त्वचा पर लालिमा के साथ सूजन और जलन की स्थिति को डर्मेटाइटिस के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा पर चकत्ते होने के साथ खुजली और सूजन होती है। डर्मेटाइटिस में प्रभावित त्वचा के स्थान पर छाले, त्वचा से द्रव का निकलना, त्वचा पर पपड़ी होने जैसी शिकायत देखने को मिलती है। आमतौर पर यह स्थिति काफी असुविधाजनक होती है। कई लोगों में डर्मेटाइटिस की समस्या कुछ दिनों में स्वत: ठीक हो जाती है, जबकि कुछ लोगों में इसका प्रभाव लंबे समय तक हो सकता है।

बच्चों में डर्मेटाइटिस की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। जबकि कुछ प्रकार के डर्मेटाइटिस बच्चों और वयस्कों में सामान्य है। सामान्य रूप से यह संक्रमण जैसा दिखाई देता है। हालांकि, यह संक्रामक नहीं होता है। रसायन युक्त साबुन या गिलट युक्त आभूषण के संपर्क में आने से त्वचा को डर्मेटाइटिस की शिकायत सबसे ज्यादा हो सकती है। यदि आपकी त्वचा संक्रमित है और उससे आपको जलन और दर्द की दिक्कत आ रही हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कुछ दवाओं और क्रीम के प्रयोग से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है।

इस लेख में हम डर्मेटाइटिस के लक्षण, कारण और इलाज और उन उपायों के बारे में जानेंगे जिनको प्रयोग में लाकर लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

डर्मेटाइटिस के प्रकार - Types of Dermatitis in hindi

अलग-अलग लोगों में डर्मेटाइटिस कई तरह का हो सकता है। इसके कुछ प्रकार निम्नलिखित हैं।

एटोपिक डर्मेटाइटिस (एक्जिमा)

एटोपिक डर्मेटाइटिस आमतौर पर शैशवावस्था में शुरू होती है। इसमें त्वचा पर लालिमा के साथ खुजलीदार दाने निकल आते हैं। त्वचा के वह हिस्से जो आपस में चिपके रह जाते हैं उन जगहों पर एक्जिमा के लक्षण सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं। कोहनी के भीतरे हिस्से, घुटनों के पीछे और गर्दन के सामने की ओर में यह ज्यादा दिखाई देता है। इन हिस्सों को खुजलाने पर उनमें से रिसाव हो सकता है और कई बार वहां पपड़ी भी पड़ जाती है। यह मौसम के साथ होने वाली परेशानी है और ज्यादातर लोगों में स्वत: ठीक हो जाती है।

कॉटैक्ट डर्मेटाइटिस

ऐसी स्थिति आमतौर पर तब देखने को मिलती है जब आपकी त्वचा उन वस्तुओं के संपर्क में आ जाती है जो डर्मेटाइटिस के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। इसमें त्वचा लाल हो जाती है और कई बार छाले बन सकते हैं।

सेबोरीक डर्मेटाइटिस

इस स्थिति में त्वचा पर पपड़ीदार पैच, लालिमा और बहुत अधिक खुजली की शिकायत होती है। यह ज्यादातर चेहरे, छाती का ऊपरी हिस्सा और पीठ जैसे तैलीय हिस्सों में होने वाली समस्या है। सेबोरीक डर्मेटाइटिस लंबे समय तक रहने वाली समस्या है। शिशुओं में होने वाली इस स्थिति को क्रैडल कैप कहा जाता है।

फोलीक्यूलर एक्जिमा

इस स्थिति में त्वचा का प्रभावित हिस्सा मोटा हो जाता है और बालों के रोम में उभार जैसा दिखने लगता है। अफ्रीकी अमेरिकिन और गहरे-भूरे रंग की त्वचा वाले लोगों में यह स्थिति सबसे ज्यादा देखने को मिलती है।

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डर्मेटाइटिस के लक्षण - Dermatitis symptoms in hindi

डर्मेटाइटिस की स्थिति अलग-अलग लोगों में भिन्न हो सकती है। कुछ लोगों में इसके लक्षण हल्के जबकि कुछ लोगों में गंभीर भी हो सकते हैं। अलग-अलग प्रकार के डर्मेटाइटिस के लक्षण भी भिन्न होते हैं। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। सामान्य रूप से डर्मेटाइटिस के निम्न लक्षण देखने को मिलते हैं।

  • चकत्ते
  • फफोले
  • त्वचा का सूखना या फटना
  • खुजली होना
  • चुभन और जलन के साथ प्रभावित हिस्से में दर्द होना।
  • त्वचा पर लालिमा
  • त्वचा में सूजन

डर्मेटाइटिस के कारण - Dermatitis causes in hindi

डर्मेटाइटिस के अलग-अलग प्रकार के आधार पर इसके कारण भी भिन्न हो सकते हैं। सामान्य रूप से साबुन अथवा कई प्रकार के आभूषणों के संपर्क में आने के कारण डर्मेटाइटिस की समस्या हो सकती है। निम्न प्रकार की स्थितियां डर्मेटाइटिस को ट्रिगर कर सकती हैं।

  • तनाव
  • हार्मोनल परिवर्तन
  • वातावरण संबंधी समस्याएं
  • जलन और खुजली पैदा करने वाले पदार्थ

एटोपिक डर्मेटाइटिस के कारण : इस स्थिति का मुख्य कारण त्वचा की शुष्की, जीन वैरिएशन, प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधी समस्या, त्वचा संक्रमण, एयरबर्न अथवा ऐसे लोगों के संपर्क में आना हो सकता है, जिनको पहले से ही यह समस्या हो। कुछ लोगों में एटोपिक डर्मेटाइटिस के इनमें से एक से अधिक कारण भी हो सकते हैं।

कॉटैक्ट डर्मेटाइटिस के कारण : इस प्रकार की समस्या मुख्य रूप से उन वस्तुओं के संपर्क में आने के कारण होती है, जिनसे त्वचा में खुजली या एलर्जी हो सकती है। कुछ लोगों की त्वचा विशेष वस्तुओं के प्रति अतिसंवेदनशील होती है जैसे परफ्यूम, निकेल युक्त आभूषण, सफाई करने वाले उत्पाद, कई प्रकार के क्रीम और लोशन आदि।

सेबोरीक डर्मेटाइटिस के कारण : इस प्रकार की समस्या यीस्ट के कारण होता है जो तैलीय त्वचा के परिणामस्वरूप पैदा होते हैं।

डर्मेटाइटिस से बचाव - Prevention of Dermatitis in hindi

यदि आप ऐसे कामों से जुड़े हैं, जिनमें प्रयोग होने वाली वस्तुओं से खुजली या जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं तो आपको अपनी त्वचा का विशेष ध्यान देना चाहिए। काम के दौरान ऐसे कपड़े पहनें जिससे त्वचा से इन वस्तुओं का सीधा संपर्क न हो। इसके अलावा निम्नलिखित उपायों को प्रयोग में लाकर भी डर्मेटाइटिस से बचा जा सकता है।

  • ज्यादा देर तक स्नान न करें : डर्मेटाइटिस से बचने के लिए नहाने के समय को 5 से 10 मिनट से ज्यादा न बढ़ाएं। नहाने के लिए हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। बाथ ऑयल का प्रयोग करना भी फायदेमंद हो सकता है।
  • अच्छे और रसायन मुक्त साबुन का प्रयोग : हमेशा ऐसे साबुन को प्रयोग में लाना चाहिए जो रसायन मुक्त हों। कई साबुन आपकी त्वचा को शुष्क कर देते हैं।
  • त्वचा में नमी न होने दें : स्नान करने के बाद त्वचा को नरम तौलिया से अच्छी तरह से सुखाएं। नमी रहने पर खुजली और डर्मेटाइटिस जैसी तमाम दिक्कतें हो सकती हैं।
  • त्वचा को अच्छे से मॉइस्चराइज करें : त्वचा को तेल, क्रीम या लोशन से मॉइस्चराइज करें। अध्ययनों से पता चला है कि शिशुओं की त्वचा को अच्छे से मॉइस्चराइज करके एटोपिक डर्मेटाइटिस के खतरे को 50 फीसदी तक कम किया जा सकता है।
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डर्मेटाइटिस का निदान - Diagnosis of Dermatitis in hindi

डर्मेटाइटिस के लक्षण दिखते ही आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बीमारी के बारे में जानने के लिए डॉक्टर कुछ शारीरिक परीक्षण करने के साथ आपसे मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं। डर्मेटाइटिस के निदान के लिए आपको किसी डर्मेटोलॉजिस्ट यानी त्वचा रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। आमतौर पर डर्मेटोलॉजिस्ट त्वचा को देखकर ही इस बात का पता लगा सकते हैं कि आपको किस प्रकार का डर्मेटाइटिस है?

यदि डॉक्टर को लगता है कि किसी चीज से एलर्जी के चलते आपको यह दिक्कत हो रही है तो वह स्किन पैच टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। इस परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपकी त्वचा पर थोड़ी मात्रा में कई तरह के पदार्थ रखते हैंं। कुछ दिनों बाद वह त्वचा द्वारा की गई प्रतिक्रियाओं की जांच करके यह निर्धारित करते हैं कि आपको किसी प्रकार की एलर्जी है या नहीं?

कई मामलों में बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर स्किन बायोप्सी भी कर सकते हैं। इसके लिए त्वचा के प्रभावित हिस्से से एक छोटा सा सैंपल लिया जाता है और उसे माइक्रोस्कोपिक परीक्षण के लिए भेजा जाता है। त्वचा के सैंपल से कई तरह के और परीक्षण करके डर्मेटाइटिस के सटीक कारणों का पता लगाया जाता है।

डर्मेटाइटिस का इलाज -Treatment of Dermatitis in hindi

डर्मेटाइटिस का इलाज उसके प्रकार, लक्षणों की गंभीरता और कारण पर निर्भर करता है। कई बार इसके लक्षण एक से तीन सप्ताह में स्वयं ही गायब हो जाते हैं। अगर त्वचा में कोई विशेष सुधार नहीं होता है तो डॉक्टर, इलाज की निम्न प्रकियाओं को प्रयोग में ला सकते हैं।

  • एलर्जी और खुजली को कम करने के लिए कुछ दवाएं दी जाती हैं।
  • फोटोथेरपी
  • खुजली और त्वचा की सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर आपको स्टेरॉयड युक्त क्रीम को प्रयोग में लाने की सलाह दे सकते हैं।
  • त्वचा की शुष्की को खत्म करने के लिए क्रीम या लोशन का प्रयोग किया जाता है।
  • खुजली को कम करने के लिए ओटमील बाथ भी प्रभावी माना जाता है।

अगर निदान के दौरान पता चलता है कि बीमारी किस संक्रमण के कारण हो रही है तो डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स या एंटिफंगल दवाएं दे सकते हैं। कई बार प्रभावित हिस्से को बहुत ज्यादा खुजलाने के कारण घाव हो जाता है, ऐसी स्थिति में भी सं​क्रमण होने का खतरा रहता है।

डर्मेटाइटिस के निदान के आधार पर डॉक्टर कुछ लोगों को आहार में बदलाव करने की भी सलाह दे सकते हैं। कई बार कुछ खाद्य पदार्थ भी एक्जिमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं, ऐसी स्थिति में उन खाद्य पदार्थों का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। कुछ मामलों में विटामिन डी और प्रोबायोटिक्स जैसे आहार पूरक भी मदद कर सकते हैं।

डर्मेटाइटिस के नुकसान - Complications of Dermatitis in hindi

कई ऐसी स्थितियां हैं तो डर्मेटाइटिस के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।

  • उम्र - वैसे तो डर्मेटाइटिस किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन एटोपिक डर्मेटाइटिस की समस्या मुख्य रूप से बच्चों में देखने को मिलती है।
  • एलर्जी और अस्थमा - जिन लोगों के परिवार में किसी को एक्जिमा की समस्या रही हो या जिन्हें एलर्जी, हे फीवर या अस्थमा की शिकायत हो उन लोगों में एटोपिक डर्मेटाइटिस होने का खतरा अधिक होता है।
  • व्यवसाय से संबंधित - जिन लोग का काम धातुओं, सॉल्वैंट्स या सफाई से जुड़ा हुआ होता है, उनमें भी डर्मेटाइटिस का खतरा रहता है। हेल्थ केयर वर्करों को हाथ में होने वाली एक्जिमा की समस्या अधिक होती है।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्या - जिन लोगों को हार्ट फेलियर, पार्किंसंस रोग और एचआईवी/ एड्स जैसी बीमारियां होती हैं, उन्हें भी डर्मेटाइटिस का खतरा रहता है।

डर्मेटाइटिस के नुकसान

डर्मेटाइटिस में चूंकि त्वचा पर बहुत अधिक खुजली होती है, ऐसे में लोग प्रभावित हिस्से को खुजाते रहते हैं। कई बार खुजली करने से उन हिस्सों में घाव बन जाते हैं, जो संक्रमण को बढ़ावा दे सकता है। इस तरह त्वचा संबंधी संक्रमण फैल सकता है। गंभीर स्थितियों में इस तरह का संक्रमण जानलेवा भी होता है।

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Dr Shishpal Singh

डर्माटोलॉजी
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Sarish Kaur Walia

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Dr. Rashmi Aderao

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Dr. Moin Ahmad Siddiqui

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4 वर्षों का अनुभव

डर्मेटाइटिस की दवा - OTC medicines for Dermatitis in Hindi

डर्मेटाइटिस के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

OTC Medicine NamePack SizePrice (Rs.)
Topinate AL Gelएक ट्यूब में 30 gm जेल102.6
Halox Creamएक ट्यूब में 20 gm क्रीम213.75
Halox Ointmentएक ट्यूब में 20 gm ऑइंटमेंट209.0
Halox S Ointmentएक ट्यूब में 20 gm ऑइंटमेंट256.5
Dosetil Lotionएक बोतल में 30 ml लोशन145.4
HH Salic Lotionएक बोतल में 10 ml लोशन158.4
Halovate Ointment 30gmएक ट्यूब में 30 gm ऑइंटमेंट237.5
Halovate Cream 30gmएक ट्यूब में 30 gm क्रीम269.49
Zole F Ointmentएक ट्यूब में 15 gm ऑइंटमेंट98.8
Zole F Lotionएक बोतल में 15 ml लोशन54.2
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