गर्भाशय पॉलीप्स (एंडोमेट्रियल पॉलीप्स) - Endometrial Polyps in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

December 06, 2019

March 06, 2020

गर्भाशय पॉलीप्स
गर्भाशय पॉलीप्स

गर्भाशय पॉलीप्स क्या है

गर्भाशय की आंतरिक दीवार से जुड़े ऊतकों के गर्भाशय गुहा में विकसित होने को गर्भाशय पॉलीप्स कहा जाता है। गर्भाशय के अस्तर (लाइनिंग) में कोशिकाओं में होने वाली अत्यधिक वृद्धि गर्भाशय पॉलीप्स का कारण बनती है। इसे एंडोमेट्रियल पॉलीप्स के रूप में भी जाना जाता है। ये पॉलीप्स आमतौर पर गैर-कैंसरकारी (कैंसर पैदा न करने वाले) होते हैं। हालांकि, कुछ कैंसरकारी हो सकते हैं या आगे चलकर कैंसर में बदल सकते हैं।
इन पॉलीप्स का आकार अलग-अलग होता है, कोई तिल के एक बीज के जितना छोटा होता है तो कोई गोल्फ की गेंद के आकार जितना बड़ा हो सकता है। किसी को केवल एक पॉलीप हो सकता है या किसी में एक साथ कई पॉलीप्स बन सकते हैं। अधिकांश गर्भाशय पॉलीप्स कैंसर में परिवर्तित नहीं होते हैं।

गर्भाशय पॉलीप्स के लक्षण

कई बार छोटे पॉलीप्स या केवल एक पॉलीप होने पर कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन इसका सबसे आम लक्षण ब्लीडिंग यानी रक्तस्त्राव है। निम्नलिखित लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं:

गर्भाशय पॉलीप्स के कारण 

डॉक्टरों को इस समस्या के सही कारण का पता नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि इसका संबंध हार्मोन के स्तर में बदलाव से हो सकता है। हर महीने, शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता व घटता है, गर्भाशय की लाइनिंग (अस्तर या परत) मोटी होती है और फिर मासिक धर्म के दौरान यह गिर जाती है। इस लाइनिंग के अत्यधिक बढ़ने पर पॉलीप्स बनने लगते हैं।  
कुछ चीजे पॉलीप्स की संभावना बढ़ा सकती हैं। यह समस्या 40 या 50 साल की उम्र में ज्यादा होती है। यह रजोनिवृत्ति (मासिक धर्म का स्थाई रूप से बंद हो जाना) से पहले और उसके दौरान होने वाले एस्ट्रोजन के स्तर में बदलाव के कारण हो सकती है।

गर्भाशय पॉलीप्स का इलाज

गर्भाशय पॉलीप्स की स्थिति में डॉक्टर निम्नलिखित सलाह दे सकते हैं:

  • अगर पॉलीप्स हैं पर कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहा है तो ये स्थिति अपने आप ठीक हो सकती है। गर्भाशय कैंसर का खतरा होने पर छोटे आकार के पॉलीप्स का इलाज करने की जरूरत होती है। 
  • कुछ हार्मोनल दवाइयां पॉलीप्स के लक्षणों को कम कर सकती हैं, लेकिन ऐसी दवाएं सिर्फ कम समय के लिए काम करती हैं। दवाएं बंद करने पर पॉलीप्स के लक्षण फिर से वापस आ जाते हैं।
  • गर्भाशय की स्थिति को जानने के लिए हिस्टेरोस्कोपी की मदद से पॉलीप्स को निकाला जाता है। निकाले गए पॉलीप्स को माइक्रोस्कोपिक परीक्षण (गहराई से जांच करने की प्रक्रिया) के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है।



गर्भाशय पॉलीप्स (एंडोमेट्रियल पॉलीप्स) के डॉक्टर

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