यूरिन इन्फेक्शन (मूत्र मार्ग संक्रमण) - Urinary Tract Infection (UTI) in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

June 22, 2018

April 24, 2023

यूरिन इन्फेक्शन
यूरिन इन्फेक्शन

यूरिन इन्फेक्शन या मूत्र मार्ग संक्रमण क्या होता है?

मूत्र मार्ग संक्रमण (मूत्र पथ संक्रमण या यूटीआई या पेशाब की नली में इन्फेक्शन) सूक्ष्मजीवों (बिना माइक्रोस्कोप के न दिखने वाले जीव) से होने वाला संक्रमण है। अधिकांश यूटीआई बैक्टीरिया के कारण होते हैं लेकिन कभी कभी यह फंगस और वायरस द्वारा भी फैलता है। यह मनुष्यों में होने वाला सबसे आम संक्रमण है।

यूटीआई आपके मूत्र मार्ग में कहीं भी हो सकता है। मूत्र मार्ग से तात्पर्य गुर्दे (Kidneys), मूत्रवाहिनी (Ureters), मूत्राशय (Bladder) और मूत्रमार्ग (Urethra) आदि से है। निचले मूत्र मार्ग संक्रमण (lower tract UTI) में मूत्राशय और मूत्रमार्ग तथा ऊपरी हिस्से में मूत्रवाहिनी और गुर्दे प्रभावित होते हैं। हालांकि निचले हिस्से का मूत्र मार्ग संक्रमण अधिक आम और गंभीर है।

बच्चों की तुलना में वयस्कों में यूरिन इन्फेक्शन अधिक होता है। पुरुषों की तुलना में यह संक्रमण लड़कियों और महिलाओं में ज्यादा होता है। इसका कोई प्रत्यक्ष कारण नहीं है लेकिन जननांगों की संरचना (मूत्रमार्ग का आकार में छोटा होना) कहीं न कहीं इसके लिए उत्तरदायी है।

लगभग 40% महिलाओं और 12% पुरुषों को उनके पूरे जीवनकाल में कभी न कभी यूरिन इन्फेक्शन होता है।

यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के प्रकार - Types of Urinary Tract Infection (UTI) in Hindi

मूत्र मार्ग संक्रमण (यूरिन इन्फेक्शन/ यूटीआई) मूत्र तंत्र के किसी भी हिस्से में होने वाला संक्रमण है। इन्हें इनकी स्थिति के आधार पर निम्नलिखित भागों में विभाजित किया गया है :

सिस्टाईटिस या मूत्राशय का संक्रमण (Cystitis or Bladder Infection)

यह मूत्राशय के भीतर होने वाला बैक्टीरियल संक्रमण है। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यीस्ट भी मूत्राशय के संक्रमण (Bladder infection) का कारण है।

यूरेथ्राइटिस या मूत्रमार्ग संक्रमण (Urethritis or Urethra infection)

यह भी बैक्टीरिया के कारण होने वाला संक्रमण है। इसमें मूत्रमार्ग (मूत्राशय से मूत्र को बाहर निकालने वाली नाली) में सूजन होने की वजह से मूत्र त्यागने में दर्द का अनुभव होता है। 

पाइलोनेफ्राइटिस या गुर्दा संक्रमण (Pyelonephritis or Kidney infection)

यह किडनी इन्फेक्शन गंभीर रूप से होने वाला संक्रमण है जिसमें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसमें बुखार, पेशाब में खून और श्रोणि (Groin) में दर्द होता है। गर्भवती महिलाओं को यह संक्रमण होने की सम्भावना अधिक होती है। 

(और पढ़ें - बुखार में क्या खाना चाहिए)

मूत्रवाहिनी (Ureters) में यह संक्रमण बहुत कम होता है।

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यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के लक्षण - Urinary Tract Infection (UTI) Symptoms in Hindi

निचले मूत्र मार्ग संक्रमण के लक्षण, संक्रमण की स्थिति (Location) पर निर्भर करते हैं जैसे :

  1. मूत्राशय में संक्रमण (Bladder Infection) होने पर मूत्रमार्ग और मूत्राशय की परत में सूजन आ जाना।
  2. पेशाब के दौरान दर्द या जलन [डिस्यूरिया (Dysuria)] महसूस होना।
  3. बार बार पेशाब लगना या रात में पेशाब करने के लिए उठना [नॉक्टूरिया(Nocturia)] और बहुत कम मात्रा में मूत्र होना।
  4. तत्काल पेशाब हो जाने का डर लगना।
  5. बदबूदार, और खूनी पेशाब होना। 
  6. पेट के निचले हिस्से या पेल्विस में दर्द होना।
  7. हल्का बुखार (101 फ़ारेनहाइट से कम) आना, ठंड लगना, और अस्वस्थ महसूस करना।

ऊपरी हिस्से में मूत्र पथ के संक्रमण (मूत्रवाहिनी और गुर्दे के संक्रमण) के निम्न लक्षण प्रदर्शित होते हैं :

  1. काफी तेज बुखार (101 फ़ारेनहाइट से अधिक) आना।
  2. ठंड से कंपकपी लगना।
  3. जी मिचलाना।
  4. उल्टी होना।
  5. फ्लेंक दर्द (Flank pain): यह शरीर के एक तरफ पेट के उपरी हिस्से और पीठ के बीच के क्षेत्र में होने वाला दर्द है। यह पसलियों के नीचे और श्रोणि के ऊपर एक ही ओर होता है।

इनके अलावा अन्य लक्षण भी मूत्र पथ के संक्रमण का संकेत कर सकते हैं जैसे :

  1. छोटे बच्चों में बुखार, पीलिया, उलटी, दस्त और चिड़चिड़ापन आदि लक्षण नज़र आते हैं। (और पढ़ें - दस्त के घरेलू उपचार)
  2. बुज़ुर्गों में बुखार या हाइपोथर्मिया (Hypothermia), भूख न लगना, सुस्ती और मूड बदलना आदि। 
  3. गर्भवती महिलाओं में यूटीआई से संक्रमित होने की संभावनाएं अधिक होती हैं। अगर कोई महिला गर्भवती है, तो बच्चे के जन्म के पूर्व होने वाली जांचों (Prenatal visits) में उसके मूत्र का परीक्षण भी करते रहना चाहिए क्योंकि अगर संक्रमण का पता नहीं लग पाता है तो यह  गर्भावस्था के के दौरान जटिलताओं का कारण बन सकता है।

मूत्र पथ के संक्रमण कभी कभी यौन संचारित रोग (sexually transmitted disease) भी हो सकता है। हालांकि कुछ लोगों में मूत्र पथ संक्रमण के कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं होते।

यूटीआई (यूरिन इन्फेक्शन) के कारण - Urinary Tract Infection (UTI) Causes in Hindi

यूरिन इन्फेक्शन कैसे और क्यों होता है?

अधिकांश यूरिन इन्फेक्शन / यूटीआई संक्रमण ई-कोलाई (E. coli) बैक्टीरिया के कारण होते हैं। यह बैक्टीरिया आमतौर पर पाचन तंत्र में मौजूद रहता है। क्लैमाइडिया (Chlamydia) और माइकोप्लाज्मा (Mycoplasma) बैक्टीरिया से मूत्रमार्ग का संक्रमण होता है लेकिन ये मूत्राशय को संक्रमित नहीं कर सकते।

किसी भी उम्र और लिंग के लोगों को यूटीआई संक्रमण हो सकता है। हालांकि, कुछ लोगों में इसके होने की सम्भावना अधिक होती है। यूटीआई संक्रमण निम्नलिखित कारणों से होता है :

  1. संभोग (विशेषकर यदि अधिक बार, तीव्र, और कई या नए लोगों के साथ किया जाये)।
  2. शुगर (मधुमेह)।
  3. अस्वच्छ रहने की आदत।
  4. मूत्राशय को पूरी तरह से खाली न करना।
  5. दस्त आना (Bowel incontinence)।
  6. मूत्र का अवरुद्ध प्रवाह। 
  7. पथरी
  8. गर्भनिरोधक का उपयोग।
  9. गर्भावस्था। 
  10. रजोनिवृत्ति। 
  11. कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system)। (और पढ़ें - प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ)
  12. शुक्राणुनाशकों (Spermicides) और टेम्पॉन का उपयोग।
  13. एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक उपयोग।
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यूटीआई (यूरिन इन्फेक्शन) से बचाव - Prevention of Urinary Tract Infection (UTI) in Hindi

आप निम्नलिखित उपाय अपनाकर यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई संक्रमण) से बचाव कर सकते हैं:

  1. अधिक से अधिक पानी पीने और मूत्र त्याग करने की आदत डालिये।
  2. शराब और कैफीन के सेवन से दूर रहें ये मूत्राशय में संक्रमण पैदा कर सकते हैं। 
  3. सेक्स के तुरंत बाद मूत्र त्याग करिये। (और पढ़ें - sex kaise kare)
  4. जननांगों को साफ रखें।
  5. नहाने के लिए बाथ टब का उपयोग करने से बचें।
  6. माहवारी के दौरान, टेम्पॉन की जगह सेनेटरी पैड या मेंस्ट्रुअल कप का उपयोग करें। (और पढ़ें - सेनेटरी पैड का उपयोग, चुनाव, लगाने का तरीका और इसे बदलने का सही समय)
  7. जन्म नियंत्रण के लिए शुक्राणुनाशकों (Spermicides) का उपयोग न करें।
  8. जननांगों में किसी भी प्रकार के सुगंधित उत्पादों का उपयोग करने से बचें।
  9. ढीले और कॉटन के अंडरवियर पहनें।

फिर भी अगर आपको यूटीआई संक्रमण के कोई भी लक्षण महसूस हो रहे हैं तो डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें।

मूत्र मार्ग संक्रमण (यूरिन इन्फेक्शन) का परीक्षण - Diagnosis of Urinary Tract Infection (UTI) in Hindi

यूटीआई संक्रमण (यूरिन इन्फेक्शन) के निदान के लिए डॉक्टर आपसे महसूस हो रहे लक्षणों के बारे में चर्चा करेंगे। उसके बाद वो आपको मूत्र परीक्षण कराने की सलाह देंगे। जिसकी रिपोर्ट से वो आपके शरीर में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाओं, लाल रक्त कोशिकाओं और बैक्टीरिया की उपस्थिति का आकलन करेंगे।

अगर किसी व्यक्ति को बार बार यूटीआई होता है तो डॉक्टर उसे निम्न जांचें कराने को कहते हैं :

  1. इमेजिंग (Imaging)- इसमें अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन, रेडिएशन ट्रैकिंग (Radiation tracking) या एक्स रे तकनीक का उपयोग कर के मूत्र पथ का मूल्यांकन किया जाता है।
  2. यूरोडायनामिक्स (Urodynamics)- मूत्र पथ कितनी अच्छी तरह से मूत्र का भंडारण और निष्कासन कर रहा है यह इस प्रक्रिया द्वारा जांचा जाता है।
  3. सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy)- इस प्रक्रिया में एक पतले ट्यूब की सहायता से कैमरे को मूत्रमार्ग के माध्यम से अंदर डालकर मूत्राशय और मूत्रमार्ग का आंकलन किया जाता है।
  4. इंट्रावेनस पयलोग्राम या आईवीपी (Intravenous Pyelogram or IVP)- इस प्रक्रिया में आपके हाथ की नसों में इंजेक्शन लगाकर डाई आपके शरीर में पहुंचायी जाती है। जो आपके मूत्र मार्ग से गुज़रती है और थोड़े समय बाद पेट का एक्स-रे लिया जाता है। एक्स-रे जांच में आपके मूत्र मार्ग का चित्र प्रदर्शित हो जाता है।

(और पढ़ें - यूरिन टेस्ट)

यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) का इलाज - Urinary Tract Infection (UTI) Treatment in Hindi

यूटीआई का उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है। डॉक्टर पहले इसके निदान के लिए जांच करवा कर इस बात की पुष्टि करेंगे कि आपको यूरिन इन्फेक्शन (मूत्र मार्ग संक्रमण) किस जीव की वजह से हुआ है।

ज्यादातर मामलों में, यह बैक्टीरिया के कारण होता है। बैक्टीरिया की वजह से हुये यूटीआई का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। (और पढ़ें - एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान)

कुछ मामलों में, यह वायरस या कवक (Fungi) के कारण भी होता है। वायरल यूटीआई का इलाज एंटीवायरल (Antiviral) दवाओं से किया जाता है। फंगल (Fungal) यूटीआई का इलाज एंटीफंगल (Antifungal) दवाओं से किया जाता है।

मूत्र मार्ग संक्रमण से पीड़ित लोगों को अधिक से अधिक तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है जिससे बार बार मूत्र त्याग करने से उनके शरीर से बैक्टीरिया निकल सकें। दर्द निवारक दवाओं का सेवन और पीठ तथा पेट में हीटिंग पैड से सिकाई करने से भी दर्द में आराम मिलता है।

आमतौर पर कम जटिल यूटीआई उन व्यक्तियों को भी हो सकता है जो साफ़ सफाई का ध्यान रखते हैं। यह इलाज द्वारा 2-3 दिनों में ठीक किया जा सकता है और जटिल यूटीआई ऐसे व्यक्तियों को होता है जो शारीरिक रूप से कमज़ोर होते हैं जैसे : गर्भवती महिलायें या वो व्यक्ति जिन्होंने हृदय प्रत्यारोपण कराया हो। जटिल यूटीआई के लिए लंबी अवधि के लिए (लगभग 7-14 दिन) एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने की आवश्यकता होती है।

यूटीआई का इलाज करने के लिए अगर लापरवाही बरती गयी तो यह किडनी इन्फेक्शन भी कर सकता है। अगर निम्न परिस्थितियां आपके साथ भी हैं तो इससे संक्रमित होने पर आपको अस्पताल जाना पड़ सकता है :

  1. अगर आप गर्भवती, बुजुर्ग या बीमार हैं। 
  2. यदि कैंसर, शुगर, मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple Sclerosis), रीढ़ की हड्डी में चोट या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं।
  3. पथरी या मूत्र मार्ग सर्जरी हुई है।
  4. महिलाओं में बार बार संक्रमण होने पर।

जिन महिलाओं को बार बार मूत्र पथ संक्रमण होता है वो निम्न उपाय अपना सकती हैं :

  1. यौन संपर्क के बाद एंटीबायोटिक की एक खुराक लें।
  2. कम से कम 6 महीने तक रोज़ एक खुराक एंटीबायोटिक लें।
  3. अगर आपको रजोनिवृत्ति हो चुकी है तो आप योनि एस्ट्रोजन थेरेपी (vaginal estrogen therapy) भी अपना सकती हैं।
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यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के नुकसान - Urinary Tract Infection (UTI) Complications in Hindi

यूटीआई संक्रमण के जोखिम सामान्यतः पुरुषों और महिलाओं में एक सामान होते हैं लेकिन पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate Gland) का बड़ा होना एक विशेष कारण है। जीवन शैली में निम्नलिखित परिवर्तन यूरिन इन्फेक्शन (मूत्र मार्ग संक्रमण) होने के जोखिम को कम कर सकते हैं :

छोटा मूत्रमार्ग (Shorter urethra)

महिलाओं में मूत्रमार्ग की लंबाई और स्थिति यूटीआई संक्रमण के जोखिम को बढ़ा देती है। महिलाओं में मूत्रमार्ग पुरुषों की तुलना में छोटा होता है जिस कारण बैक्टीरिया मूत्राशय तक जल्दी पहुंच जाते हैं और संक्रमण का कारण बनते हैं।

संभोग (Sexual intercourse)

यौन संभोग के दौरान महिलाओं के मूत्र मार्ग पर दबाव पड़ता है। जिस कारण बैक्टीरिया गुदा (Anus) से मूत्राशय तक पहुंच जाते हैं। अधिकतर महिलाओं में सम्भोग के बाद त्यागे गए मूत्र में बैक्टीरिया की उपस्थिति पायी गयी है। हालांकि आमतौर पर 24 घंटे के भीतर शरीर इन बैक्टीरिया से छुटकारा पा सकता है। आंत के बैक्टीरिया (Bowel bacteria) मूत्राशय से चिपक जाते हैं और संक्रमण पैदा करते हैं।

शुक्राणुनाशक (Spermicides)

शुक्राणुनाशक यूटीआई जोखिम बढ़ा सकते हैं। कुछ महिलाओं में ये त्वचा में जलन पैदा करते हैं। यह मूत्राशय में बैक्टीरिया के संक्रमण के जोखिम को बढ़ाता है।

कंडोम का उपयोग (Use of Condom)

गैर-स्नेहनयुक्त (Non lubricated) कंडोम संभोग के दौरान महिलाओं की त्वचा में घर्षण (Friction) और जलन पैदा करते हैं। इससे यूटीआई के संक्रमण की सम्भावना बढ़ती है।

(और पढ़ें - महिला कंडोम का उपयोग)

डायफ्राम (Diaphragms)

डायफ्राम महिलाओं के मूत्रमार्ग पर दबाव डालता है जिस कारण मूत्र त्यागने के दौरान मूत्राशय पूरा खाली नहीं हो पाता और संक्रमण का कारण बनता है।

एस्ट्रोजन के स्तर में कमी (Decrease in estrogen levels)

रजोनिवृत्ति के बाद, शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर में कमी आ जाती है जिस कारण योनि में सामान्य बैक्टीरिया बदल जाते हैं। जो यूटीआई के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

यूरिन इन्फेक्शन में कौन सा इंजेक्शन इस्तेमाल होता है? - Which injection is used to treat a Urinary Tract Infection (UTI) in Hindi?

गंभीर मूत्र पथ इन्फेक्शन के लिए मेरोपेनम और वबरबैक्टम इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा, किडनी इंफेक्शन में भी इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. मेरोपेनम मुख्य रूप से कार्बेपनेम एंटीबायोटिक्स प्रकार की दवा है, जो बैक्टीरिया को मारने का काम करती है. वहीं, वबरबैक्टम को बीटा-लैक्टामेज इनहेबिटर दवाइयों में शामिल किया गया है.

यूरिन इन्फेक्शन में कौन सी दवा दी जाती है? - Which Medicine is Given for Urine Infection in Hindi?

यूरिन इंफेक्शन की जांच के लिए डॉक्टर सबसे पहले यूरीन का सैंपल लेंगे. इस लैब में टेस्ट करने के बाद इसकी पुष्टि करेंगे कि यूटीआई की समस्या है या नहीं. इसके बाद लैब में जांच की जाएगी कि किस बैक्टीरिया के कारण यूटीआई की परेशानी हुई है. उसी के आधार पर डॉक्टर दवा देंगे. डॉक्टर मरीज की स्थिति के अनुसार एमोक्सीसिलिन/ऑगमेंटिन, सेफ्ट्राइएक्सोन, सेफैलेक्सिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन, फोसफोमाइसिन, लेवोफ्लाक्सासिन, नाइट्रोफ्यूरेंटोइन और ट्राइमेथोप्रिम में से कोई भी दवा दे सकते हैं.

यूरिन इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है? - How Long Does a Urinary Tract Infection Last in Hindi?

अगर यूटीआई की समस्या गंभीर नहीं है, तो 3 दिन तक एंटीबायोटिक दवा लेने और खुद को हाइड्रेटेड रखने से आराम मिल सकता है. वहीं, कुछ मामलों में इलाज 7-10 दिन तक भी चल सकता है. गंभीर यूटीआई मामले में एंटीबायोटिक्स का कोर्स 2 सप्ताह या उससे अधिक समय तक चल सकता है. साथ ही मरीज के ठीक होने की अवधि निम्न कारणों पर भी निर्भर करती है -

  • किस बैक्टीरिया के कारण संक्रमण हुआ है.
  • किस प्रकार की दवा दी जा रही है.
  • मरीज की मेडिकल हिस्ट्री क्या है.

आमतौर पर दवा शुरू करने के बाद दर्द और बार-बार पेशाब जाने की समस्या ठीक हो सकती है, लेकिन एंटीबायोटिक का पूरा कोर्स करना जरूरी है, ताकि इंफेक्शन पूरी तरह से खत्म हो जाए.



संदर्भ

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यूरिन इन्फेक्शन (मूत्र मार्ग संक्रमण) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Urinary Tract Infection (UTI) in Hindi

यूरिन इन्फेक्शन (मूत्र मार्ग संक्रमण) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

यूरिन इन्फेक्शन (मूत्र मार्ग संक्रमण) पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 4 साल पहले

मुझे यूरिन इंफेक्शन हो गया है। मैं जानना चाहता हूं कि इसे ठीक होने में कितने दिन लगते हैं?

Dr. Joydeep Sarkar MBBS , कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, श्वास रोग विज्ञान, गुर्दे की कार्यवाही और रोगों का विज्ञान, हीपैटोलॉजी (यकृत पित्त अग्न्याशय चिकित्सा ), आंतरिक चिकित्सा, मधुमेह चिकित्सक

यूरिन इंफेक्शन को ठीक किया जा सकता है। जब आप इस संक्रमण के लिए ट्रीटमेंट लेना शुरू करते हैं, तो इसके ज्यादातर लक्षण 24 से 48 घंटों के अंदर चले जाते हैं। अगर आपको किडनी इंफेक्शन है, तो लक्षणों को ठीक होने में 1 हफ्ता या इससे ज्यादा समय भी लग सकता है।

सवाल लगभग 4 साल पहले

मुझे यूरिन इंफेक्शन हो गया है और कल मैंने पत्नी के साथ सेक्स किया था। क्या यह इंफेक्शन मेरी पत्नी में भी संचारित हो सकता है?

Dr. Joydeep Sarkar MBBS , कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, श्वास रोग विज्ञान, गुर्दे की कार्यवाही और रोगों का विज्ञान, हीपैटोलॉजी (यकृत पित्त अग्न्याशय चिकित्सा ), आंतरिक चिकित्सा, मधुमेह चिकित्सक

यूरिन इंफेक्शन, यौन संबंध से नहीं फैलता है और न ही यह संक्रामक है, लेकिन यौन संबंध के दौरान कुछ ऐसे बैक्टीरिया आपके पार्टनर में पारित हो सकते हैं, जो यूरिन इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार होते हैं। कुछ मामलों में यूरिन इंफेक्शन यौन संबंध बनाने का साइड इफेक्ट (दुष्प्रभाव) हो सकता है, जैसे क्लैमाइडिया और ट्राइकोमोनिएसिस। क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाला यौन संचारित रोग है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को संक्रमित कर सकता है। महिलाओं को गर्भाशय ग्रीवा, मलाशय या गले में क्लैमाइडिया हो सकता है, जबकि पुरुषों में यह मूत्रमार्ग (लिंग के अंदर), मलाशय या गले में हो सकता है। ट्राइकोमोनिएसिस एक आम यौन संचारित रोग है, जो कि ट्राइकोमोनास वेजिनेलिस नामक एक प्रोटोजोआ परजीवी के संक्रमण के कारण होता है। इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं।

सवाल लगभग 4 साल पहले

मुझे यूरिन इंफेक्शन है और कुछ दिनों से मैंने अपनी पत्नी के साथ सेक्स भी नहीं किया है। क्या बिना सेक्स के भी यह संक्रमण मेरी पत्नी में संचारित हो सकता है?

Dr. Ajay Kumar MBBS, MD , मनोचिकित्सा, सामान्य चिकित्सा, संक्रामक रोग, सेक्सोलोजी, आंतरिक चिकित्सा, वेनेरोलॉजी, मधुमेह चिकित्सक

यह इंफेक्शन यौन संबंध बनाने से नहीं फैलता है। यह बैक्टीरिया की वजह से होने वाला संक्रमण है। जब बैक्टीरिया मूत्र मार्ग के अंदर पहुंच जाते हैं, तो यह मूत्र मार्ग को संक्रमित कर देता है। यही कारण है, जिसकी वजह से यौन संबंध बनाने से महिलाओं को अक्सर मूत्र मार्ग में संक्रमण हो जाता है। यूटीआई संक्रामक नहीं होता है, इसलिए आपको यह परेशानी किसी संक्रमित व्यक्ति से नहीं हो सकती है।

सवाल लगभग 4 साल पहले

मेरी उम्र 28 साल है, मेरी शादी भी हो चुकी है। मेरे पति और मेरे बीच बहुत लड़ाई होती है, जिस वजह से मैं हमेशा परेशान रहती हूं। कल पेशाब करते समय मुझे जलन महसूस हो रही थी, जिसके बाद मैंने डॉक्टर से जांच करवाई जिसमें पता चला कि मुझे यूरिन इंफेक्शन है। मैं इसके लिए अभी ट्रीटमेंट ले रही हूं। मैं जानना चाहती हूं कि क्या तनाव की वजह से भी यूरिन इंफेक्शन हो सकता है?

Dr. Ajay Kumar MBBS, MD , मनोचिकित्सा, सामान्य चिकित्सा, संक्रामक रोग, सेक्सोलोजी, आंतरिक चिकित्सा, वेनेरोलॉजी, मधुमेह चिकित्सक

ट्राइकोमोनिएसिस, क्लैमाइडिया और वायरस की वजह से आपको मूत्र मार्ग में संक्रमण हो सकता है। ये समस्याएं आपको लो रेसिस्टेंस, खराब डाइट, तनाव, शिशु के जन्म के बाद मूत्राशय में क्षति पहुंचना, सर्जरी और कैथीटेराइजेशन (मूत्र नली) में किसी तरह की गड़बड़ी की वजह से हो सकती है।