वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स - Vesicoureteral Reflux in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

November 10, 2018

March 06, 2020

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स
वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स क्या है?

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स में मूत्र का प्रवाह गलत दिशा में होने लगता है, इस स्थिति में ब्लेडर से मूत्र वापस मूत्रवाहिनी में जाने लगता है। यह समस्या मुख्य रूप से शिशुओं और बच्चों में देखने को मिलते हैं। लेकिन वयस्कों को भी वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है। जन्म से होने वाले कुछ विकार व मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) की वजह से मूत्र वाहिनियों (मूत्र नली) और ब्लैडर के वाल्व सही तरह से कार्य नहीं कर पाते हैं, जिसके यह स्थिति उत्पन्न होती है।

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 वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स के लक्षण क्या हैं?

कई बच्चों में वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स होने पर भी कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। लेकिन जब ये होते हैं तो इसके होने की मुख्य वजह यूटीआई का बैक्टीरिया होता है। यूटीआई में भी लक्षण सामने नहीं आते हैं, लेकिन जब इसके लक्षण दिखाई देते हैं, तो रोगी को पेशाब जाने की तीव्र इच्छा होना, पेशाब करने में दर्द व जलन होना, पेशाब में खून और बदबू आना, कम मात्रा में पेशाब आना, बुखार होना, अचानक पेशाब आना और पेट में दर्द होना आदि जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं।

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वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स क्यों होता है?

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स होने के कई कारण होते हैं। इसके कुछ सामान्य कारणों में, माता-पिता या भाई-बहन को वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स होना, जन्म से ही स्पाइना बिफिडा जैसा न्यूरल ट्यूब विकार होना या अन्य मूत्र पथ संबंधी असामानता को शामिल किया जाता है। बचपन में लड़कों को यह रोग होना आम बात है, क्योंकि इस दौरान पेशाब करते समय लड़कों के पूरे मूत्र पथ पर अधिक दबाव बनाता है। 

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 वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स​​ का इलाज कैसे होता है?

अगर किसी वयस्क या बच्चे को वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स हो जाए तो डॉक्टर उसके रोग की ठीक से जांच करते हैं। इसकी स्थिति को समझने के लिए डॉक्टर कुछ तरह के टेस्ट करते हैं। इसका इलाज रोगी की समस्या और उसकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। जिन लोगों को समस्या कम होती है, आमतौर पर उनका वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स खुद ही ठीक हो जाता है। 

इसके अलावा वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स के इलाज में एंटीबॉयोटिक्स दवाएं व सर्जरी को भी शामिल किया जाता है। 

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