कोरोना वायरस संकट के चलते केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन की समयसीमा खत्म होने से पहले देशभर में हॉटस्पॉट की पहचान कर इलाकों को सील किया जा रहा है। हालांकि आगामी 14 अप्रैल लॉकडाउन का आखिरी दिन होगा या नहीं, इसे लेकर अभी कुछ साफ नहीं है। लेकिन यह स्पष्ट है कि लॉकडाउन के बावजूद देश में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इसीलिए राज्य सरकारों के स्तर पर कुछ इलाकों को बतौर हॉटस्पॉट सील किए जाने की कार्रवाई देखने को मिल रही है।

खबरों के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार को राजधानी के 20 इलाकों को सील किए जाने का फैसला किया गया। उससे पहले उत्तर प्रदेश की सरकार ने 15 जिलों को हॉटस्पॉट के तहत पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया। मध्य प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण लगातार फैलने के चलते कई इलाकों को सील किया गया है। इसके अलावा पंजाब में भी कुछ इलाकों को हॉटस्पॉट करार देकर सील किया गया है। ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि आखिर  कोविड-19 के संदर्भ में 'हॉटस्पॉट' का क्या मतलब है और इसमें उन्हें क्या करने और क्या नहीं करने की अनुमित होगी।

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हॉटस्पॉट क्या है?
भारत में जिन इलाकों में कोविड-19 बीमारी के तेजी से फैलने का खतरा पैदा हो गया है, उनके लिए 'हॉटस्पॉट' शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस समय किसी इलाके को हॉटस्पॉट कहने का मतलब है कि वह क्षेत्र कोरोना संक्रमण के फैलने के लिहाज से काफी संवेदनशील है। खबरों के मुताबिक, ऐसे इलाकों में कोविड-19 का अधिक प्रकोप देखने को मिला है, जो और ज्यादा बढ़ सकता है और वहां से वायरस दूसरे इलाकों में भी फैल सकता है। इसी कारण सीलिंग की कार्रवाई देखने को मिल रही है। बताया जा रहा है कि जिस इलाके में छह या उससे अधिक संक्रमित मामले सामने आए हैं, वहां सीलिंग की जाएगी। ऐसे में लोगों को घरों में ही रहना होगा। हालांकि दिल्ली और यूपी में उन इलाकों को भी सील किया गया है जहां केवल एक व्यक्ति कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाया गया है। इस तरह इन इलाकों को भी ‘हॉटस्पॉट’ की कैटिगरी में डाल कर पूरी तरह तालाबंद कर दिया गया है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सीलिंग, लॉकडाउन से भी अधिक सख्त है। जिन इलाकों में यह कार्रवाई की गई है, वहां अब किसी के आने और बाहर जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। अलग-अलग राज्यों में इलाकों को हॉटस्पॉट घोषित करने में भिन्नता देखी गई है। मसलन, उत्तर प्रदेश में किसी एक सेक्टर में आए एक पॉजिटिव मामले के बाद पूरे सेक्टर को सीलबंद कर उसे ‘हॉटस्पॉट’ का नाम दिया गया है। वहीं, दिल्ली में  छोटे-छोटे इलाकों और गलियों को बतौर हॉटस्पॉट सील किया गया है।

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हॉटस्पॉट इलाकों में क्या नहीं कर सकते?
अगर कोई व्यक्ति हॉटस्पॉट इलाके में रहता है तो उसके लिए यह जानना जरूरी है कि अब इस स्थिति में उसके पास क्या करने की अनुमति होगी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इन इलाकों में किसी भी व्यक्ति की गतिविधि पूरी तरह से प्रतिबंधित होगी। यहां कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का सामान नहीं बेच सकेगा। यहां तक कि मेडिकल स्टोर भी बंद रहेंगे। इस दौरान इलाके को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा।

सीलबंद किए गए इलाकों की पूरी तरह से मॉनिटरिंग की जाएगी। इस दौरान आवश्यक घरेलू सामान (जैसे-आटा, दूध, चावल अन्य) की आपूर्ति ऑर्डर के मुताबिक, घर पर ही की जाएगी। इसके लिए सरकार ने विशेष लोगों को अधिकृत किया है। किसी प्रकार की स्वास्थ्य इमरजेंसी की स्थिति में केवल एंबुलेंस को अंदर जाने की अनुमित होगी। 

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इसके अलावा, आवश्यक सेवा से जुड़े व्यक्ति, जैसे डॉक्टर और पास-धारक को थोड़ी छूट दी गई है। लेकिन पत्रकार ‘सीलबंद’ इलाके में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। किसी प्रकार की सूचना उन्हें बाहर से ही देनी होगी। हालांकि, निर्देशों के तहत यह साफ किया गया है कि अगर कोई पत्रकार ‘सीलबंद या हॉटस्पॉट’ वाले इलाके में रहता है तो वह आवश्यक काम के लिए बाहर आ या जा सकता है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस: हॉटस्पॉट क्या है और इसके तहत सील किए गए इलाकों में क्या कर सकते हैं और क्या नहीं? है

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