डिलेड प्यूबर्टी क्या है 

प्यूबर्टी यानी यौवन, उम्र के इस चरण में शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। लड़कियों के लिए प्यूबर्टी की सामान्य अवस्था 9 से 15 साल और लड़कों के लिए 9 से 14 साल होती है। कई बार कुछ बच्चों की प्यूबर्टी देर से आती है, इस अवस्था को यौवन अवस्था आने में देरी (डिलेड प्यूबर्टी) कहा जाता है। लड़कियों में, यौवन का पहला संकेत स्तनों का विकास होना है जबकि लड़कों में पहला संकेत वृषण (टेस्टिक्युलर) का बढ़ना है। इसमें वृषण का आकार 4 मि.ली या उससे अधिक या 2.5 सेमी की लंबाई तक बढ़ जाता है।

डिलेड प्यूबर्टी कैसे पहचानें

  • यदि लड़का 14 साल की उम्र में है और अभी तक वृषण विकास नहीं हुआ है
  • यदि लड़कियों में 13 साल की उम्र तक स्तनों का विकास शुरू नहीं हुआ है, या उनके स्तनों का विकास तो हो रहा है लेकिन 15 साल की उम्र तक मासिक धर्म शुरू नहीं हुआ है

डिलेड प्यूबर्टी के लक्षण (लड़कियों में)

  • 12 वर्ष की उम्र तक स्तनों का विकास न होना 
  • स्तनों का विकास शुरू होने और पहले मासिक धर्म के बीच पांच साल से अधिक समय का अंतराल होना
  • 15 साल की उम्र तक पीरियड्स ना आना

डिलेड प्यूबर्टी के लक्षण (लड़कों में)

  • 14 साल की उम्र तक वृषण का ना बढ़ना
  • 15 साल की उम्र तक निजी अंगों के आसपास बाल ना आना 

डिलेड प्यूबर्टी के कारण

हर बार ये कह पाना मुश्किल है कि डिलेड प्यूबर्टी क्यों हुई है। इसके पीछे कोई अनुवांशिक कारण हो सकता है। आमतौर पर यह समस्या लड़कों में अधिक होती है। कभी-कभी ये निम्नलिखित कारणों से हो सकती है:

  • लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रस्त होना जैसे कि सिस्टिक फाइब्रोसिस, डायबिटीज या किडनी रोग
  • अनुवांशिक स्थितियां 
  • पोषण की कमी
  • अंडाशय, वृषण, थायराइड ग्रंथि या पिट्यूटरी ग्रंथि में समस्या
  • यौन विकास से संबंधित विकार
    डायबिटीज का इलाज:निरंतर जाँच करे,myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट का उपयोग करे,स्वस्थ आहार ले, नियमित व्यायाम करे और  स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और सही दिशा में बढ़ें।

डिलेड प्यूबर्टी के लिए टेस्ट 

बच्चे का डॉक्टर डिलेड प्यूबर्टी के निदान के लिए फैमिली हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते है। इसमें अक्सर यह जानने की कोशिश की जाती है कि यह समस्या परिवार में किसी सदस्य को थी या नहीं। फैमिली हिस्ट्री के अलावा डॉक्टर प्रभावित बच्चे से उसकी व्यक्तिगत आदतों के बारे में पूछ सकते हैं जैसे: 

  • खाने की आदत व समय
  • व्यायाम की आदत
  • स्वास्थ्य के बारे में (जैसे कभी कोई समस्या रही हो)

डिलेड प्यूबर्टी का इलाज

अगर डिलेड प्यूबर्टी किसी अन्य बीमारी या विकार के कारण हो रही है तो आपको इसका पता लगाने के लिए तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। हार्मोन लेवल की जांच के लिए ब्लड टेस्ट, हैंड एक्स-रे (हाथ का एक्स-रे) जिससे किशोर की संभावित लम्बाई का पता लगाने में मदद मिल सके, ग्रंथियों या अंगों में किसी समस्या का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड या एमआरआई स्कैन करवाया जाता है। डिलेड प्यूबर्टी का इलाज निम्न तरीकों से किया जा सकता है:

  • जिस बीमारी या विकार की वजह से डिलेयड प्यूबर्टी हो रही है उसका इलाज करना
  • हार्मोन के स्तर को बढ़ाने और प्यूबर्टी शुरू करने के लिए कुछ महीनों तक दवाइयां लेना
  • यदि विकास ना होने के कारण कोई दिक्कत हो रही है जैसे कि चिंता, दर्द आदि तो इस स्थिति में दवा के साथ उपचार लेने की सलाह दी जाती है

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डिलेड प्यूबर्टी (यौवन अवस्था में देरी) की दवा - OTC medicines for Delayed Puberty in Hindi

डिलेड प्यूबर्टी (यौवन अवस्था में देरी) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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