रात को पर्याप्त और अच्छी नींद लेना सेहत के लिए बहुत जरूरी होती है. जब कोई व्यक्ति पूरी नींद लेता है, तो वह हमेशा स्वस्थ और तरोताजा महसूस करता है. वहीं, नींद की कमी व्यक्ति में थकान, कमजोरी और आलस पैदा कर सकती है.

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ठीक इसी तरह अधिक सोने का असर भी शरीर पर पड़ सकता है. ज्यादा सोना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है. अधिक सोने से भी व्यक्ति अगले दिन सुस्त या थका हुआ महसूस कर सकता है. जब कोई अधिक सोता है, तो इस स्थिति को ओवरस्लीपिंग के रूप में जाना जाता है. ओवरस्लीपिंग की वजह से व्यक्ति को डायबिटीज व हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं.

आज इस लेख में आप ओवर स्लीपिंग के कारण व नुकसान के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. ओवर स्लीपिंग क्या है?
  2. ओवर स्लीपिंग से होने वाले नुकसान
  3. सारांश
ज्यादा सोने के नुकसान के डॉक्टर

वैसे तो प्रत्येक व्यक्ति की नींद की जरूरत अलग-अलग होती है. व्यक्ति के काम, जीवनशैली, और गतिविधि के आधार पर नींद के घंटों को तय किया जाना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति तनाव व नींद की बीमारी से परेशान है, तो उसे अधिक नींद आ सकती है. वहीं, अगर हेल्दी स्लीपिंग की बात की जाए, तो प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए. आप चाहें तो कभी-कभी 9 घंटे भी सो सकते हैं, लेकिन इससे अधिक नींद लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे ज्यादा सोने को ओवर स्लीपिंग कहा जाता है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं है.

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ज्यादा सोने पर शरीर की प्राकृतिक लय प्रभावित हो सकती है. इसकी वजह से तनाव, डिप्रेशन और मोटापे जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ज्यादा सोने पर शरीर को निम्न नुकसान हो सकते हैं -

डायबिटीज

ज्यादा सोना डायबिटीज का एक मुख्य कारण हो सकता है. जब कोई व्यक्ति नियमित रूप से बहुत अधिक समय तक सोता है, तो उसका ब्लड शुगर लेवल हाई हो सकता है. अध्ययनों से पता चला है कि रात में कम नींद या अधिक नींद लेना डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकता है. इसलिए, अगर आप डायबिटीज से बचना चाहते हैं, तो बहुत अधिक नींद लेने से भी बचें. वहीं, अगर किसी को पहले से ही डायबिटीज है, तो भी सिर्फ पर्याप्त नींद लेना ही काफी होता है.

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मोटापा

कम सोना या अधिक सोना दोनों ही स्थितियां मोटापे का कारण सकती हैं. एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग हर रात 9 या 10 घंटे सोते हैं, उनका 7 से 8 घंटे सोने वाले लोगों की तुलना में वजन अधिक होता है. नींद और वजन एक-दूसरे से पूरी तरह से संबंधित होते हैं. जब व्यक्ति ज्यादा सोता है, तो उसका वजन तेजी से बढ़ सकता है.

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सिरदर्द

जिस तरह कम नींद लेना सिरदर्द का कारण बन सकता है, उसी तरह अधिक नींद लेने से भी सिर में दर्द हो सकता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि ज्यादा सोने पर मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर प्रभावित होते हैं, इससे सिरदर्द हो सकता है. खासकर कई लोग छुट्टी वाले दिन सामान्य से अधिक समय तक सोते हैं, इससे उन्हें सिर में दर्द हो सकता है. अगर कोई छुट्टी पर दिन के समय सोता है, तो उसे रात में नींद नहीं आ पाती है. ऐसे में सिरदर्द का अनुभव हो सकता है.

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पीठ में दर्द

अक्सर कहा जाता है पीठ में दर्द होने पर आराम करना फायदेमंद होता है. वहीं, अगर व्यक्ति आराम करता है, तो वह पीठ के दर्द से बच सकता है. वहीं, अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक बिस्तर पर लेटा रहता है, अधिक समय तक सोता रहता है या फिर फिजिकली एक्टिव नहीं है, तो उसे गंभीर पीठ दर्द की शिकायत हो सकती है.

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हृदय रोग

ज्यादा सोना हृदय रोग का कारण भी बन सकता है. कई अध्ययनों में साबित हुआ है कि ज्यादा सोने वाले लोगों को हृदय रोगों का जोखिम अधिक होता है. एक अध्ययन में पता चला है कि जो महिलाएं रोजाना 9 से 11 घंटे की नींद लेती हैं, उनमें 7 से 8 घंटे की नींद लेने वाली महिलाओं की तुलना में हार्ट डिजीज होने की आशंका 38 फीसदी अधिक होती है. यहां हम स्पष्ट कर दें कि शोधकर्ता अभी तक अधिक नींद और हृदय रोग के बीच संबंध के कारणों के बारे में पता नहीं लगा पाए हैं.

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डिप्रेशन

नींद की कमी हो या फिर ज्यादा नींद, दोनों ही मामलों में व्यक्ति को तनाव, चिंता और डिप्रेशन का सामना करना पड़ सकता है. एक अध्ययन में पता चला है कि डिप्रेशन से परेशान लगभग 15 प्रतिशत लोग बहुत अधिक सोते हैं. वहीं, अगर कोई व्यक्ति पहले से ही डिप्रेशन में है और वह ज्यादा सोता है, तो इस स्थिति में उसके डिप्रेशन के लक्षण ट्रिगर हो सकते हैं. इसलिए, तनाव को कम करने के लिए सिर्फ पर्याप्त नींद लेना ही जरूरी होता है. 

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स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी होता है. पर्याप्त नींद न लेने से व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां का सामना करना पड़ सकता है. इसके विपरीत अगर कोई व्यक्ति बहुत अधिक सोता है, तो उसे भी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं. अधिक सोने की वजह से व्यक्ति को डायबिटीज, मोटापा और हृदय रोग जन्म ले सकते हैं. इसलिए, अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो सिर्फ जितना जरूरी हो उतनी ही नींद लें. आप 7 से 8 घंटे की नींद ले सकते हैं. इससे अधिक नींद लेने से बचें.

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