उष्ट्रासन को अपना नाम "उष्ट्र" शब्द से मिला है, जिसका संस्कृत में अर्थ होता है ऊँट। उष्ट्रासन आपकी रीढ़ की हड्डी की सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है।

इस लेख में उष्ट्रासन के आसन को करने के तरीके और उससे होने वाले लाभों ंके बारे में बताया गया है। साथ में यह भी बताया गया है कि आसन करने के दौरान क्या सावधानी बरतें। लेख के अंत में एक वीडियो भी शेयर किया गया है।

(और पढ़ें - रीढ़ की हड्डी के लिए योगासन)

  1. उष्ट्रासन के फायदे - Ustrasana (Camel Pose) ke fayde in Hindi
  2. उष्ट्रासन करने से पहले यह आसन करें - Ustrasana (Camel Pose) se pahle ye aasan kare in Hindi
  3. उष्ट्रासन करने का तरीका - Ustrasana (Camel Pose) karne ka tarika in Hindi
  4. उष्ट्रासन का आसान रूपांतर - Ustrasana (Camel Pose) ke easy Modification in Hindi
  5. उष्ट्रासन करने में क्या सावधानी बरती जाए - Ustrasana (Camel Pose) me kya savdhani barte in Hindi
  6. उष्ट्रासन करने के बाद आसन - Ustrasana (Camel Pose) ke baad ye aasan kare in Hindi
  7. उष्ट्रासन का वीडियो - Ustrasana (Camel Pose) Video in Hindi

उष्ट्रासन करने के फायदे इस प्रकार हैं:

  1. उष्ट्रासन पाचन और प्रजनन प्रणाली के लिए फायदेमंद है। (और पढ़ें - पाचन क्रिया बढ़ाने के घरेलू उपाय)
  2. यह पेट और आंतों को फैलाता है, जिस से कब्ज कम होती है।
  3. पीछे मुड़ने की क्रिया से रीढ़ की हड्डी उत्तेजित होती है जिस से पीठ दर्द से मुक्ति मिलती है।
  4. कमर और कंधों में खराब पोस्चर से आई गोलाई को ख़तम करता है उष्ट्रासन।
  5. उष्ट्रासन हिप फ्लेक्सर्स में खिचाव लाता है।
  6. उष्ट्रासन गर्दन के क्षेत्र के अंगों को पूरी तरह से खिचाव मिलता है, जिस से थाइराइड ग्रंथि को विनियमित होती है।

(और पढ़ें - मेडिटेशन के लाभ)

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उष्ट्रासन करने से पहले आप यह आसन करें। इन्हे करने से आपकी रीढ़ की हड्डी उष्ट्रासन करने के लिए तैयार हो जाएगी।

  1. भुजंगासन (Bhujangasana or Cobra Pose)
  2. धनुरासन (Dhanurasana or Bow Pose)
  3. शलभासन (Salabhasana or Locust Pose)
  4. सेतुबंधासन (Setu Bandhasana or Bridge Pose)
  5. ऊर्ध्व मुख श्वानासन (Urdhva Mukha Svanasana or Upward Facing Dog Pose)

उष्ट्रासन करने का तरीका है यह:

  1. वज्रासन में बैठ जायें
  2. बाज़ुओं को धड़ के साथ रख कर घुटनों पर खड़े हो जायें। घुटनों को एक साथ जोड़ कर रखें और पैरों को भी।
  3. लेकिन अगर यह मुश्किल लगे तो अलग भी रख सकते हैं।
  4. अब पीछे की तरफ झुकें, और दायें हाथ से दाईं एड़ी को पकड़ने की कोशिश करें और बाएं हाथ के साथ बाएं एड़ी को।
  5. उदार को आगे बढ़ाएं, जांघों को सीधा रखने की कोशिश करें, और जितना संभव हो सिर और मेरुदण्ड को पीछे झुकाएँ।
  6. जब खिचाव महसूस हो तब पूरे शरीर, विशेष रूप से पीठ की मांसपेशियों, को शिथिल रखने की कोशिश करें।
  7. शरीर का वजन समान रूप से पैरों और भुजाओं पर होना चाहिए।
  8. पीठ का धनुष जैसा आकार बनाए रखने के लिए भुजाओं को कंधों का सहारा दें।
  9. जितनी देर तक आरामदायक लगे, उतनी देर अंतिम स्थिति में रहें।
  10. धीमी गति से हाथों को एक-एक करके एड़ियों से हटायें और शुरू की स्थिति पर लौटें।
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अगर आप उष्ट्रासन सही तरह से नहीं कर पा रहे हों तो इसको आसान बनाने के लिए यह तरीके अपना सकते हैं:

  1. अगर आपके हाथ पैरों के तलवों तक ना पहुँचें तो पैरों को उंगलियों के बल टिका लें। इस से आपकी एड़ियां उपर को उठ जाए। अब आप एड़ियों को पकड़ने के कोशिश करें।
  2. अगर आप अपनी एड़ियां भी ना पकड़ सकें तो अपने पैरों के करीब थोड़े उँचे योगा ब्लॉक रख लें और उन्हे पकड़ें।

उष्ट्रासन करते समय यह सावधानियाँ अवश्य बरतें:

  1. अगर आपकी पीठ के निचले हिस्से में दर्द या चोट हो तो उष्ट्रासन ना करें।
  2. बढ़े हुए थायरॉयड से पीड़ित लोगों को भी ध्यान रखना चाहिए।

उष्ट्रासन करने के बाद आप यह आसन करें:

  1. दंडासन (Dandasana or Staff Pose)
  2. ऊर्ध्व धनुरासन या चक्रासन (Urdhva Dhanurasana or Chakrasana or Wheel Pose)
  3. सर्वांगासन (Sarvangasana or Shoulderstand)
  4. शीर्षासन (Sirsasana or Headstand)
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