जिस तरह से ताली बजाने के लिए दो हाथों का एक साथ आना जरूरी होता है, ठीक उसी तरह वायरल संक्रमण को फैलने के लिए भी दो चीजों की जरूरत होती है। पहला- वायरस और दूसरा शरीर में मौजूद रिसेप्टर जिससे यह वायरस खुद को जोड़ सकता है। कोविड-19 के मामले में रिसेप्टर एन्जियोटेंसिन-कंवर्टिंग एन्जाइम 2 (ACE2) है और वायरस सार्स-सीओवी-2 है।

2019 के नए कोरोना वायरस का अध्ययन करते समय वैज्ञानिकों को खोज में जिस पहली कड़ी का पता चला वह था- एसीई2 और वायरस सार्स-सीओवी-2 के बीच संबंध। लगभग हर रिसर्च पेपर में इन रिसेप्टर्स का जिक्र था और ये कैसे कोविड-19 संक्रमण को शरीर में घुसने में मदद करते हैं के बारे में बताया गया था।

सामान्य रूप से एसीई2 रिसेप्टर्स हमारे शरीर के महत्वपूर्ण कार्यों जैसे ब्लड प्रेशर को बनाए रखने में मदद करते हैं। एसीई2 रिसेप्टर्स और सार्स-सीओवी-2 के बीच क्या संबंध है और कोविड-19 सांस लेने में तकलीफ व अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण क्यों बनता है इसके बारे में जानने के लिए नीचे पढ़ें।

  1. एसीई2 रिसेप्टर्स क्या हैं?
  2. एसीई2 और कोविड-19: सार्स-सीओवी-2 श्वसन संबंधी लक्षण क्यों पैदा करता है?
आपके शरीर में एसीई2 रिसेप्टर क्या होते हैं और कैसे यह कोविड-19 को फैलने में मदद करते हैं के डॉक्टर

एसीई2 रिसेप्टर्स वास्तव में हमारे शरीर में हार्मोन प्रणाली का एक हिस्सा है जो ब्लड प्रेशर, तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को कंट्रोल करता है। इस प्रणाली को आरएएस (रेनिन-एंजियोटेनसिन प्रणाली) कहा जाता है।

इस प्रणाली में तीन हार्मोन होते हैं - रेनिन, एन्जियोटेंसिन और ऐल्डोस्टेरॉन- जो एन्जाइम की तरह काम करते हैं और शरीर में 3 अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं देते हैं।

हार्मोन एक रासायनिक यौगिक है जो विशेष ग्रंथि द्वारा सीधे खून में रिलीज होता है। इस ग्रंथि को एंडोक्राइन (अंत: स्रावी) ग्रंथि कहा जाता है। हार्मोंस शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में संदेशों का प्रसार करते हैं और शरीर में विभिन्न प्रतिक्रियाओं को नियमित करने में मदद करते हैं। हार्मोन का एक उदाहरण इन्सुलिन है जो अग्नाशय द्वारा रिलीज होता है और लिवर द्वारा शुगर के उत्थान को बढ़ावा देता है।

दूसरी तरफ, एंजाइम ऐसे यौगिक हैं जो शरीर में सभी जैविक प्रतिक्रियों को गति देते हैं। पेप्सिन एक एंजाइम है जो पेट में रिलीज होता है। यह खाने में मौजूद प्रोटीन को तोड़ने में मदद करता है।

आरएएस प्रणाली में फेफड़े, किडनी, लिवर, मस्तिष्क और परिसंचरण तंत्र जैसे कई अंग शामिल हैं।

आरएएस प्रणाली का कार्य : शरीर का ब्लड प्रेशर कम होने पर किडनी की विशेष कोशिकाएं खून में रेनिन हार्मोन रिलीज करती हैं। यह रेनिन एन्जियोटेंसिनोजेन नाम के प्रोटीन को तोड़कर एन्जियोटेंसिन-1 में बदलती है। एन्जियोटेंसिनोजेन को लिवर रिलीज करता है और यह लगातार रक्त में मौजूद रहता है।

एन्जियोटेनसिन-1 एक निष्क्रिय प्रोटीन है, जिसे सक्रिय होने के लिए एन्जियोटेंसिन-2 में बदलना होता है। यह बदलाव एन्जियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एन्जाइम (एसीई) द्वारा किया जाता है। यह एंजाइम हमारे फेफड़ों और किडनी की रक्त वाहिकाओं में प्रचूर मात्रा में मौजूद होता है।

इसके बाद एसीई फेफड़ों और किडनी की रक्त वाहिकाओं की सतह पर मौजूद एसीई रिसेप्टर्स को बांधता है और रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है। इससे ब्लड प्रेशर में वृद्धि होती है और अगर आपका ब्लड प्रेशर पहले से ही कम है तो यह अब संतुलित हो जाता है। एसीई2 भी किडनी से एल्डोस्टेरोन नामक एक हार्मोन को रिलीज करता है, जो किडनी फंक्शन को सुधारता है और शरीर में सोडियम-पोटैशियम (इलेक्ट्रोलाइट) को संतुलित रखता है।

इसी वजह से हाई ब्लड प्रेशर और लंबे समय से किडनी संबंधी बीमारी से पीड़ित मरीज को एसीई रिसेप्टर ब्लॉकर्स या एसीई अवरोधक दिया जाता है।

कोशिका की सतह पर मौजूद रिसेप्टर्स एक खास तरह के अणु (आमतौर पर प्रोटीन) होते हैं जो सतह पर मौजूद होते हैं या शरीर की सभी कोशिकाओं के माध्यम से सतह (एक सुरंग की तरह) पर मौजूद होते हैं। ये रिसेप्टर्स बाहर से किसी चीज जैसे- एन्जाइम या हार्मोन को शरीर के अंदर प्रवेश करने और अपना काम करने में मदद करते हैं। 

एंजियोटेंसिन-कंवर्टिंग एंजाइम 2

एसीई2 की संरचना बिलकुल एसीई जैसी है। हालांकि, यह एसीई के विपरीत कार्य करता है यानी यह रक्तचाप को कम करता है।

एसीई2 सक्रिय एंजियोटेंसिन 2 को एंजियोटेंसिन (1-7) में बदल देता है, जो रक्त वाहिकाओं का विस्तार करता है। एसीई2 शरीर में फाइब्रोसिस और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

एसीई2 के लिए रिसेप्टर्स फेफड़े, लिवर, मुंह और नाक के बलगम, पेट, आंत, किडनी और मस्तिष्क में पाए जाते हैं।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

वायरस मूल रूप से प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड और आनुवंशिक सामग्री (डीएनए या आरएनए) की एक जटिल प्रक्रिया है। वे खुद से अपनी ही प्रतिकृति बनाने में असमर्थ होते हैं और उन्हें तब तक निर्जीव माना जाता है जब तक वे किसी मेजबान के बाहर होते हैं। अधिक सटीक रूप से कहें तो वे किसी जीवित या निर्जीव चीज की नोक पर होते हैं।

सीधे शब्दों में कहें तो वायरस परजीवी होते हैं, जिन्हें जीवित रहने और बढ़ने के लिए किसी मेजबान की जरूरत होती है। इसलिए किसी मेजबान के शरीर में प्रवेश करने के लिए ये परजीवी अलग-अलग तरह की व्यवस्था करते हैं। इनमें से ज्यादातर खुद को विशेषज्ञ बनाकर मेजबान के शरीर की कोशिकाओं को धोखा देकर शरीर में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं। एक बार जब वायरस किसी कोशिका में प्रवेश कर लेता है, तो वह कोशिकीय मशीनरी को अपने कब्जे में ले लेता है और अपनी ढेरों प्रतिकृति बनाना शुरू कर देता है। इससे यह खुद की ढेरों कॉपियां बनाता है जो पहली कोशिका रिलीज करती है और आसपास की सभी कोशिकाओं को संक्रमित कर देता है।

कॉविड-19 के मामले में, प्रेरक वायरस सार्स-सीओवी-2 खुद को एसीई2 रिसेप्टर्स से बांधता है।

चूंकि एसीई2 रिसेप्टर्स फेफड़ों में मौजूद होते हैं इसलिए यह वायरस सांस संबंधी बीमारी का कारण बनता है और छींक आने पर मुंह और नाक से निकलने वाली छोटी-छोटी बूंदों के संक्रमण से फैलता है। इसलिए अगर आप किसी ऐसी दूषित सतह को छूते हैं जहां यह वायरस गिरा हो, तो वायरस आपकी हथेलियों से चिपक जाता है और जब आप अपने चेहरे, विशेष रूप से अपने मुंह, आंख, कान या नाक को छूते हैं, तो यह आसानी से आपके श्वसन नली में प्रवेश कर सकता है।

कान और नाक यूस्टेशियन ट्यूब के माध्यम से जुड़े होते हैं। यह कान के मध्य में मौजूद एक ट्यूब है जो नाक के पीछे जाती है और कान में दबाव को बनाए रखने में मदद करती है।

हालांकि, आंख और श्वसन तंत्र के बीच कोई सटीक संबंध स्पष्ट नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आंसू वाली नलिका का नाक और फेफड़े के साथ कुछ संबंध हो सकता है।

एसीई2 रिसेप्टर्स आंतों में भी पाए जाते हैं और इसलिए इसे कोविड -19 वायरस के लिए एक संभव प्रवेश मार्ग माना जाता है।

(और पढ़ें - कोविड-19: कोरोना वायरस से बचने के लिए ये पांच फॉलो अप जरूरी)

Dr Rahul Gam

Dr Rahul Gam

संक्रामक रोग
8 वर्षों का अनुभव

Dr. Arun R

Dr. Arun R

संक्रामक रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Neha Gupta

Dr. Neha Gupta

संक्रामक रोग
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Anupama Kumar

Dr. Anupama Kumar

संक्रामक रोग


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें आपके शरीर में एसीई2 रिसेप्टर क्या होते हैं और कैसे यह कोविड-19 को फैलने में मदद करते हैं है

संदर्भ

  1. Lu Roujian, et al. Genomic characterisation and epidemiology of 2019 novel coronavirus: implications for virus origins and receptor binding. The Lancet. 2020 Jan-Feb; 395(10224): 565-574.
  2. Fountain JH, Lappin SL. Physiology, Renin Angiotensin System. [Updated 2019 May 5]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2020 Jan
  3. Cooper GM. The Cell: A Molecular Approach. 2nd edition. Sunderland (MA): Sinauer Associates; 2000. Functions of Cell Surface Receptors.
  4. Chamsi-Pasha Mohammed A.R., Shao Zhili, Tang W. H. Wilson. Angiotensin-Converting Enzyme 2 as a Therapeutic Target for Heart Failure. Curr Heart Fail Rep. 2014 Mar; 11(1): 58–63. PMID: 24293035.
  5. Patel Vaibhav B., Zhong Jiu-Chang, Grant Maria B., Oudit Gavin Y. Role of the ACE2/Angiotensin 1–7 Axis of the Renin–Angiotensin System in Heart Failure. Circulation research; 118(8). 1313-1326.
  6. Microbiology Society [Internet]. UK; Are viruses alive?
  7. Bitko Vira, Musiyenko Alla, Barik Sailen. Viral Infection of the Lungs through the Eye. J Virol. 2007 Jan; 81(2): 783–790. PMID: 17050596.
  8. Hamming I, Timens W, Bulthuis ML, Lely AT, Navis G, van Goor H. Tissue distribution of ACE2 protein, the functional receptor for SARS coronavirus. A first step in understanding SARS pathogenesis. J Pathol. 2004;203(2):631–637. PMID: 15141377.
  9. Vaduganathan Muthiah, et al. Renin–Angiotensin–Aldosterone System Inhibitors in Patients with Covid-19. nejm. 2020.
  10. American College of Cardiology [Internet]. Washington DC. US; COVID-19 Infection and Renin Angiotensin System Blockers
  11. Krumholz Harlan M. reviewing Vaduganathan M et al. N Engl J Med 2020 Mar 30. Discontinuing RAAS Inhibitors in COVID-19 Patients? There's No Evidence. Journal watch: New England Journal of Medicine [Internet].
  12. Eric W. Stawiski, et al. Human ACE2 receptor polymorphisms predict SARS-CoV-2 susceptibility. 2020 April.
ऐप पर पढ़ें