मा थेरेपी के जरिए उनका इलाज किया गया।

गौरतलब है कि सिसोदिया को शुरू में बुखार होने के बाद सांस लेने में तकलीफ की शिकायत थी। इसके बाद उन्हें राज्य के लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती होने के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि सिसोदिया के ब्लड प्लेटलेट्स में भी कमी आ गई थी। इसे देखते हुए गुरुवार को सिसोदिया का डेंगू टेस्ट किया गया था। डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें निजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया।

(और पढ़ें- यूके में 'ह्यूमन चैलेंज ट्रायल' के तहत कोविड-19 वैक्सीन को आजमाने की योजना, प्रतिभागियों को जानबूझकर कोरोना वायरस से संक्रमित किया जाएगा: रिपोर्ट)

कोरोना संक्रमित होने के बाद होम क्वारंटीन में थे सिसोदिया
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो डिप्टी सीएम सिसोदिया 14 सितंबर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करके दी थी। इस दौरान उन्हें हल्का बुखार था जिसके बाद कराए गए कोरोना टेस्ट में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्होंने खुद को अपने आधिकारिक निवास पर क्वारंटीन कर लिया था। लेकिन स्थिति बिगड़ने के बाद उन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

कोविड प्रबंधन दिशा निर्देशों के अनुसार, जिन रोगियों में को-मॉरबिडिटी (पहले से कोई अन्य बीमारी) न हो और वे कमजोर आयु वर्ग (10 वर्ष से कम या 60 वर्ष से अधिक) की कैटिगरी में न आते हों तो इस स्थिति में कोविड पॉजिटिव मरीज को होम क्वारंटीन की सलाह दी जाती है।

(और पढ़ें- कोविड-19: भारत में 59 लाख मरीज, अकेले महाराष्ट्र में 13 लाख मामले, देशभर में 93,379 संक्रमितों की मौत, टेस्टिंग का आंकड़ा सात करोड़ के पार)

को-इंफेक्शन से जुड़े मामलों का कोई स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल नहीं- एक्सपर्ट
चिकित्सा विशेषज्ञों ने कोविड-19 और डेंगू दोनों से संक्रमित रोगियों के इलाज की जटिलताओं पर जोर दिया है। साथ ही बताया कि ऐसे मामलों में कोई "मानक प्रोटोकॉल" भी मौजूद नहीं है। एलएनजेपी अस्पताल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को इस बारे में बताया कि, कोरोना और डेंगू के दोहरे संक्रमण के इलाज के लिए कोई मानक प्रोटोकॉल नहीं है। लिहाजा इलाज पेशेंट स्पेसिफिक होता है यानी हर मरीज का अलग तरह से विशिष्ट इलाज किया जाता है। 

बहरहाल कोरोना संक्रमण से दिल्ली की खराब होती स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी प्रतिक्रिया आई है। उनका कहना है कि बीते कुछ दिनों में शहर में कोरोना से जुड़े मामलों में वृद्धि देखी गई है। इससे पता चलता है कि दिल्ली में यह कोरोना संक्रमण की “सेकंड वेव” है जो कि चिंताजनक है।

भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के कोरोना संक्रमित राज्यों में दिल्ली देश का छठा सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है। यहां अब तक 2.6 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 5 हजार से अधिक मौतें हुई हैं जबकि दिल्ली में अभी भी कोरोना के करीब 31 हजार ऐक्टिव मामले हैं।

(और पढ़ें- कोविड-19 की वजह से झड़ रहे बाल, कहीं संक्रमण तो कहीं महामारी का तनाव बन रहा कारण: न्यूयॉर्क टाइम्स)


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: मनीष सिसोदिया को दी गई प्लाज्मा थेरेपी है

ऐप पर पढ़ें