स्लिप डिस्क योग पीछे की ओर झुकने वाले आसन, प्राणायाम और योगी विश्राम पोज़ पर आधारित है। स्लिप डिस्क ज़्यादातर ख़राब जीवन शैली और ख़राब तरीके से बैठने उठने से संबंधित होती है। मानव शरीर में 33 कशेरुकाएं (vertebrae) हैं जिनमे कि 5 सेक्रम (sacrum) के रूप में जुडी हुई है और 4 टेलबोन (tailbone) के रूप में। डिस्क 2 कशेरुकाओं के बीच एक रेशेदार पदार्थ है। इसकी बाहरी परत कठोर होती है और भीतरी परत जेली प्रकार की होती है। रीढ़ की हड्डी में मौजूद स्लिप डिस्क अपनी सामान्य स्थिति से खिसक जाती है जिस कारण ये सारा दबाव रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है और दर्द होना शुरू हो जाता है। (और पढ़ें - स्लिप डिस्क के लक्षण, कारण, उपचार और दवा

  1. योग स्लिप डिस्क में कैसे करता है मदद - How does Yoga help with slipped disc in Hindi
  2. योग करते समय स्लिप डिस्क के रोगियों के लिए सावधानियां - Precautions for Slipped Disc patients when doing Yoga
  3. स्लिप डिस्क के लिए योगासन - Yogasanas for slipped disc patients in Hindi

स्लिप डिस्क के लिए योग आपकी रीढ़ की हड्डी की मांसपेशियों और स्नायुबंधन (ligaments) को मजबूत करने में मदद करता है। योग को अन्य आसन के साथ अभ्यास करें जो आपकी रीढ़ की हड्डी को समय समय पर आराम दे सके। इन योग का निरंतर प्रयास करने से आपकी रीढ़ की हड्डी में धीरे धीरे सुधार होने लगेगा और दर्द की परेशानी भी कम होती नज़र आएगी।

ज्यादातर मामलों में ऐसी स्थिति तब बनती है जब आप ज़्यादा समय तक ख़राब तरीकों से बैठते उठते हैं। योग आसान के ज़रिये हमारा बैठने उठने का तरीका सुधरता है और रीढ़ की हड्डी पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं पड़ता।

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स्लिप डिस्क रोगियों को योग करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए –

  1. पीठ के दर्द में कभी सीधे घुटनों के साथ 90 डिग्री आगे न झुकें।
  2. आगे झुकाव वाली सभी सीटों से बचें।
  3. अपनी पीठ को योग के दौरान ज़्यादा न घुमाएं।
  4. यदि किसी कारण से कोई दर्द, झुनझुनी या सुन्नता होती है तो तुरंत योग को बंद कर दें।

स्लिप डिस्क के दौरान एक अनुभवी शिक्षक द्वारा योग को करने की कोशिश करें। यह ज़रूरी नहीं है कि एक इंसान के लिए वो योग पोज़ सही है तो आपके शरीर के लिए भी अच्छा ही होगा। इसलिए एक अनुभवी शिक्षक द्वारा हर योग को सावधानी पूर्वक करें। इन सावधानियों को ध्यान में रखते हुए अगर आप सभी योग को करते हैं तो ये आपकी स्लिप डिस्क के लिए बेहद लाभकारी साबित होंगे।

स्लिप डिस्क के लिए योगासन का पहला चरण - Yogasanas for slipped disc patients in Hindi

स्लिप डिस्क रोगियों को एक अनुभवी शिक्षक के मार्गदर्शन में योगासन को करना चाहिए। यहाँ कुछ आसन हैं जो स्लिप डिस्क रोगियों के लिए उपयोगी हैं। आप पहले चरण से शुरू करते हुए धीरे धीरे तीसरे चरण तक जा सकते हैं। अगर आप पहले चरण से दूसरे चरण तक जाने के लिए सक्षम नहीं हैं तो उसे बिल्कुल न करें।

स्लिप डिस्क से जुड़े योग चरण कुछ इस प्रकार हैं

स्लिप डिस्क के लिए योगासन का पहला चरण

1.1 मकरासन -

सबसे पहले पेट के बल लेट जाएँ। अब कोहनी को ज़मीन पर टिकाये और हथेली को ठोड़ी से लगा लें और आँखों को बंद कर लें। पंजों को ज़मीन पर सटाकर रखें और सामान्य रूप से सांस लें। इस आसन को 2 से 5 मिनट तक करें। (और पढ़ें - मकरासन करने का तरीका और फायदे)

1.2 ज्येष्टिकासन

सबसे पहले पेट के बल लेट जाएँ। अब गर्दन को थोड़ा सा उठायें और ज़मीन की तरफ देखें। गर्दन को आराम देने के लिए आप माथे को अपने तौलिये या किसी कंबल पर टिका सकते हैं। अपने दोनों हाथों को कानों के पीछे रख लें और सामान्य रूप से सांस लें। इस आसन को 2 से 5 मिनट तक करें।

1.3 अदरवासना

सबसे पहले पेट के बल लेट जाएँ। अब दोनों हाथों को सामने की तरफ पूरा सीधा रखें और सिर को भी ज़मीन की ओर टिकाकर रखें। पेरो को सीधा रखें और सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। इस आसन को 2 से 5 मिनट तक करें।

1.4 शवासन

सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएँ। अब दोनों हाथों को साइड में रख लें। ध्यान रहे आपके हाथों की हथेलिया ऊपर की और होनी चाहिए। पैरों को एकदम आरामदायक स्थिति में छोड़ दें। अब गहरी सांस लें और छोड़ें। इस आसन को आप 5 से 30 मिनट तक कर सकते हैं। (और पढ़ें - शवासन करने का तरीका और फायदे)

स्लिप डिस्क के लिए योगासन का दूसरा चरण - Yogasanas for slipped disc patients in Hindi

स्लिप डिस्क के लिए योगासन का दूसरा चरण

2.1 भुजंगासन –

सबसे पहले पेट के बल लेट जाएँ। दोनों हाथो को अपनी साइड रखें। अब अपने हाथों पर वज़न डालकर धीरे धीरे छाती को ऊपर उठायें। पीठ को धीरे धीरे थोड़ा सा पीछे की ओर मोड़ें और गर्दन आपकी एकदम सामने सीधी रहनी चाहिए। सामान्य तरीके से सांस लें। इस आसन को आप अपनी क्षमता के अनुसार करें। (और पढ़ें - भुजंगासन करने का तरीका और फायदे)

2.2 अर्ध-शलभासन -

सबसे पहले पेट के बल लेट जाएँ। दोनों हाथो को अपनी साइड में रखें। अपने सिर को ज़मीन से टिकाएं और दाई पैर को ऊपर की तरफ धीरे धीरे उठायें। अब दाईं पैर को नीचे लेकर आये फिर बाईं पैर को ऊपर की तरफ लेकर जाएँ। यही प्रक्रिया 4-5 बार करें फिर अपनी क्षमता के अनुसार बढ़ा भी सकते हैं। (और पढ़ें - शलभासन करने की विधि और फायदे)

2.3 चक्रासन –

सबसे पहले पीट के बल लेट जाएँ। और अपने हाथों को साइड में रख लें। अब अपने दोनों पेरो को कूल्हों के पास लेकर आएं। अब हाथो को मोड़ते हुए कान के पास लेकर आएं और सारा वज़न हाथ पर डालते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठायें। ध्यान रहे आप पीठ को जितना मोड़ सकते हैं उतना ही मोड़ें। अपनी क्षमता के अनुसार इस आसन को करें। (और पढ़ें - चक्रासन करने का तरीका और फायदे)

2.4 मार्जरी आसन –

सबसे पहले घुटनो को मोड़ते हुए बैठ जाएँ। अब दोनों हाथों को ज़मीन पर टिका दें। फिर गर्दन को नीचे की तरफ झुकाएं और पीठ को ऊपर की तरफ रखें। इसके बाद गर्दन को ऊपर की तरफ लाएं और पीठ को ज़मीन की तरफ झुका दें। यही प्रक्रिया 3-4 बार अपनी क्षमता के अनुसार करें। (और पढ़ें - मार्जरी आसन करने का तरीका और फायदे)

स्लिप डिस्क के लिए योगासन का तीसरा चरण - Yogasanas for slipped disc patients in Hindi

स्लिप डिस्क के लिए योगासन का तीसरा चरण​

3.1 शलभासन -

सबसे पहले पेट के बल लेट जाएँ। दोनों हाथो को अपनी साइड में रखें। अपने सिर को ज़मीन से टिकाएं और दोनों पैरों को धीरे धीरे अपनी क्षमता के अनुसार ऊपर उठायें। उठाने के बाद कुछ देर इसी स्थिति में रहें और सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। इस आसन को अपनी क्षमता के अनुसार करें।

3.2 धनुरासन –

सबसे पहले पेट के बल लेट जाएँ और दोनों हाथों को अपनी साइड में रखें। अब दोनों पैरों को उठायें और दोनों हाथों से पेरो के अंगूठों को पकड़ने की कोशिश करें। फिर छाती को भी अपनी क्षमता के अनुसार ऊपर उठायें। आप इस आसन को 2 से 5 मिनट तक या अपनी क्षमता के अनुसार कर सकते हैं। (और पढ़ें - धनुरासन (बो पोज़) करने की विधि और फायदे)

3.3 उष्ट्रासन –

सबसे पहले अपने घुटनों को मोड़ते हुए बैठ जाएँ। अब थोड़ा उठे और धीरे धीरे पीछे की और मुड़ते हुए अपने दोनों हाथों से पैरों की एड़ी को छूने की कोशिश करें। इस आसन को आप 30 सेकेंड्स से 3 मिनट तक कर सकते हैं। (और पढ़ें - उष्ट्रासन करने की विधि और फायदे)

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