आईजीए नेफ्रोपैथी क्या है?

आईजीए नेफ्रोपैथी को बरगर्ज रोग के रूप में भी जाना जाता है। यह एक किडनी रोग है, जो तब होता है जब किसी व्यक्ति के शरीर में इम्युनोग्लोबुलिन ए (आईजीए) नामक एक एंटीबॉडी जमने लगता है। इससे प्रभावित हिस्से में सूजन होने लगती है, जो समय के साथ किडनी के खून से अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
आमतौर पर आईजीए नेफ्रोपैथी कई सालों में धीरे-धीरे बढ़ता है व इसके लक्षण हर व्यक्ति में भिन्न होते हैं। इस बीमारी से ग्रसित कुछ लोगों को बिना किसी परेशानी के पेशाब में खून आ सकता है, तो कुछ लोगों में किसी भी तरह के लक्षण नहीं पाए जाते हैं। वहीं कुछ गंभीर मामलों में किडनी फेल हो सकती है। 
आईजीए नेफ्रोपैथी के लिए कोई इलाज मौजूद नहीं है, लेकिन कुछ दवाइयां इसके लक्षणों को नियंत्रित कर सकती हैं। ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रण में रखने से इस बीमारी के बढ़ने की गति को धीमा किया जा सकता है।

आईजीए नेफ्रोपैथी के लक्षण

आमतौर पर आईजीए नेफ्रोपैथी के शुरुआती चरणों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, यही कारण है कि इस बीमारी की ओर वर्षों या दशकों तक लोगों का ध्यान नहीं जाता है। कई मामलों में नियमित जांच (रूटीन टेस्ट) से इस बात का पता चलता है कि पेशाब के जरिए प्रोटीनलाल रक्त कोशिकाएं निकल रही हैं, लेकिन इन्हें माइक्रोस्कोप (माइक्रोस्कोपिक हेमट्यूरिया) के बिना नहीं देखा जा सकता है। आईजीए नेफ्रोपैथी के संकेतों व लक्षणों में शामिल हैं:

  • कोला या चाय के रंग की तरह पेशाब आना (ऐसा पेशाब में लाल रक्त कोशिकाओं के कारण होता है)
  • बार-बार कोला या चाय के रंग की तरह पेशाब आना और कभी-कभी पेशाब में खून साफ़ दिखाई देना
  • झागदार पेशाब होना (पेशाब के जरिए प्रोटीन निकलने की वजह से)
  • पसलियों के पीछे एक या दोनों तरफ दर्द होना
  • हाथों व पैरों में सूजन (एडिमा)
  • हाई बीपी

आईजीए नेफ्रोपैथी का कारण

शोधकर्ताओं को इस बीमारी के सटीक कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन निम्नलिखित कारण इससे जुड़े हो सकते हैं:

  • जीन: कुछ परिवारों व जातीय समूहों में आईजीए नेफ्रोपैथी होना काफी सामान्य बात है।
  • लिवर रोग: इसमें हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के अलावा लिवर सिरोसिस शामिल है, जिसमें लिवर धीरे-धीरे खराब होने लगता है और लंबे समय तक नुकसान पहुंचने के कारण सामान्य रूप से कार्य करना बंद कर देता है। 
  • सीलिएक रोग: ग्लूटेन युक्त चीजें खाना (अधिकांश अनाज में पाया जाने वाला एक प्रोटीन, जो इस पाचन स्थिति को ट्रिगर करता है।
  • संक्रमण: इनमें एचआईवी और कुछ जीवाणु संक्रमण शामिल हैं।

आईजीए नेफ्रोपैथी का इलाज

निम्न विकल्पों में से किसी एक या उससे ज्यादा तरीकों से इस स्थिति का इलाज किया जा सकता है:

  • ब्लड प्रेशर की दवाइयां, जिन्हें एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (ARBs) या एंजियोटेंसिन-कंवर्टिंग एंजाइम (ACE) अवरोधक के रूप में जाना जाता है, ये ब्लड प्रेशर को कम करने के साथ-साथ पेशाब में प्रोटीन के स्तर को कम कर सकती हैं।
  • इम्यूनिटी को कम करने वाली दवाई जैसे कि स्टेरॉयड का सेवन करना
  • ओमेगा -3 फैटी एसिड सप्लीमेंट
  • कोलेस्ट्रॉल की दवाइयां, जिन्हें स्टैटिन के रूप में भी जाना जाता है। 
  • पेशाब को बढ़ाने वाले मूत्रवर्धक, जो खून से अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने में मदद करते हैं।

Dr. Narayanan N K

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