रीढ़ की हड्डी में कुल 33 वर्टिब्रे होती हैं, जिन्हें छोटी-छोटी गद्देदार डिस्क सहारा देती हैं. ये डिस्क रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाए रखती हैं और इसे साथ ही झटकों से बचाने में मदद करती हैं. लेकिन किसी चोट या फिर झटके की वजह से जब डिस्क का भीतरी हिस्सा आउटर रिंग से बाहर निकल जाता है तो मेडिकल भाषा में इस स्थिति को स्लिप डिस्क कहा जाता है. स्लिप डिस्क के कारण पीठ में दर्द, गर्दन में दर्द, हाथ या फिर पैर तक दर्द का फैलना, झुनझुनी और सुन्नपन जैसी समस्याएं होती हैं.

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आमतौर पर स्लिप डिस्क के मरीजों को सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती. हालांकि डॉक्टर दर्द की समस्या से निजात पाने के लिए फिजियोथेरेपी की सलाह दे सकते हैं. लेकिन कुछ एक्सरसाइज हैं, जिन्हें घर पर करने से भी आपको स्लिप डिस्क के कारण होने वाले दर्द से छुटकारा मिल सकता है. इस लेख में आज हम स्लिप डिस्क की समस्या से निजात पाने वाली एक्सरसाइज के बारे में बताएंगे.

  1. स्लिप्ड डिस्क में मदद करने वाली एक्सरसाइज
  2. स्लिप्ड डिस्क में किस एक्सरसाइज से करें परहेज
  3. सारांश
स्लिप डिस्क में कौन सी एक्सरसाइज करें, कौन सी नहीं के डॉक्टर

स्लिप्ड डिस्क से ठीक होने में कुछ लोगों को हफ्ते लग सकते हैं तो कुछ को दर्द के दूर होने में महीने तक लग जाते हैं. इस स्थिति में फिजिकल एक्टिविटी से मदद मिलती है. आइए विस्तार से जानते हैं कि स्लिप्ड डिस्क की स्थिति में किस तरह के एक्सरसाइज मददगार साबित हो सकते हैं.

नेक स्ट्रेच

स्लिप डिस्क की समस्या में गर्दन के आसपास भी दर्द हो सकता है. ऐसे में इस एक्सरासाइज के जरिए गर्दन में दर्द की समस्या से राहत मिल सकती है.

  • इस एक्सरसाइज को करने के लिए सबसे पहले एक कुर्सी पर सीधे बैठ जाएं. फिर अपनी ठोड़ी को छाती से मिला लें. फिर धीरे-धीरे गर्दन को पीछे की तरफ वापस लेकर जाएं.
  • इसके बाद दाएं कान को दाएं कंधे तक लेकर जाएं फिर बाएं कान को बाएं कंधे की ओर लेकर जाएं.
  • इस प्रक्रिया को 8-10 बार दोहराएं.

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सीटेड चेयर स्ट्रेच

जिन लोगों को रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में स्लिप डिस्क हुआ है, यह एक्सरसाइज करने से उन्हें दर्द में राहत मिल सकती है.

  • कुर्सी पर बैठ जाएं और एक पैर को फर्श पर रखें. दूसरे पैर को एड़ी के जरिए सीधा फैला लें.
  • पीठ को सीधा करें और फैले हुए पैर पर आगे की ओर तब तक झुकें जब तक कि आपको ऊपरी जांघ के पिछले हिस्से में खिंचाव महसूस ना हो.
  • इस स्थिति में 15-30 सेकंड के लिए रहें.
  • इसके बाद दूसरे पैर के जरिए भी यही प्रक्रिया दोहराएं.

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टॉवल के जरिए हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच

  • मैट पर सीधा लेट जाएं और एक पैर हवा में उठा लें.
  • फिर हवा में मौजूद पैर पर तौलिया लपेटें.
  • फिर तौलिये को पकड़कर पैर को शरीर की ओर खींचे.
  • 15-30 सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहे.
  • फिर दूसरे पैर से भी इस प्रक्रिया को दोहराएं.

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बैक फ्लेक्सन स्ट्रेच

बैक फ्लेक्सन एक्सरसाइज से रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव आता है. अगर आपकी पीठ में कोई चोट लगी है तो इस एक्सरसाइज को करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह ले लें.

  • पीठ के बल लेट जाएं और दोनों घुटनों को छाती की तरफ पकड़ लें.
  • इस दौरान अपने सिर तो तब तक आगे की ओर बढ़ाएं, जब तक पीठ के निचले हिस्से में खिंचाव ना आ जाए.
  • इस प्रक्रिया को 10 बार दोहराएं.

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इस व्यायाम के अलावा और भी कई एक्सराइज हैं, जिनके जरिए स्लिप डिस्क की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. हालांकि कोई भी एक्सरसाइज करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें.

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अन्य एक्सरसाइज

  • स्टैन्डिंग एक्स्टेन्शन - Standing Extension : इस स्ट्रेच को करने से डिस्क को न्यूट्रल पोजीशन में पुश करने में मदद मिलती है. 
  • सीटेड चेयर स्ट्रेच - Seated chair stretch : यह एक्सरसाइज हैमस्ट्रिंग मसल्स को स्ट्रेच करके पीठ को सपोर्ट करती है. इस तरह से लोअर स्पाइन पर पड़ने वाले दबाव को कम होने में मदद मिलती है. 
  • नीलिंग डीप लंजेज - Kneeling deep lunges : इसे करने से ही हिप फ्लेक्सर और हैमस्ट्रिंग्स को स्ट्रेच होने में मदद मिलती है. इससे गर्दन या लोअर बैक में होने वाले दर्द से आराम मिलता है. 
  • नेक स्ट्रेच - Neck stretch : यदि हर्नियेटेड डिस्क स्पाइन के सर्वाइकल एरिया में है, तो गर्दन की मांसपेशियों को स्ट्रेच करके प्रेशर और दर्द में आराम मिलता है. 
  • हाफ कोबरा पोज - Half cobra pose : इस स्ट्रेच से डिस्क मटीरियल को इंटर्वर्टेब्रल डिस्क के बीच में पुश करने में मदद मिलती है. इससे हीलिंग में तेजी आती है. 
  • फुल कोबरा पोज - Full cobra pose : इससे भी हाफ कॉबर पोज वाले फायदे मिलते हैं और दर्द कम होता है. 
  • कैट काउ - Cat cow : स्लिप्ड डिस्क के लिए यह एक पॉपुलर एक्सरसाइज है. यह इंटर्वर्टेब्रल डिस्क स्पेस को खोलकर हर्नियेटेड डिस्क पर पड़े प्रेशर को कम करने में सहायक है. यह स्पाइन की मोबिलिटी में भी सुधार लाता है, जिससे रिकवरी में मदद मिलती है. 
  • बर्ड डॉग - Bird dog : इस एक्सरसाइज को करने से पीठ के निचले हिस्से और डीप स्पाइन मसल्स को मजबूत करने के साथ ही स्टेबिलाइज करने में मदद मिलती है. 
  • प्लैंक - Plank : बर्ड डॉग एक्सरसाइज की तरह यह एक्सरसाइज डीप स्पाइनल मांसपेशियों और बट मसल्स को सीधा करके इन्हें सही पोजीशन में लाने में सहायक है.

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स्लिप्ड डिस्क की स्थिति में कुछ खास पोस्चर, एक्टिविटी और एक्सरसाइज से परहेज करना चाहिए. स्पाइन फ्लेक्शन, हेवी वेट लिफ्टिंग और साइकिलिंग जैसे एक्सरसाइज स्लिप्ड डिस्क को निगेटिव तौर पर प्रभावित कर सकते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं कि स्लिप्ड डिस्क की स्थिति में किस तरह के एक्सरसाइज से परहेज करने की जरूरत रहती है. 

  • सिट अप और क्रन्चेज - Sit ups and crunches : इस एक्सरसाइज में आगे बढ़ने से स्पाइन के डिस्क पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है, जो बिल्कुल भी ठीक नहीं है.
  • स्ट्रेट लेग रेज - Straight leg raise : पैर को ऊपर करने से स्पाइनल डिस्क पर प्रेशर पड़ता है. इसलिए इसे नहीं करना चाहिए.
  • स्क्वैट - Squat : इस एक्सरसाइज के दौरान शरीर का पूरा वजन पीठ के निचले हिस्से पर पड़ता है. इससे स्लिप डिस्क का दर्द बढ़ सकता है. 
  • स्टैन्डिंग हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच - standing hamstring stretch : इस स्ट्रेच में पीठ का निचला हिस्सा गोल हो जाता है. यह इंटर्वर्टेब्रल डिस्क पर दबाव डालता है. 
  • डेडलिफ्ट - Deadlift : इस एक्सरसाइज में इस्तेमाल होने वाला हेवी वेट स्पाइन और डिस्क पर स्ट्रेस डाल सकता है. 
  • लेग प्रेस - Leg press : इसे करने के दौरान भी स्पाइन गोल हो जाता है, जो कि डिस्क समस्याओं के लिए ठीक नहीं है. 
  • साइकलिंग - Cycling : इस पोस्चर में व्यक्ति को आगे बढ़ने की जरूरत पड़ती है, जो कि लुंबर हर्नियेटेड डिस्क के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है.

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स्लिप्ड डिस्क से ठीक होने में समय लगता है. इसे ठीक होने के लिए जरूरी है कि कुछ खास स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज की जाएं और कुछ एक्सरसाइज से परहेज किया जाए. स्लिप डिस्क की स्थिति में साइकिल चलाने जैसे एक्सरसाइज से परहेज करना चाहिए क्योंकि इस पोस्चर में व्यक्ति को आगे झुकने की जरूरत पड़ती है. इससे स्थिति और गंभीर हो सकती है.

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